वॉशिंगटन के सिएटल में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ निकाली गई रैली में फायरिंग की खबर है. ट्रंप की जीत से नाखुल लोगों ने रैली निकाली थी. इसी दौरान वहां फायरिंग हुई. फायरिंग में कई लोगों के घायल होने की खबर है. घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है.
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत से एक बड़ा तबका नाखुश है. जगह-जगह उनके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं और रैलियां निकाली जा रही हैं. कल वोटिंग के दौरान कैलिफोर्निया में भी फायरिंग हुई थी. इसमें एक शख्स की मौत हो गई, जबकि 3 घायल हुए थे.
अमेरिका के बहुचर्चित राष्ट्रपति पद का चुनाव आखिरकार अपनी मंजिल तक पहुंच ही गया है. रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए डेमोक्रेट की हिलेरी क्लिंटन को 218 के मुकाबले 276 वोटों से हरा दिया है. हालांकि, व्हाइट हाउस पहुंचने के लिए किसी भी उम्मीदवार को 270 वोटों की ही जरूरत थी. अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में अब अगली प्रक्रिया इलेक्ट्रोरियल कॉलेज की होगी. ट्रंप जनवरी में राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे.
आपको बता दें कि अमेरिका में हर बार की राष्ट्रपति शपथ की सेरेमनी पिछली बार से अलग होती है. साथ ही राष्ट्रपति का विदाई समारोह भी किसी थीम पर आयोजित किया जाता है.
ट्रंप के राष्ट्रपति बनते ही उनके खिलाफ प्रदर्शन, सिएटल में हुई फायरिंग में कई घायल
डीआरएस कोई रॉकेट साइंस नहीं: कोहली
राजकोट: इंग्लैंड के खिलाफ कल से यहां शुरू हो रही पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला में अंपायरों के फैसले की समीक्षा प्रणाली(डीआरएस) के लागू होने से भारतीय क्रिकेट टीम की नींद नहीं उड़ी है और भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा कि यह रैफरल प्रक्रिया कोई ‘रॉकेट साइंस’ नहीं है.
यहां एससीए स्टेडियम में कल से शुरू होने वाले पहले टेस्ट की पूर्व संध्या पर मेजबान टीम के कप्तान कोहली ने कहा, ‘‘डीआरएस में कोई रॉकेट साइंस नहीं है. एक क्रिकेटर के रूप में आपको समझ होती है, आपको जानकारी होती है कि गेंद पैड से कहां टकराई है, सही जगह पिच हुई या टकराई थी या नहीं. यह क्रिकेट की सामान्य चीजें हैं. यह जरूरी नहीं कि डीआरएस के लिए आपको कोई कोर्स करना पड़े.’’
कोहली ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि टीम पर देखकर हमने काफी सीखा है कि डीआरएस का इस्तेमाल कैसे होता है. अगर रैफरल लिया जाना है तो यह काफी हद तक इस पर निर्भर करता है कि गेंदबाज और विकेटकीपर विशिष्ट मामले को लेकर क्या सोचते हैं. यह सामान्य सी बात है. ऐसा नहीं है कि हम इस पर काफी ध्यान लगा रहे हैं. यह आपको सिर्फ उस फैसले को दोबारा देखने का मौका देता है जो आपको लगता है कि सही नहीं है. और मुझे लगता है कि यह उचित है.’’
हालांकि बीसीसीआई ने इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज़ में डीआरएस को ट्रायल के तौर पर इस्तेमाल करने का मन बनाया है लेकिन विराट कोहली ने सीरीज़ में इसके इस्तेमाल और बीसीसीआई के नतीजे से पहले ही इस पर अपना फैसला सुना दिया है.
अन्य सभी देशों द्वारा द्विपक्षीय श्रृंखला में स्वीकार की गई डीआरएस प्रणाली का लगातार विरोध करने के बाद बीसीसीआई हाल में इसे लेकर झुका है और प्रयोग के तौर पर इसका इस्तेमाल करने का फैसला किया है.
