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उत्तराखंड के मुख्य सचिव को मिली PM मोदी की शाबाशी

सौर पंप कार्यक्रम में भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने वाले दस राज्यों में उत्तराखंड ने भी अपनी जगह बनाई है। इस दिशा में हुए बेहतर काम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की तारीफ की। वे बुधवार को देशभर के सभी मुख्य सचिवों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए रूबरू थे।
मोदी ने यह भी कहा कि बिजली या डीजल से चलने वाले ज्यादा से ज्यादा पंप सेट को सौर ऊर्जा में परिवर्तित किया जाए। इसके अलावा उन्होंने तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के अलावा आपदा प्रबंधन की तैयारियों के बारे में मुख्य सचिव से जानकारी ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह से प्रगति (प्रोएक्टिव गवेर्नेस एंड टाइमली इप्लीमेंटेशन) के तहत जोशीमठ में बन रही तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के बारे में जानकारी ली।
मुख्य सचिव ने बताया कि 3846 करोड़ रुपये से निर्माणाधीन 520 मेगावॉट की रन ऑफ द रिवर परियोजना से उत्तर भारत के राज्यों को बिजली मिलेगी। इसमें 130 मेगावाट क्षमता की चार यूनिट होंगी। एनटीपीसी को जोशीमठ के भलगांव में चुगान की अनुमति उत्तराखंड सरकार ने दे दी है।
नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के इको सेंसिटिव जोन के परिसीमन को हटाने (डीलिमिटेशन) के बारे में कैबिनेट में फैसला हो गया है। इसे मंजूरी के लिए नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्ड लाइफ को भेजा जा रहा है। बताया गया कि इस परियोजना में 12 किमी की सुरंग बननी थी। सात किमी सुरंग बन चुकी थी लेकिन दैवीय आपदा के दौरान यह क्षतिग्रस्त हो गयी।
इसे दोबारा बना लिया गया है। शेष सुरंग बनाने का कार्य चल रहा है। राज्य सरकार ने 29000 निजी नलकूपों को सौर पंप में परिवर्तित करने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा है। इसकी अनुमानित लागत 1362 करोड़ रुपये है। बाढ़ से बचाव की तैयारियों के बारे में मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य ने फ्लड प्लेन जॉनिंग एक्ट-2013 बनाकर लागू किया है।
इसके तहत बाढ़ संभावित क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है। पर्वतीय नदियों से गाद देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर की नदियों में जमा होे जाती है। इन जनपदों में नदियों में जमा गाद को हटाने के लिए चुगान की अनुमति दी गई है। एसडीआरएफ के 425 जवान सात संवेदनशील स्थानों पर तैनात हैं। इसके अलावा 107 रेस्क्यू टीम भी तैयार हैं। सभी जनपदों में राहत एवं बचाव कार्य की मॉक ड्रिल कर ली गई है।

उत्तराखंड में आईटी सेक्टर को मिलेगा नया औद्योगिक पैकेज

उत्तराखंड में आईटी और आईसीटी इंडस्ट्री को आकर्षित करने के लिए सरकार नया औद्योगिक पैकेज लाने जा रही है। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने इसके लिए आईटी इंडस्ट्री उत्पादन क्षेत्र के 10 अग्रणी राज्यों की स्टडी के बाद यह पैकेज तैयार किया है।
राज्य में सिडकुल के अधीन नए आईटी और इलेक्ट्रोनिक्स इंडस्ट्री क्षेत्र विकसित करने के साथ उद्योगों को विभिन्न करों में छूट, स्टांप शुल्क में रियायत और रियायती दरों पर भूमि उपलब्ध कराने जैसे प्रावधान इसमें रखे गए हैं। पालिसी ड्राफ्ट को सचिव समिति की बैठक में रखा जा चुका है अब ड्राफ्ट का अंतिम प्रारूप सरकार के समक्ष रखा जाएगा।
बंगलूरू और हैदराबाद जैसे आईटी इंडस्ट्रियल हब प्रदेश में विकसित करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग विशेष पैकेज तैयार कर रहा है। आईटी उद्योग को आकर्षित करने के लिए अब तक हुए प्रयासों का प्रभावी नहीं रहे। विभाग अब नए सिरे से पालिसी पर काम कर रहा है, जिसमें राज्य की इंडस्ट्रियल एसोसिएशनों के साथ वार्ता कर तैयार किया गया है। तैयार ड्राफ्ट को सचिव समिति की बैठक में 14 जून को रखा जा चुका है, जिसमें आए सुझावों के बाद बदलाव कर फाइनल कर दिया गया है।
प्रदेश में आईटी और इलेक्ट्रोनिक की बड़ी कंपनियों में माइक्रोमैक्स और एचपी ही हैं। माइक्रोमैक्स दो माह पूर्व प्रदेश में इंफोर्मेशन और कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए अलग से पॉलिसी नहीं होने के चलते इंडस्ट्री शिफ्ट करने की चेतावनी दे चुकी है। अन्य राज्यों में जो सहूलियतें आईटी और आईसीटी इंडस्ट्री को मिल रही हैं वही कंपनी यहां भी चाहती है। दो बड़ी कंपनियों के अलावा प्रदेश में 60 छोटी इकाइयां भी काम कर रही हैं।

