बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा पर एक बार फिर सिंगिंग का खुमार चढ़ गया है। बॉलीवुड से हॉलीवुड तक अपने अभिनय का लोहा मनवा रहीं अभिनेत्री ने हाल ही में हॉलीवुड स्टार जोडी फोस्टर के साथ मिलकर अमेरिकी गायिका ब्रिटनी स्पीयर्स के हिट गीत “टॉक्सिक” को एक नए अंदाज में गाया।
प्रियंका और फोस्टर ने इस गीत के दो अलग-अलग संस्करणों को इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया। प्रियंका ने इस वीडियो को इंस्टाग्राम और फेसबुक पर पोस्ट करते हुए कहा, “टॉक्सिक को फोस्टर, चोपड़ा तरीके से गाया, बहुत मजा आया। जोडी फोस्टर, मुझे उम्मीद है कि हमने ब्रिटनी का गौरव बढ़ाया है।”
प्रियंका जल्द ही हॉलीवुड फिल्म “बेवॉच” में नजर आएंगी, जिसमें उनका किरदार एक खलनायिका का होगा। इसके अलावा वह एक फैशन शो प्रोजेक्ट “रनवे” में बतौर जज भी हिस्सा लेंगी।
वैसे बता दें कि हाल ही में प्रियंका की मां मधु चोपड़ा भी खबरों में भी थीं। कहा जा रहा था कि वे भी एक्टिंग करने वाली है। अब उनके प्रवक्ता ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसा कुछ नहीं है। मधु तो सिर्फ इस फिल्म की प्रोड्यूसर हैं। मराठी भाषा में बनी ‘वेंटीलेटर’ जल्द ही रिलीज होने वाली है। इस फिल्म को प्रियंका भी को-प्रोड्यूस कर रही हैं।
प्रियंका चोपड़ा पर फिर छाया सिंगिंग का खुमार
जब बड़े सितारे बोल्ड सीन करते हैं तो उन्हें 'फूहड़' नहीं कहा जाता : ज़रीन खान
बॉलीवुड अभिनेत्री ज़रीन खान जिस तरह के बोल्ड सीन अपनी फिल्मों में देती हैं, अब उनका वैसा ही बोल्ड बयान भी आया है. ज़रीन का कहना है कि जब कोई बड़ा और स्थापित सितारा सिनेमा के पर्दे पर बोल्ड सीन करता है तो उसकी तारीफ होती है. लेकिन वैसा ही सीन कोई छोटा या कम स्थापित चेहरा करे तो उसे ‘फूहड़’ करार दिया जाता है.
पिछले साल की हिट फिल्म ‘हेट स्टोरी 3’ में जबरदस्त बोल्ड सीन देने वाली ज़रीन का मानना है कि वह समझ नहीं पाती हैं कि ऑडियंस अलग-अलग बोल्ड सीन को किस नजरिये से देखती है.
ज़रीन ने पीटीआई से बात करते हुए इस बारे में कहा, ‘जब कोई बड़ा सितारा बोल्ड सीन करता है तो सब ठीक है. ‘वाव’, ‘ओह माई गॉड’, ‘लुकिंग सो हॉट’, ‘ये’ और ‘वो’… कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया होती है. लेकिन जब कोई ऐसा सितारा जिसका नाम बड़ा नहीं है वो ऐसे सीन करता है तो उसे ‘फूहड़’ करार दिया जाता है. लोग उसके बारे में तरह-तरह की बातें करने लगते हैं.’
वे कहती हैं, ‘मुझे यह सब समझ नहीं आता. लेकिन मैं उन्हें खुद पर हावी नहीं होने देती. मुझे ऐसी चीजों से कोई फर्क नहीं पड़ता. मैं यहां अपना काम करने आयी हूं और मुझे लगता है कि इतने सालों में मैंने यह सब सीख लिया है.’
ज़रीन को लगता है कि असल समस्या यह है कि इस देश में काफी संख्या में लोग बोल्ड सीन को लेकर नाक-मुंह सिकोड़ लेते हैं, लेकिन देखने वालों में वे पहले कुछ लोगों में से होते हैं.