कोहली ने हालांकि इंग्लैंड के कप्तान एलिस्टेयर कुक और तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्राड के इन बयानों को अधिक तवज्जो नहीं दी जिसमें उन्होंने स्वीकार किया था कि उनकी टीम श्रृंखला में प्रबल दावेदार नहीं है.
इस साल दो दोहरे शतक जड़ने वाले कोहली ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि कुछ टीमें श्रृंखला की शुरूआत आकषर्ण से दूर रहकर करना चाहती है और इसके बाद विरोधी को हैरान करना चाहती हैं लेकिन हम इन चीजों से अवगत हैं. हम अतीत में भी इस तरह की रणनीति का सामना कर चुके हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन साथ ही हम काफी आगे के बारे में नहीं सोचना चाहते. हमें पता है कि हमें क्या करने की जरूरत है, इसलिए हम इस तरह की तारीफ में नहीं बहने वाले. साथ ही आलोचना में भी. अगर टीम प्रबंधन या खेल से ताल्लुक रखने वाले लोग सकारात्मक आलोचना करते हैं तो इसका हमेशा स्वागत है.’’ भारत की ओर से 48 टेस्ट खेलने वाले कोहली ने कहा कि टीम अब मैच जीतने में यकीन करती है और सिर्फ प्रतिस्पर्धी नहीं बने रहना चाहती.
कोहली ने कहा, ‘‘मानसिकता अब सिर्फ प्रतिस्पर्धा पेश करने की नहीं है. हम श्रृंखला जीतना चाहते हैं, हम टेस्ट मैच जीतना चाहते हैं. इसके लिए आपको हमेशा अपना शीर्ष खेल दिखाना होता है और अपने शीर्ष खेल में सुधार करना होता है. यह मानसिकता है और खिलाड़ी चुनौती के लिए तैयार हैं.’’ भारतीय कप्तान ने कहा कि टीम ने पिछली श्रृंखला में भले ही न्यूजीलैंड का 3-0 से क्लीनस्वीप किया हो लेकिन भारत के प्रदर्शन में कुछ खामियां थी जिन्हें दूर करने की जरूरत है.
कोहली ने कहा, ‘‘वेस्टइंडीज से लौटने के बाद से ही हमें पता था कि घरेलू सत्र काफी कड़ा होने वाला है. हमें न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया जैसी स्तरीय टीमों का सामना करना है जो टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं. इसलिए हमें पता है कि घरेलू सत्र कड़ा होने वाला है. कुछ ऐसे विभाग हैं जिन पर हमने ध्यान दिया है जिनमें सुधार की जरूरत है.’’
340 करोड़ के बिग बजट में ‘न्यूक्लियर’ बनाएंगे RGV
अपराध और गैंगस्टर्स की कहानियों वाली फिल्में बनाने के लिए मशहूर बॉलीवुड फिल्ममेकर राम गोपाल वर्मा अंतरराष्ट्रीय फिल्म बनाने जा रहे हैं। उनकी अंतरराष्ट्रीय फिल्म ‘न्यूक्लियर’ की कहानी बड़े खतरे को पर्दे पर लेकर दिखाएगी। राम गोपाल वर्मा की ये अंतरराष्ट्रीय फिल्म 340 करोड़ के बिग बजट में बनाने जा रहे हैं।
राम गोपाल वर्मा के इस एलान के बाद फिल्म इंडस्ट्री में सनसनी सी फैल गई है और रामगोपाल के प्रोजेक्ट को लेकर फिल्म निर्माता उत्सुकता ज़ाहिर कर रहे हैं। 340 करोड़ के बड़े बजट से बन रही है ये इंटरनेशनल फिल्म भारत के अलावा अमेरिका, चीन और रूस में शूट की जाएगी, जिसमें कई भारतीय और अंतरराष्ट्रीय मुख्य किरदारों में दिखाई देंगे।
रामगोपाल ने बताया है कि इस फिल्म की शूटिंग ‘सरकार 3’ के बाद शुरू की जाएगी। वो इन दिनों अमिताभ बच्चन स्टारर ‘सरकार 3’ बना रहे हैं।
500-1000 के नोट बंद होने से चमका गोल्ड, 12 घंटे में 4 हजार रुपये तोला महंगा
मुंबई : कालाधन पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए मंगलवार आधी रात से 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिए हैं. इसके बाद सोने के दाम में उछाल आया है. मुंबई में प्रति 10 ग्राम सोने की कीमत में 4000 रुपये का इजाफा हुआ है. सोने के नए रेट सुबह 11 बजे मार्केट खुलने के बाद आएंगे.