इंग्लैंड के प्रिंस चार्ल्स के साथ बुआई करने वाले बैल चोरी

इंग्लैंड के प्रिंस चार्ल्स ने देहरादून के नवधान्य फार्म में किसान बनकर जिस लालू और धोरिया के साथ जौ का बीज बोया था वे लालू और धोरिया नामक दोनों बैल सोमवार की रात चोरी हो गए। इनके अलावा बैलों की एक और जोड़ी नवधान्य फार्म गायब हो गई है।
इंग्लैंड के राजकुमार चार्ल्स सात नवंबर 2013 को दून के रामगढ़ गांव आए थे। यहां स्थित नवधान्य जैविक फार्म में उन्होंने लालू और धोरिया बैलों के साथ जौ की बुआई की।
करीब सवा घंटे चार्ल्स खेत में रहे और प्रसिद्ध पर्यावरणविद एवं नवधान्य की संस्थापक डॉ. वंदना शिवा से उन्होंने किसानों के बारे में जानकारी ली थी।
नवधान्य के कार्यकारी निदेशक डॉ. विनोद भट्ट ने बताया कि प्रिंस चार्ल्स ने जिस बैल की जोड़ी से सात नवंबर 2013 को नवधान्य फार्म पर हल चलाया था, बैलों की वह जोड़ी एवं एक अन्य जोड़ी सोमवार की रात फार्म से चोरी हो गई है।
स्थानीय पुलिस में इसकी रिपोर्ट लिखाई गई है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि चोर उन्हें शीशम बाड़ा के जंगल से शिवालिक की पहाड़ियों से ले गए हैं।