अभिनेत्री ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हम एक पाखंडी देश में रहते हैं. जहां लोग बोल्ड सीन के बारे में तमाम नकारात्मक बातें कह देंगे. लेकिन देखना भी नहीं छोड़ेंगे. वे देखेंगे जरूर. कुछ लोग होते हैं जो इस सब की लाख बुराई करेंगे, लेकिन देखने वालों में अव्वल होंगे.’
29 वर्षीय ज़रीन खान ने साल 2010 में सलमान खान की फिल्म ‘वीर’ से फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था. अभिनेत्री ने फिल्म ‘हाउसफुल-2’ में भी काम किया है और सलमान खान की फिल्म ‘रेड्डी’ में भी एक डांस नंबर किया है.
फिल्म ‘हेट स्टोरी 3’ में अपने बोल्ड सीन से सभी को चौंका देने वाली ज़रीन खान ने हाल में अभिनेता अली फजल के साथ एक म्यूजिक वीडियो में भी काफी हॉट सीन दिए हैं. उन्हें लगता है कि जब भी ऐसे सीन शूट होते हैं तो एक अभिनेत्री को बहुत ज्यादा सावधान रहना चाहिए.
ज़रीन ने कहा, ‘जब आप बोल्ड सीन कर रहे होते हैं तो आपके दिमाग में कई चीजें चल रही होती हैं. स्क्रीन पर भले ही यह कामुक, हॉट और शानदार लगे. लेकिन जब आप यह सीन शूट कर रहे होते हैं तो आपको कई बातों का ध्यान रखना होता है.
डेंगू के बाद अब फैला वायरल, एक दिन में मरीज 2400 के पार
देहरादून के बड़े हिस्से में वायरल फैलने के बाद अस्पताल में मरीजों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है। पथरीबाग क्षेत्र में डेंगू के बाद अन्य इलाकों में वायरल फैलने से लोगों में स्वास्थ्य को लेकर चिंता है। इसके चलते सोमवार को राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के टीचिंग अस्पताल में रिकॉर्ड संख्या में मरीज पहुंचे। अस्पताल में एक ही दिन में मरीजों की संख्या 2400 पहुंच गई।
सोमवार सुबह से ही बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल पहुंचे। रजिस्ट्रेशन काउंटर पर केवल तीन कर्मचारी होने के कारण मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ा। ओपीडी में डॉक्टरों के यहां भी भीड़ लगी रही। वहीं वायरल और डेंगू के चलते पैथोलॉजी में ब्लड टेस्ट के लिए भी मरीजों का तांता लगा रहा।
अस्पताल रिकॉर्ड के अनुसार सोमवार को मरीजों की संख्या 2400 के पार हो गई। वरिष्ठ फिजिशियन डा. महावीर सिंह ने बताया कि डेंगू भी वायरल बुखार है।
पथरीबाग क्षेत्र में सामान्य वायरल से पीड़ित मरीज भी डेंगू की आशंका से डरे हुए हैं। ऐसे लोगों को ऐहतियातन ब्लड टेस्ट की सलाह भी दी जा रही है।
वहीं अस्पताल में डेंगू वार्ड के बेड भी फुल हो गए हैं। वरिष्ठ फिजिशियन और नोडल अधिकारी डेंगू डा. प्रवीण पंवार ने बताया कि अस्पताल में 16 बेड का डेंगू आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। सोमवार को मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद सभी बेड फुल हो गए हैं। उन्होंने बताया कि मरीजों की संख्या बढ़ने पर तुरंत बेड की संख्या बढ़ा दी जाएगी।
भाजपा सांसद निशंक के खिलाफ धोखाधड़ी की तहरीर
हरिद्वार के सांसद रमेश पोखरियाल निशंक पर क्षेत्र की जनता के साथ धोखा करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ सोमवार को प्रदर्शन किया। साथ ही निशंक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए थाने में तहरीर भी दी।