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का कालाधन 30 लाख करोड़ तक पहुंच गया है, जो जीडीपी का 20 फीसदी है. हालांकि, फिलहाल 16.6 लाख करोड़ कालाधन ही सर्कुलेशन में है. एक्सपर्ट की मानें, तो ये कालाधन ज्यादातर सोने या रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट के रूप में है. कालेधन पर 2012 में प्रकाशित वित्त मंत्रालय के श्वेत पत्र में यह कहा गया कि भारतीय अर्थव्यवस्था में रियल एस्टेट कुल जीडीपी का 11 फीसदी शेयर करता है.
एक्सपर्ट का कहना है कि मोदी सरकार का ये फैसला सोने और रियल एस्टेट ट्रांसएक्शन पर असर जरूर डालेगा. यूपी और पंजाब में चुनाव नजदीक हैं. कैंपेनिंग के लिए राजनीतिक पार्टियां खूब पैसा बहा रही हैं. माना जा रहा है कि मोदी सरकार का ये फैसला राजनीतिक पार्टियों के चुनाव में खर्च को भी प्रभावित करेगा.
पीएम ने ऐलान किया कि 9 और 10 नवंबर को ATM काम नहीं करेंगे. 11 नवंबर की रात 12 बजे तक नागरिकों के लिए कुछ विशेष व्यवस्था की गई है. पीएम ने कहा कि 11 नवंबर की रात्रि 12 बजे तक सभी सरकारी अस्पतालों में पुराने 500 के नोट भुगतान के लिए स्वीकार किए जाएंगे. इसी तरह 72 घंटों तक रेलवे के टिकट बुकिंग काउंटर, सरकारी बसों के टिकट बुकिंग काउंटर और हवाई अड्डों पर भी केवल टिकट खरीदने के लिए पुराने नोट मान्य होंगे. उन्होंने कहा कि आपकी धनराशि आपकी ही रहेगी, आपको कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है.
वहीं, पीएम के ऐलान के ठीक बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल ने मंगलवार को कहा कि 10 नवंबर से 500 रुपये और 2000 रुपये के नए नोट जारी किए जाएंगे. वित्तसचिव शक्तिकांत दास ने नए नोट की घोषणा करते हुए कहा कि आरबीआई 10 नवंबर से नए नोट जारी करेगी. दास ने कहा कि जो लोग नकदी बदलने के लिए आएंगे, बैंक उनके रिकॉर्ड रखेंगे.
आरबीआई प्रमुख उरिजीत पटेल ने कहा कि नए नोट ब्रेल लिपि के साथ आएंगे. इससे दृष्टिहीनों को मदद मिलेगी. 2000 रुपये के नए नोटों के सर्कुलेशन पर आरबीआई नजर रखेगा. 24 नवंबर के बाद स्थिति की समीक्षा की जाएगी. बाजार में तरलता की कमी नहीं आएगी.
नोटों पर बैन से बाजार धड़ाम, 1 मिनट में डूबे निवेशकों के 7 लाख करोड़
कालेधन को लेकर पीएम मोदी के फैसले और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का असर शेयर बाजार पर दिख रहा है. घरेलू स्टॉक मार्केट और इंटरनेशनल मार्केट क्रैश हो गए हैं. बुधवार को सेंसेक्स 1600 प्वांइट की गिरावट के साथ खुला. निफ्टी भी 500 प्वाइंट की गिरावट के साथ 8,034 पर कारोबार कर रही है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी गिरावट दर्ज की गई है.