रेप पीड़िता के साथ सेल्फी खींचकर तफरी करती दिखीं महिला आयोग की सदस्य

ज्यादा दिन नहीं हुए जब राजस्‍थान से आई एक खबर ने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया था। खबर थी एक विवाहिता पर उसके ससुरालियों द्वारा किए गए जुल्मों की, जिसमें उसके साथ पति की शह पर गैंगरेप करते हुए उसके हाथ पर लिख दिया गया था ‘मेरा बाप चोर है।’
ऐसे में जब हर किसी की सहानभूति उस पीड़िता के साथ है और हर कोई उसे न्याय दिलाना चाहता है तब उससे मिलने पहुंची राजस्‍थान महिला आयोग की सदस्याएं तफरी के मूड़ में दिखीं। आयोग की अध्यक्षा और एक सदस्या तो पीड़िता के साथ सेल्फी खींचने में लगी रही।
इसकी तस्वीरें वायरल हुई तो मामले में लीपापोती भी ऐसी कि सुनने वाले ताज्जुब में पड़ जाएं। आयोग अध्यक्षा ने सेल्फी खींचने वाली सदस्य को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है जबकि वह खुद उस समय मौके पर मौजूद थीं।
जानकारी के अनुसार मामला राजस्‍थान की राजधानी जयपुर का है। जहां जयपुर उत्तर के महिला थाने में मौजूद पीड़िता से मिलने के लिए आयोग की अध्यक्षा सुमन शर्मा और सदस्य सौम्या गुर्जर गईं थी। इसी दौरान पीड़िता से बातचीत के बाद सौम्या गुर्जर उसके साथ सेल्फी खींचने लगी।
खास बात ये रही कि उनके साथ अध्यक्ष सुमन शर्मा भी उस समय वहीं पर थी। इस दौरान दोनों खूब खिलखिलाकर पीड़िता से बातचीत कर रही ‌थीं। आयोग की दोनों सदस्यों का यह संवेदनहीन रवैया पूरे आयोग को कटघरे में खड़ा करने वाला है, क्योंकि जब उन्हें पीड़िता के साथ संवेदना बरतते हुए उसके दुख को कम करने का प्रयास करना चाहिए था तब वह तफरी के मूड़ में दिखीं।
बहरहाल तस्वीरें खींची गईं थी तो सामने भी आनी थी। खासकर ये सोशल मीडिया में आई तो इनको लेकर बवाल मच गया। देखते ही देखते यह तस्वीरें वायरल हुई तो हंगामा खड़ा हो गया। इसके बाद महिला आयोग बैकफुट पर आ गया।
मीडिया में यह मामला आया तो आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा ने सदस्य सौम्या गुर्जर को नोटिस भेजकर जवाब मांग लिया, लेकिन सवाल ये है कि जब वह खुद मौके पर मौजूद थीं और सेल्फी खिंचवाने में लगी थी तब सवाल जवाब की खानापूर्ति से क्या हासिल होगा।
हालांकि आयोग की अध्यक्ष की दलील है कि यह फोटो किसी और ने खींच कर डाला है सेल्फी नहीं ली गई थी। हालांकि तस्वीर उनके इस बयान की चुगली कर रही है। वहीं इससे पहले उन्होंने टीवी पर सफाई दी थी कि आमतौर पर जब हम ऐसी जगह जाते हैं तो पीड़िता काफी डरी सहमी होती है इसलिए उसका मन हल्का करने के लिए इस तरह की हल्की फुल्की बातें की जाती थी। सेल्फी भी इसी लिए ली गई थी। मामले पर विवाद शुरू हुआ तो तुरंत उनके सुर बदल गए।

चांदीपुर में भारत-इस्राइल की मिसाइल का सफल परीक्षण

बालेश्वर। भारत ने इस्राइल के साथ संयुक्त रूप से विकसित की गई सतह से हवा में मार करने वाली एक नई मिसाइल का आज सफलतापूर्वक प्रायोगिक परीक्षण किया। यह परीक्षण ओडिशा के तट के पास स्थित रक्षा ठिकाने से किया गया। डीआरडीओ के एक अधिकारी ने कहा कि मध्यम दूरी की मिसाइल (एमआर-एसएएम) भारत और इस्राइल के साझा उपक्रम का एक उत्पाद है। इसे चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से सुबह लगभग आठ बजकर 15 मिनट पर एक मोबाइल लॉन्चर की मदद से दागा गया।
उन्होंने कहा कि यह प्रायोगिक परीक्षण सफल रहा और इसने सभी लक्ष्य पूरे कर लिए। अधिकारियों ने कहा कि मिसाइल को आईटीआर के लॉन्च पैड-3 पर रखा गया था। यह रेडारों से सिग्नल मिलने के बाद सक्रिय हो गई थी। मिसाइल द्वारा बंगाल की खाड़ी के उपर गतिशील हवाई लक्ष्य को अवरूद्ध किए जाने में मानवरहित वायुयान (यूएवी) ‘बेंशी’ की एक अहम भूमिका रही।
उन्होंने कहा कि इस पूरी प्रणाली में मिसाइल के अलावा बहु संचालनात्मक निरीक्षण और खतरे की सूचना देने वाला रेडार (एमएफ एसटीएआर) लगा है ताकि मिसाइल और उसके रास्ते की पहचान की जा सके और उसका दिशानिर्देशन किया जा सके।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिक ने कहा कि एमएफ-स्टार के साथ यह मिसाइल प्रयोगकर्ताओं को हवाई खतरों को अप्रभावी करने की क्षमता से लैस करेगी। डीआरडीओ की हैदराबाद स्थित भारतीय रक्षा अनुसंधान प्रयोगशाला (डीआरडीएल) ने इस्राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्री के साथ मिलकर संयुक्त रूप से यह मिसाइल विकसित की है।
सतह से हवा में लंबी और मध्यम दूरी तक की मारक क्षमता रखने वाली ऐसी 100 मिसाइलों का प्रति वर्ष उत्पादन करने के लिए मेसर्स भारत डायनेमिक्स लिमिटेड में एक नई उत्पादन इकाई की स्थापना की गई है। इस मिसाइल का परीक्षण कल ही होना था लेकिन अंतिम समय पर इसे आज के लिए टाल दिया गया था।
अधिकारियों ने कहा कि इससे पहले, भारतीय नौसेना ने सतह से हवा में लंबी दूरी तक की मारक क्षमता रखने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। यह परीक्षण 30 दिसंबर 2015 को पश्चिमी समुद्री तट पर आईएनएस कोलकाता से किया गया था।
उन्होंने कहा कि सतह से हवा में मारने वाली इस तरह की मध्यम दूरी की मिसाइलों की मारक क्षमता 50 से 70 किलोमीटर की होती है। ये मिसाइलें भारत के अस्त्रागार में फिलहाल मौजूद मिसाइलों के अंतर को पाट सकती हैं।
प्रयोगकर्ता परीक्षण की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद इन मिसाइलों को तीनों सेवाओं में शामिल किया जाएगा। जिला राजस्व अधिकारी ने कहा कि मिसाइल का सफल परीक्षण सुनिश्चित करने के लिए बालेश्वर जिला प्रशासन ने रक्षा अधिकारियों से परामर्श करके आईटीआर के लॉन्च पैड संख्या 3 के ढाई किलोमीटर के दायरे में रहने वाले 3652 नागरिकों को अस्थायी रूप से पास के आश्रय केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया। बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित ओडिशा के तीन जिलों- बालेश्वर, भद्रक और केंद्रपाड़ा के मछुआरों से कहा गया था कि वे परीक्षण के समय समुद्र में न जाएं।

