मुंबई में उत्तराखंड शीघ्र प्रकाश्य

 

मुंबई के शैशवकाल से ही जिजीविषा की पूँजी लेकर आनेवाले उत्तराखंड के प्रवासियों ने अपने बुद्धि-कौशल, कला-कौशल और व्यापार-कौशल के बलबूते न केवल अपने लिए शीर्ष मुकाम हासिल किया है, अपने कृतित्व से न केवल आम जन-मानस में सम्मानजनक जगह बनायी है, वरन उन्होंने मुंबई के निर्माण और विकास में अपना योगदान भी दिया है।
मुंबई के निर्माण और विकास में उनके इसी अमूल्य योगदान और अनुकरणीय सफलता के पीछे श्रम, त्याग, धैर्य और लगन की जो कहानी छिपी है, उसे सामने लाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय साप्ताहिक `नूतन सवेरा’ की ओर से एक सचित्र महाविशेषांक `मुंबई में उत्तराखण्ड’ जल्द ही प्रकाशित किया जा रहा है।
`नूतन सवेरा’के प्रबंध निदेशक राजीव नौटियाल ने इस आशय की जानकारी देते हुए कहा कि ‘मुंबई में राजस्थान’ और ‘मुंबई के उत्तरभारतीय’ के उपरांत ग्रंथाकार रूप में छापे जानेवाले इस सचित्र महाविशेषांक में उत्तराखंड के सफल कर्मयोगियोंके वैयक्तिक परिचय, निजी कृतित्व और प्राप्त उपलब्धियों के विस्तृत ब्योरे के साथ तो प्रस्तुत किया ही जा रहा है; किंतु उनकी विजय-यात्रा में उनके कठिन संघर्षों की वह अछूती और रोमांचक कहानी भी दी जायेगी जो पी़ढियों तक पथ-प्रदर्शक का काम करती रहेगी।
इस सचित्र महाविशेषांक का उद्देश्य उत्तराखंडी प्रवासियों की सफलता के पीछे छिपे संकल्प और कर्म के मूलमंत्र को आज की पीढ़ी के सामने लाना है, ताकि युवा पीढ़ी उनके संघर्षात्मक अनुभवों की गाथा से सीख लेकर संकल्प, कर्म, साहस, धैर्य और लगन के मूल्य को आत्मसात कर सके।
अधिक जानकारी के लिए nutansavera@gmail.com पर संपर्क करें।