8 नवंबर (मंगलवार) को बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 111.44 लाख करोड़ रुपये पर था. बुधवार सुबह जब मार्केट खुला तो ये आंकड़ा 104.35 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया. ऐसे में मार्केट खुलते ही इन्वेस्टर्स के 7 लाख करोड़ रुपये डूब गए. हालांकि, कुछ देर बाद ही मार्केट संभल गया. बावजूद इसके अभी भी ये आंकड़ा 6 लाख करोड़ रुपये से ऊपर बना हुआ है.
500 और 100 के नोट बंद होने के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता आने की उम्मीद है. इस सेक्टर में कालेधन का खूब इस्तेमाल होता है. इस कदम से प्रॉपर्टी की कीमतों में गिरावट तय है. ऐसे में इन्वेस्टर्स रियल एस्टेट में पैसा नहीं लगा पाएंगे और बिल्डर्स को मजबूरन प्रॉपर्टी के रेट्स गिराने होंगे.
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को हिलेरी क्लिंटन से मिलती बढ़त से एशियाई मार्केट्स में गिरावट जारी है. जापान का निक्की 2.4 फीसदी यानी 225 अंकों तक गिरा. दक्षिण कोरिया के मार्केट भी 1.4 फीसदी तक गिर गए हैं. तेल के दामों में भी 2 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है. यूरोप में प्रमुख सूचकांक कुछ नेगेटिव रुझान के साथ फ्लैट रहे. इसके और नीचे जाने की संभावना है.
अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के आगे होने की खबरों के बीच येन और यूरो के मुकाबले डॉलर में जोरदार गिरावट आई है. डॉलर के मुकाबले मेक्सिकन पीसो भी कमजोर हुआ है. येन के मुकाबले डॉलर 3.8 फीसदी टूटकर 101.50 येन पर आ गया. वहीं, यूरो के मुकाबले डॉलर करीब 2 फीसदी टूट गया. टोक्यो में कारोबार यूरो के मुकाबले 1.1224 डॉलर पर आ गया.
पुराने नोट बदलने के लिए गांवो में कैंप लगाए मोदी सरकार: अखिलेश
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी की ओर से देश में 500 रुपये व 1,000 रुपये के नोट बंद किए जाने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह गावों में विशेष शिविर लगाकर नोट बदलने की व्यवस्था करे, ताकि लोगों को परेशानी न हो।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि केंद्र सरकार को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि इन नोटों के बंद होने से गांवों के निवासियों, गरीबों व किसानों को कोई असुविधा न हो।
उन्होंने कहा है कि आम नागरिकों और व्यापारियों को नोटों के बदलाव में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। अखिलेश ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में बैंक शाखाओं की संख्या कम होने के कारण केन्द्र सरकार को इन इलाकों में विशेष शिविर लगाकर पुराने नोटों को बदलने की व्यवस्था करनी चाहिए।
500-1000 नोट बैन: कालेधन-आतंकवाद पर नकेल, आपको होंगे ये फायदे
मोदी सरकार ने अपने ऐतिहासिक फैसले में मंगलवार आधी रात से 500 और 1000 के नोटों को अवैध घोषित कर दिया है। इस फैसले की अचानक घोषण से आम आदमी को थोड़ी मुश्किलों का सामना ज़रूर करना पड़ेगा लेकिन इससे देश की सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और आपकी जेब को क्या फायदा होने वाला है ये जानकर आपको ये परेशानियां कम ज़रूर लगने लगेंगी।
आपको बता दें कि नकली नोटों के धंधे में शामिल लोग ज्यादातर बड़े नोटों का ही इस्तेमाल करते हैं क्योंकि उन्हें इस्तेमाल में लान बेहद आसान होता है। कालाधन पैदा करने वाले और इस्तेमाल में लाने वाले ज्यादातर अपराधी बड़े नोटों का ही इस्तेमाल करते हैं क्योंकि उन्हें लाना और ले जाना काफी आसान होता है। 500 और 1000 के नोटों पर रोक लगाने से ऐसे सभी अपराधों पर लगाम लगाई जा सकेगी। गौरतलब है कि फिलहाल पूरे देश में चल रही करंसी में 500 और 1000 रुपये के नोटों की हिस्सेदारी 86 पर्सेंट है, जबकि 2007 में यह आंकड़ा 69 पर्सेंट था।