रमजान में दंगा भड़काना चाहता था ISIS, मंदिर में बीफ के टुकड़े रखने की थी योजना

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को हैदराबाद में 9 जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की. इस दौरान बर्बर आतंकी संगठन ISIS से संबंध रखने वाले 5 युवाओं को गिरफ्तार किया गया, जबकि 6 अन्य को हिरासत में रखकर पूछताछ भी की जा रही है. जांच एजेंसी का कहना है कि आईएस रमजान के पाक महीने में दंगा भड़काने की साजिश रच रहा था. यही नहीं, इसके लिए चारमीनार के पास मंदिर में गोमांस रखने की भी योजना थी.
एनआईए को बुधवार की छापेमारी में गिरफ्तार युवाओं के पास से शक्तिशाली बम और करीब 15 लाख रुपये कैश भी मिले हैं. जांच एजेंसी ने खुलासा किया है कि आतंकी संगठन की योजना हैदराबाद शहर को धमाकों से दहलाने की थी. वो शहर के वीवीआईपी और भीड़भाड़ वाले इलाकों को निशाना बनाना चाहते थे. लेकिन, उनका मुख्य मकसद शहर में सद्भाव बिगाड़ने और दंगा भड़काने की थी. इसके लिए वो चारमीनार के पास स्थित भाग्यलक्ष्मी मंदिर में गोमांस और भैंस का मीट रखने वाले थे.
जांच एजेंसी के मुताबिक आईएस का हैदराबाद से गिरफ्तार युवा आईएस के हैंडलर शफी अरमर के साथ नियमित रूप से संपर्क में थे. इन युवकों पर पिछले 4-5 महीनों से एनआईए नजर बनाए हुए था.
एनआईए ने 25 जून को इन युवकों की टेलिफोन पर हुई बातचीत को सुनने के बाद संदिग्धों को हिरासत में लेने का करने का फैसला किया. एनआईए के सूत्र ने बताया, ‘बातचीत के दौरान एक संदिग्ध ने दूसरे व्यक्ति से फोन पर उस दिन गाय और भैंस के मांस के चार-चार टुकड़े, और अगले दिन गोमांस के सात टुकड़े लाने को कहा.’ सूत्र ने बताया कि हमला अगले कुछ दिनों में हो सकता था और मॉड्यूल के लिए फंड दुबई के रास्ते निकल चुका था.
एनआईए ISIS के हैदराबाद मॉड्यूल के भंडाफोड़ को बड़ी सफलता मान रही है, क्योंकि यह भारत में आईएस से प्रेरित पहला बड़ा आधुनिक हथियारबंद गुट है. हालांकि इससे पहले रूड़की में मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ था, लेकिन उसके पास मिले हथि‍यार इतने चिंताजनक नहीं थे.
एनआईए के एक अधिकारी ने कहा, ‘गोमांस को लेकर टेलिफोन पर हुई बातचीत के बाद एनआईए ने एक्शन लेने का फैसला किया. हमारा अनुमान है कि आईएस से प्रेरित ये युवा, जो सीरिया में बैठे हैंडलर आमिर से संपर्क में थे, वीवीआईपी और मॉल्स, शॉपिंग सेंटर्स, चारमीनार के आसपास के इलाकों को निशाना बनाना चाहते थे. इसके साथ ही करीब के मंदिरों में गोमांस प्लांट करना चाहते थे. इसमें भाग्यलक्ष्मी मंदिर भी एक संभावित निशाना हो सकता था.’ एनआईए सूत्र ने आशंका जताई है कि आमिर ही शफी अरमर उर्फ यूसुफ अल हिन्दी है.
गौरतलब है कि खुफिया इनपुट के आधार पर बुधवार सबुह हैदराबाद शहर के करीब 9 जगहों पर एनआईए ने छापेमारी की है. NIA ने मामले में 22 जून को ही एक FIR दर्ज किया था, जिसके तहत बुधवार को 5 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. जांच एजेंसी ने UAPA, 121A,122 और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है. एफआईआर में मो इलियास यजदी (अमान नगर, हैदराबाद), मोहम्मद इब्राहिम यजदी (अमान नगर), हबीब बरकस, मो. इरफान (चट्टा बाजार) और अब्दुल्ला बिन अहमद अलमुदि उर्फ फहद (चार मीनार) के नाम शामिल हैं.