ज्यादातर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भी नकली नोट, हवाला का पैसा और काला धन का ही इस्तेमाल किया जाता है। बड़े करंसी नोटों पर लगाम कसने के चलते आतंकवादी नेटवर्क को ध्वस्त करने की संभावना अधिक होगी। बड़े नोटों को बंद करने से आतंकियों का आर्थिक नेटवर्क एक झटके में ख़त्म किया जा सकता है। आमतौर पर कैश ट्रांजेक्शन को हर जगह स्वीकार किया जाता है। इन नोटों को बड़ी संख्या में कहीं भी ले जाना आसान होता है और पकड़े जाने का खतरा बेहद कम रहता है। अपराधियों के लिए छोटे नोटों को रखने के मुकाबले इन्हें लेकर चलना आसान रहता है।
विश्व बैंक ने जुलाई, 2010 में जारी की गई अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 2007 में भ्रष्टाचार की अर्थव्यवस्था देश की इकॉनमी के 23.2 पर्सेंट के बराबर थी, जबकि 1999 में यह आंकड़ा 20.7 पर्सेंट के बराबर थी। इसके अलावा भारत समेत कई एजेंसियों ने भी इसी तरह के अनुमान जताए थे। हार्वर्ड की स्टडी के मुताबिक बड़े करंसी नोटों को बंद करने से टैक्स से बचने वालों, वित्तीय अपराधियों, आतंकियों के आर्थिक नेटवर्क और भ्रष्टाचार पर लगाम कसी जा सकेगी। 500 रुपए के 1650 करोड़ नोट चलन में हैं। इसका मूल्य है 7।8 लाख करोड़ रुपए। यानी कुल करेंसी का 47.85% है। 1000 रुपए के 670 करोड़ नोट चलन में हैं। मूल्य 6.3 लाख करोड़ रुपए। यानी कुल करेंसी का 38.54% है।
हालांकि ये फैसला अप्रत्याशित रूप से अचानक ले लिया गया है लेकिन उसके बावजूद जानकारों की माने तो ये फैसला गरीब, मिडिल क्लास और नौकरी पेशा लोगों के लिए बेहद फायदेमंद रहने वाला है। इसके जो दो सबसे बड़े फायदे बताए जा रहे हैं वो हैं रियल एस्टेट की कीमतों में गिरावट आएगी और जो लोग उच्च शिक्षा लेने से वंचित रह जाते हैं उन्हें परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
हार्वर्ड की एक स्टडी के मुताबिक भारत समेत विकासशील देशों में सबसे ज्यादा काला धन काका इस्तेमाल रियल एस्टेट के कारोबार में ही किया जाता है। फिलहाल भ्रष्टाचार में लिप्त लोग अपनी अघोषित आय को रीयल एस्टेट सेक्टर में निवेश करके खुद को साफ-सुथरा साबित करने की कोशिश करते हैं। इस फैसले से ऐसे लोग नकद भुगतान नहीं कर सकेंगे। ऐसे में प्रॉपर्टी की कीमतें कम होंगी और गरीबों के लिए मकान का सपना आसान हो सकेगा।
इस फैसले के चलते एक तरफ सरकार के रेवेन्यू में इजाफा होगा। वहीं, ब्लैक मनी को वाइट इकॉनमी के दायरे में लाने में भी मदद मिलेगी। यही नहीं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में भी इसे अहम माना जा रहा है। इसके अलावा हायर एजुकेशन ऐसा सेक्टर है, जहां भ्रष्टाचार में लिप्त लोग अपनी पूंजी लगाते हैं। कैपिटेशन फीस के चलते उच्च शिक्षा आम लोगों की पहुंच से दूर हो चुकी है। इस फैसले से उच्च शिक्षा के मामले में भी समानता की स्थिति आ सकेगी क्योंकि अवैध कैश लेनदेन संभव नहीं होगा। यही नहीं इससे महंगाई पर भी लगाम लग सकेगी।
चीन, ब्रिटेन, अमेरिका, सिंगापुर जैसे 25 से ज्यादा बड़े देशों में बड़े नोटों पर पूरी तरह से बैन है। चीन में 100 युआन, अमेरिका में 100 डॉलर और ब्रिटेन में 50 पाउंड से बड़ा नोट चलन में नहीं रहता। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने बड़े नोटों को भ्रष्टाचार की सबसे बड़ी वजह बताया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव : डोनाल्ड ट्रंप ने चौंकाया, हिलेरी क्लिंटन पिछड़ीं
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप ने सभी को चौंकाते हुए एक्ज़िट पोलों के मुताबिक महत्वपूर्ण राज्यों फ्लोरिडा, उत्तरी कैरोलिना तथा ओहायो में जीत हासिल कर ली है, और डेमोक्रेट प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन के मुकाबले व्हाइट हाउस की दौड़ में आगे दिख रहे हैं.