एजेंसी बाकी के 6 युवकों से पूछताछ कर रही है. जिन 5 लोगों को गिरफ्तार किया है, उनसे पूछताछ के बाद ही बाकी के 6 लोगों को हिरासत में रखा गया है. बताया जाता है कि बुधवार को छापेमारी में इन 11 युवकों के पास से 15 लाख रुपये, 25 मोबाइल फोन, एक एयरगन, एयरगन की ट्रेनिंग के लिए टारगेट, बम बनाने के लिए नट बोल्ट, नाइट्रेट कैमिकल और IED की बरामदगी हुई है.

मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल और विस्तार से पहले मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड देखेंगे PM मोदी

नई दिल्‍ली: आगामी 18 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में नए मंत्रियों के शामिल होने और कुछ जूनियर मंत्रियों की तरक्‍की की संभावना है। सरकार के सूत्रों ने यह जानकारी दी। खबर यह भी है कि कैबिनेट विस्तार से पहले पीएम नरेंद्र मोदी आज मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। गुरुवार शाम चार बजे पीएम की मुलाकात मंत्रियों से होगी जहां वह अपने काम का रिपोर्ट कार्ड देंगे, जिसके बाद उनके काम की समीक्षा होगी। इससे पूर्व बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बीच इस मामले पर 5 घंटे बैठक चली।
कैबिनेट में इस बदलाव की घोषणा 6 जुलाई से पहले किए जाने की संभावना है, जब प्रधानमंत्री मोदी अफ्रीका दौरे के लिए रवाना होंगे। दो प्रमुख राज्‍य मंत्रियों, पीयूष गोयल और धमेंद्र प्रधान को कैबिनेट रैंक पर पदोन्‍नत किया जा सकता है। कुछ खाली जगहों को भी भरे जाने की संभावना है। सर्बानंद सोनोवाल ने असम के मुख्‍यमंत्री की कमान संभाली, जबकि रावसाहेब पाटिल दनवे ने महाराष्‍ट्र बीजेपी के अध्‍यक्ष बनाए जाने के बाद इस्‍तीफा दे दिया था। जूनियर मंत्रियों को पंजाब, उत्‍तराखंड और उत्तर प्रदेश के चुनावों को देखते हुए इन राज्‍यों की कमान दिए जाने की उम्‍मीद है। कैबिनेट विस्तार से पहले जुलाई के शुरूआती हफ्ते में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह भी अपनी टीम का पुनर्गठन करने वाले हैं। इसमें राष्ट्रीय कार्यकारिणी का पुनर्गठन होगा, वहीं संसदीय बोर्ड में बदलाव की संभावना नहीं है।
सूत्रों का कहना है कि कुछ मंत्रियों के विभागों में अदला-बदली की जा सकती है। कानून मंत्री सदानंद गौड़ा को मदद देने के लिए उनके साथ एक ताकतवर राज्‍यमंत्री को लगाया जा सकता है। कैबिनेट में 82 से ज्‍यादा मंत्री नहीं हो सकते, जबकि वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित इसमें 70 सदस्य हैं। उत्‍तर प्रदेश से करीब दर्जन भर मंत्री हैं, जहां अगले साल चुनाव होने है। देश के सर्वाधिक आबादी वाले इस राज्‍य के परिणाम से 2019 के लोकसभा चुनावों के संभावित परिणामों का आकलन किया जाएगा। कैबिनेट पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्‍त मंत्री अरुण जेटली और बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह के बीच बुधवार शाम बैठक हुई है। नाम न छापने की शर्त पर सरकार के सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

अमेरिका की दो टूक, 'एक देश नहीं रोक सकता NSG में भारत की राह'

अमेरिका ने कहा है कि न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप की सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी पर बनी अंतरराष्ट्रीय सहमति को कोई एक देश नहीं रोक सकता है। अमेरिका के राजनीतिक मामलों के उपमंत्री थॉमस शैनान ने कहा कि ऐसा करने वाले देश को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
शैनान ने सोल में भारत को सफलता न मिलने पर अफसोस जताते हुए कहा कि अमेरिका परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता के लिए प्रतिबद्ध है। उनका यह बयान दक्षिण कोरिया के सोल में हुए एनएसजी के सम्मेलन के एक हफ्ते बाद आया है। सम्मेलन में चीन के विरोध के बाद भारत की दावेदारी पर सहमति नहीं बन पाई थी।
चीन ने कहा था कि भारत ने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर दस्तखत नहीं किए हैं। इसलिए उसे एनएसजी की सदस्यता नहीं मिल सकती है, क्योंकि सदस्यता के लिए यह बुनियादी शर्त है।
दिल्ली में मंगलवार को भारतीय अधिकारियों से मुलाकात के बाद अमेरिकी नेता ने कहा भारत का मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर) में प्रवेश बताता है कि भारत जिम्मेदार और परमाणु अप्रसार का महत्वपूर्ण खिलाड़ी है।
थॉमस शैनान ने कहा कि अब दोनों देशों को मिलबैठ कर इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि सोल में क्या कमी रह गई और अगली बार उन कमियों को दूर करने की जरूरत है जिससे की सदस्यता सुनिश्चित हो सके।
अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि दक्षिण चीन सागर में चीन जो कर रहा है, वह पागलपन है। उन्होंने कहा कि अमेरिका चाहता है कि भारत हिंद महासागर में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। उन्होंने कहा कि चीन के उभार को नियंत्रित करना एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि हिंद महासागर में भारत को व्यापक और मजबूत उपस्थिति के लिए अमेरिका उसके साथ मिलकर काम करना चाहता है।
एनएसजी की सदस्यता न मिलने के लिए भारत ने चीन को जिम्मेदार ठहराया था। चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ के संपादकीय में भारत के आरोपों का चीन ने जवाब दिया। अखबार के मुताबिक भारत ने एनपीटी पर दस्तखत नहीं किए हैं, लेकिन वह एनएसजी में शामिल होने के लिए सबसे उत्सुक आवेदक है।