यूएस नेटवर्क्स की भविष्यवाणी के मुताबिक, अमेरिका के 240 साल के इतिहास में प्रथम महिला राष्ट्रपति बनने का सपना देख रहीं डेमोक्रेट प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन को ज़ोरदार झटके देते हुए रिपब्लिकन प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप प्रमुख राज्य ओहायो के बाद फ्लोरिडा और उत्तरी कैरोलिना में भी जीत हासिल करने जा रहे हैं. इन एक्ज़िट पोलों पर यकीन करें तो 18 राज्यों में डेमोक्रेट प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन को जीत हासिल होने जा रही है, जबकि रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप को 25 राज्यों में जीत मिलेगी.
भारतीय समयानुसार सुबह 11:00 बजे, एक्ज़िट पोल के मुताबिक रिपब्लिकन प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप के पास 244 इलेक्टोरल कॉलेज वोट थे, जबकि डेमोक्रेट हिलेरी क्लिंटन के पास 215 वोट थे. राष्ट्रपति पद पर काबिज होने के लिए प्रत्याशी को 270 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हासिल करना ज़रूरी है.
एक्ज़िट पोलों के अनुसार, ऊटा, आयोवा, फ्लोरिडा, उत्तरी कैरोलिना, दक्षिणी कैरोलिना, केन्टकी, वेस्ट वर्जीनिया, इंडियाना, ओकलाहोमा, टेनेसी, अलाबामा, मिसीसिपी, टेक्सास, कन्सास, व्योमिंग, उत्तरी डकोटा, दक्षिणी डकोटा, अरकान्सास, नेब्रास्का, लूसियाना, मोन्टाना, ओहायो, मिसूरी, जॉर्जिया तथा इदाहो में ट्रंप को जीत मिली, जबकि हिलेरी क्लिंटन को वरमॉन्ट, डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया, मैसाच्यूसेट्स, मेरीलैंड, डेलावर, इलिनॉयस, रोड आईलैंड, न्यूजर्सी, न्यूयार्क, कनेक्टिकट, न्यू मैक्सिको, वर्जीनिया, कोलोराडो, कैलिफोर्निया, ओरेगॉन, वॉशिंगटन, नेवाडा तथा हवाई में जीत मिली है.
गौरतलब है कि चुनाव से पहले रॉयटर / आईपीएसओएस के राष्ट्रीय ट्रैकिंग पोल में हिलेरी क्लिंटन को ट्रंप पर बढ़त मिली हुई थी. रॉयटर / आईपीएसओएस के पोल के मुताबिक हिलेरी क्लिंटन के जीतने की संभावनाएं 90 फीसदी हैं.
हालांकि ट्रंप ने मंगलवार को एक बार फिर चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए परिणामों को स्वीकार नहीं करने की बात कही. उन्होंने कुछ जानकारी दी. हालांकि रॉयटर्स तत्काल ऐसी समस्याओं की सत्यता को प्रमाणित नहीं कर सकती.