भस्मासुर को पालने वाले उसका ही शिकार हो जाते हैं, तुर्की इसका सबसे नया उदाहरण है

मंगलवार रात इस्तांबुल हवाई अड्डे पर हुए आत्मघाती बम धमाके ने एक बार फिर याद दिलाया है कि तुर्की किस खतरनाक दौर से गुजर रहा है. इसकी दक्षिणी सीमा सीरिया जाने वाले जिहादियों के लिए आसान रास्ता बन चुकी है जबकि पूर्वी और दक्षिण पूर्वी हिस्से में इसके सुरक्षा बल कुर्दिश चरमपंथियों के साथ लड़ाई में उलझे हुए हुए हैं. 41 लोगों की जान लेने वाला इस्तांबुल में हुआ यह ताजा धमाका इस साल इस शहर पर हुआ चौथा बड़ा हमला है जो बताता है कि तुर्की के शहरों की सुरक्षा व्यवस्था खराब होती जा रही है. अब तक किसी भी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. लेकिन तुर्की की सरकार और पश्चिमी विश्लेषकों का मानना है कि यह इस्लामिक स्टेट (आईएस) की कार्रवाई है.
अगर ऐसा है तो यह तुर्की के लिए खुद का चलाया तीर वापस लौटकर खुद पर लगने जैसा है. सीरिया को लेकर राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोआन ने जो आक्रामक नीति अख्तियार की उसने पश्चिम एशिया के इस हिस्से में अतिवादियों की फलने-फूलने में खूब मदद की. सीरिया संकट के शुरू होते ही वहां के राष्ट्रपति बशर अल असद के इस्तीफे की मांग का जो अभियान चला उसकी अगुवाई एर्दोआन ने ही की. सीरिया के गृह युद्ध में सरकार विरोधी गुटों की आर्थिक मदद करने के लिए तुर्की ने असद के दूसरे क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धियों से हाथ मिला लिया जिनमें सऊदी अरब और कतर भी शामिल हैं. इसके अलावा उसने सीरिया के साथ लगती अपनी 800 किमी लंबी सीमा भी खुली रखी ताकि दुनिया भर से आने वाले जिहादी सीरिया में आराम से दाखिल हो सकें. आईएस ने विदेशी लड़ाकों की जो फौज खड़ी कर डाली उसमें तुर्की की इस नीति की अहम भूमिका रही.
लेकिन लघुकालिक लक्ष्य पूरे करने के लिए अतिवादी संगठनों को संरक्षण देना अक्सर दीर्घकालिक हितों के लिए नुकसानदेह होता है. जब तक तुर्की ने आईएस को लेकर अपनी नीति बदलना (जिसमें कुछ हद तक पश्चिमी देशों के दबाव की भी भूमिका थी) शुरू किया तब तक यह एक दुर्दांत आतंकी संगठन में तब्दील होकर अपने हमलावरों का रुख उत्तर की तरफ कर चुका था. पहले इसने तुर्की के सुरुक और अंकारा शहर में हुई वामपंथियों की रैलियों पर हमले किए. यह बीते साल की बात है. अब इसका इस्तांबुल पर हमला करना तुर्की के नेतृत्व के लिए गंभीर चेतावनी है.
एर्दोआन का कहना है कि तुर्की आखिर तक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगा. लेकिन सवाल यह है कि उनकी रणनीति क्या है. सुरक्षा से जुड़ी जो मुख्य चुनौतियां तुर्की के मुंह बाये खड़ी हैं उनका लेना देना प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सीरिया में चल रही लड़ाई से ही है. एर्दोआन चाहे मानें या न मानें, सच यह है कि असद को सत्ता से हटाकर सीरिया में तुर्की के असर का दायरा फैलाने की उनकी महत्वाकांक्षी योजना औंधे मुंह गिर गई है. जितनी जल्दी वे अपनी नीति बदल लें सीरिया और तुर्की के लिए उतना ही बेहतर रहेगा.
सबसे पहले तो तुर्की को सीरिया से लगी अपनी सीमा सील करनी चाहिए ताकि आतंकवादियों की सीमा पार आवाजाही रुक सके. इसे असद के खिलाफ अपनी परोक्ष लड़ाई बंद करने की भी जरूरत है. पश्चिमी देश सीरिया की सरकार और विरोधी गुटों में बातचीत करवाने की जिस कोशिश के जरिये शांति स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, तुर्की को उसमें हाथ बंटाना चाहिए. इसके बाद वह आईएस पर ध्यान केंद्रित कर सकता है और इस संगठन पर काबू पाने की साझा क्षेत्रीय कोशिशों में मदद कर सकता है.
हालांकि तुर्की सीरिया में जितना दखल दे चुका है उसके बाद यह बदलाव आसान नहीं होगा. लेकिन उसे यह समझना होगा कि अगर उसके शहर ही अराजकता और हिंसा की चपेट में आ जाएंगे तो कितना भी अहम रणनीतिक दांव उसके लिए किसी काम का नहीं.