एक-एक वोट के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन और उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप ने आखिरी क्षणों में अमेरिकी जनता के समक्ष जोरदार बहस की. उन्होंने विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए अपनी दूरदृष्टि पेश की. इस तरह, अमेरिका के इतिहास में अब तक का सबसे निम्न स्तरीय चुनाव प्रचार अभियान समाप्त हो गया.
नार्थ कैरोलीना के राले में एक विशाल रैली में हिलेरी (69) के साथ उनके पति भी थे. वहां पॉप गायिका लेडी गागा ने लोगों का मनोरंजन भी किया. ट्रंप (70) का आखिरी कार्यक्रम मिशिगन में हुआ, जहां उन्होंने अपने हजारों समर्थकों को इस उम्मीद के साथ संबोधित किया कि वह इस राज्य को रिपब्लिकन पार्टी की झोली में डालने में सक्षम हो सकते हैं.
दोनों रैलियां स्थानीय समय के मुताबिक रात एक बजे खत्म हुई थी. इस तरह ईस्ट कोस्ट में मतदान केंद्र खुलने से ठीक छह घंटे पहले ये खत्म हुई.
न्यू हैम्पशायर के एक गांव में पहला वोट पड़ा, चुनाव के दिन पारंपरिक रूप से वोट डालने वाला राष्ट्र में यह पहला स्थान है जहां हिलेरी ने जीत हासिल की. हिलेरी ने 2016 के चुनाव में न्यू हैम्पशायर के दूर दराज के डिक्सविले नोश में आधी रात के शीघ्र बाद पहली जीत ट्रंप को मिले दो वोट के खिलाफ चार वोटों से हासिल की.
270 निर्वाचक मंडल वोट हासिल करने के लिए अरीजोना (11), फ्लोरिडा (29), नेवादा (6), नेब्रास्का दूसरा कांग्रेस जिला (1), न्यू हैम्पशायर (4) और नार्थ कैरोलीना (15) मुख्य रणक्षेत्र हैं.
देश का 45 वां राष्ट्रपति चुनने के लिए सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस सदस्यों, प्रांतीय विधायिकाओं के सदस्यों और स्थानीय निकायों के सदस्यों के अलावा करीब 20 करोड़ लोग वोट डालने के योग्य हैं.
अमेरिकी चुनाव प्रणाली के ‘पहले ही मतदान करने’ के प्रावधान का इस्तेमाल करते हुए रिकार्ड 4.2 करोड़ लोग पहले ही वोट डाल चुके हैं. यह 2012 के आंकड़े को पार कर गया है जब 3.23 करोड़ लोगों ने पहले ही वोट डाला था.
PAK में हिंदू मंदिर को गिराए जाने के खिलाफ कोर्ट में याचिका
पेशावर के पुराना शहर इलाके में स्थित हिंदुओं के 150 वर्ष पुराने मंदिर को ‘गुपचुप ढंग से गिराए जाने’ के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. बताया गया है कि इस प्राचीन मंदिर की जगह कॉमर्शियल प्लाजा बनाने की कोशिश की जा रही है. इस मंदिर में श्रद्धालुओं का आना-जाना बरसों पहले बंद हो गया था.
‘डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक पेशावर हाई कोर्ट में मुहीबुर रहमान और वाकिफ सलीम ने सोमवार को याचिका दाखिल की. याचिका में मांग की गई है कि इस मंदिर का प्रशासनिक नियंत्रण आर्कियोलॉजी डिपार्टमेंट को सौंपा जाए.
याचिका में कहा गया है कि मंदिर की इमारत में कथित तौर पर बदलाव किए जाने का मुद्दा कुछ महीने पहले सामने आया था, इसके बाद सरकार ने संपत्ति को सील करने के साथ इसमें रहने वाले दो किराएदारों को गिरफ्तार किया था.
याचिकाकर्ताओं के मुताबिक इवेक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टीज डिपार्टमेंट के साथ साठ-गांठ कर उन तत्वों (किराएदारों) ने मंदिर को गिरा कर प्लाजा का निर्माण शुरू कर दिया. याचिका में कई अखबारों की रिपोर्ट और उनके साथ प्रकाशित फोटो का हवाला देते हुए कहा कि मंदिर को गुपचुप ढंग से गिराया जा रहा है. ये मंदिर करीमपुरा इलाके के मोहल्ला वांगडी गारा में स्थित है. 150 वर्ष पुराना होने के बावजूद मंदिर का ढांचा मजबूत हालत में बताया गया.
याचिका में खैबर पख्तून्ख्वा प्रांत की सरकार के प्रवक्ता के बयान का भी हवाला दिया गया है, जिसमें उन्होंने कहा- सरकार ने इस मामले में कदम उठाए क्योंकि संविधान अल्पसंख्यकों को समान अधिकार और उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा की गारंटी देता है.
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि डिप्टी कमिश्नर और आर्कियोलॉजी डायरेक्टर डॉ अब्दुल समद खान ने मंदिर का मुआयना करने के बाद इसके परिसर को सील कर दिया था. लेकिन इसके बावजूद ऊंची पहुंच वाले तत्व मंदिर को गिराने का काम करते रहे और अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे.
कुंबले ने टीम में वापसी के लिए बनाया नया रुल, क्रिकेटर्स की बढ़ेगी मुश्किल
राजकोट: शिखर धवन, रोहित शर्मा, भुवनेश्वर कुमार और केएल राहुल ये सभी खिलाड़ी इन दिनों चोट से परेशान हैं, वहीं सुरेश रैना बीमारी की वजह से न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे में नहीं खेल पाए थे. अभी तक टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ी चोट के बाद सीधे टीम में वापसी कर लेते थे, लेकिन अब मुख्य कोच अनिल कुंबले ने इसके लिए एक ‘कायदा’ बना दिया है. इसके अनुसार चोट से उबर रहे खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम में वापसी करने पर अपने नाम का विचार कराने के लिए ‘‘घरेलू क्रिकेट’’ में खेलना होगा. हालांकि कोच कुंबले रोहित शर्मा और केएल राहुल के चोटिल होने से काफी दुखी भी हैं…
कुंबले ने वापसी के लिए नई योजना इसलिए बनाई है, क्योंकि बीते समय में कई बार ऐसा हुआ है कि जब खिलाड़ी गंभीर चोट के बाद तेजी से वापसी के चक्कर में अधिक चोटिल हो गए और उन्हें लंबे समय तक बाहर बैठना पड़ा. कोच कुंबले ने राहुल और रोहित के लिए बहुत दुख जताया. गौरतलब है कि रोहित शर्मा को न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज के अंतिम वनडे में जांघ में गंभीर चोट लगी थी, जिसकी सर्जरी की जरूरत हो सकती है.
अनिल कुंबले ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केएल राहुल जो इतना बढ़िया खेला, अब नहीं खेल रहा. इसी तरह भुवी, शिखर. रोहित के लिए यह बड़ा झटका है. रोहित के लिए बहुत दुखी हूं, क्योंकि वह टेस्ट प्रारूप में बढ़िया कर रहा था. निश्चित रूप से हम रोहित की छोटे प्रारूप में अहमियत जानते हैं. ’’
रोहित शर्मा, के एल राहुल, शिखर धवन और भुवनेश्वर कुमार चोटिल खिलाड़ियों की सूची में शामिल हैं. कुंबले को लगता है कि ‘खिलाड़ियों के साथ बातचीत इसमें अहम है’, क्योंकि उनकी वापसी की उत्सुकता को समझा जा सकता है.
कुंबले ने कहा, ‘‘किसी भी टीम की गतिविधि में बातचीत अहम है. अच्छा कर रहे हैं या नहीं, लेकिन चोटिल खिलाड़ियों के साथ बातचीत इतनी ही अहम है. इस खेल को खेलने के बाद मैं जानता हूं कि जब कोई और खिलाड़ी खेल रहा होता है तो उनके दिमाग में क्या चल रहा होता है. वह उम्मीद करता है कि उसकी टीम और वह खिलाड़ी अच्छा करे, लेकिन उन्हें एक साथ रखना काफी अहम होता है.’’