BCCI की योजना पर पानी फिरा, इस साल नहीं होगा गुलाबी टेस्ट मैच

पिछले साल ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए पहले दिन-रात के टेस्ट मैच की अपार सफलता के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) भी काफी उत्साहित हो गया था कि वह भी अपने घर में दिन-रात का टेस्ट मैच गुलाबी गेंद से कराए। बोर्ड की योजना भी थी कि सितंबर-अक्टूबर में न्यूजीलैंड के साथ होने वाली टेस्ट सीरीज में एक मैच गुलाबी गेंद से खेली जाए लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
अप्रैल में तत्कालीन बीसीसीआई के सचिव अनुराग ठाकुर ने ऐलान किया था कि सितंबर-अक्टूबर में न्यूजीलैंड के भारत दौरे के दौरान खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज का एक मैच दिन-रात का खेला जाएगा। लेकिन अनुराग के इस बयान के ठीक एक दिन बाद न्यूजीलैंड क्रिकेट ने बयान जारी कर कहा कि इस मामले में अभी कुछ भी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
खुद बीसीसीआई और अनुराग की इस योजना पर पानी फिरता दिखा जब पिछले हफ्ते अनुराग ठाकुर ने माना कि इस सीरीज में फ्लडलाइट टेस्ट कराने की संभावना कम दिखती है और भारत दिन-रात के टेस्ट मैच खेलने को लेकर कोई हड़बड़ी में नहीं है।
भारत और न्यूजीलैंड के बीच 3 मैचों की टेस्ट सीरीज 22 सितंबर से शुरू होगी। सभी तीनों टेस्ट भारतीय समयानुसार सुबह 9:30 बजे से शुरू होगा। बीसीसीआई की शुरुआती प्रेस रिलीज में कहा गया था कि सीरीज का दूसरा टेस्ट इंदौर और तीसरा टेस्ट कोलकाता में खेला जाएगा। लेकिन बाद में कार्यक्रम में थोड़ा सा फेरबदल कर दिया गया। और अब दूसरा टेस्ट कोलकाता में होगा जबकि तीसरा टेस्ट इंदौर में खेला जाएगा। कार्यक्रम में फेरबदल अक्टूबर में होने वाले दूर्गा पूजा को ध्यान में रखकर किया गया है।
फिलहाल मंगलवार को बीसीसीआई ने एक अनोखी परंपरा की शुरुआत करते हुए पहली बार टीम इंडिया के शीर्ष क्रिकेटरों द्वारा घरेलू सीरीज के कार्यक्रम का ऐलान करवाया। टीम इंडिया के घरेलू सत्र का आगाज सितंबर-अक्टूबर में न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाली घरेलू सीरीज से हो रहा है। ट्विटर की जरिये भारत के शीर्ष खिलाड़ियों ने इसके कार्यक्रम की घोषणा की।
टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने अपने ट्विटर हैंडल पर घोषणा की कि न्यूजीलैंड के खिलाफ पहला टेस्ट कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में 22 से 26 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा। दूसरा टेस्ट कोलकाता के ईडन गार्डंस में 30 सितंबर से चार अक्टूबर तक खेला जाएगा जबकि तीसरा और अंतिम टेस्ट जो आठ से 12 अक्टूबर तक चलेगा वो इंदौर के होलकर स्टेडियम में खेला जाएगा। इंदौर पहली बार किसी टेस्ट मैच की मेजबानी करने जा रहा है।
इससे पहले बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे ने ट्वीट किया था कि दूसरा टेस्ट इंदौर के होलकर स्टेडियम में 30 सितंबर से चार अक्टूबर तक खेला जाएगा जबकि मोहम्मद शमी ने ट्वीट किया कि ईडन गार्डंस को तीसरा और अंतिम टेस्ट दिया गया है जो आठ से 12 अक्टूबर तक चलेगा।

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