त्तराखंड प्रदेश कांग्रेस सेवा दल के कार्यवाहक मुख्य संगठक राजेश रस्तोगी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मंगलवार को श्यामपुर थाने पर एकत्र हुए। इस दौरान उन्होंने सांसद के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। राजेश रस्तोगी ने कहा कि सांसद का चुनाव लड़ने से पहले रमेश पोखरियाल निशंक ने दावा किया था कि वे क्षेत्र का समग्र विकास कराएंगे। चुनाव जीतने के बाद क्षेत्र के ग्रामीणों ने उनकी शक्ल तक नहीं देखी।
उन्होंने कहा कि सांसद ने क्षेत्र के किसी भी गांव में अपनी सांसद निधि का इस्तेमाल नहीं किया। केंद्र सरकार से मिलने वाली किसी योजना का श्रीगणेश क्षेत्र में नहीं कराया। इससे लालढांग की जनता में उनके खिलाफ भारी आक्रोश है। इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य के पति गुरजीत सिंह लहरी, मुलायम पाल, हरिद्वार ग्रामीण जिलाध्यक्ष तेलुराम, सुशील, धर्मेंद्र प्रधान, नीरज कश्यप, रविंदर, शफी, लोधा, राजन, सानू अंसारी, लक्की चोपड़ा आदि लोग शामिल थे।
कांग्रेसी नेता के लड़के ने खरीदा 100 करोड़ रु. का अपार्टमेंट
कांग्रेस के बड़े नेता और बिहार के पूर्व गवर्नर डीवाई पाटिल के बेटे अजिंक्य पाटिल ने मुंबई में 100 करोड़ की प्रोपर्टी खरीदी है। यह हाल-फिलहाल में हुई प्रोपर्टी की सबसे बड़ी डील मानी जा रही है। प्रोपर्टी से जुड़े मामलों के जानकार इसे सबके लिए फायदे का सौदा बता रहे हैं। दरअसल कई महीनों से प्रोपर्टी की मार्केट में मंदी आई हुई है। ऐसे में यह डील लोगों को राहत पहुंचाने वाली है। जिस बिल्डिंग में अमार्टमेंट खरीदा गया है वह मुंबई के वर्ली में है। बिल्डिंग का नाम सिल्वरेंस टेरेस (Silverene Terrace) है। यह इमारत समुद्र के किनारे पर बनी हुई है। इस बिल्डिंग में 23 फ्लोर हैं। अजिंक्य ने इस बिल्डिंग का 21वां, 22वां और 23वां फ्लोर खरीदा है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, यह प्रोपर्टी पाटिल की रीयल एस्टेट कंपनी AIPS के नाम से खरीदी गई है। डील के बारे में अजिंक्य से बात नहीं हुई है लेकिन उनकी कंपनी के डायरेक्टर राजेश रोराने ने डील होने की बात को सच बताया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रोपर्टी अच्छे निवेश को ध्यान में रखते हुए खरीदी गई है। उन्होंने कहा, ‘प्रोपर्टी को 95.4 करोड़ में खरीदा गया है और 4.7 करोड़ की स्टांप ड्यूटी लगी है।’
यह बिल्डिंग पहले एक बंगला हुआ करती थी। 2009 में इसे नोशीर तालाटी नाम के डेवेलपर ने फिर से बनाया था। इसके चार साल बाद कारोबारी अविनाश भोसले की बेटी स्वपनाली ने 19वें और 20वें फ्लोर को 75 करोड़ में खरीदा था।
हिंदू आबादी पर भागवत की टिप्पणी को शिवसेना ने बताया ‘दकियानूसी’
मुंबई: हिंदू जनसंख्या में गिरावट आने के बारे में आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत की ओर से की गई टिप्पणियों को ‘दकियानूसी’ बताते हुए शिवसेना ने कहा कि प्रगतिशील हिंदू समाज उनके विचारों को स्वीकार नहीं करेगा। इसके साथ ही शिवसेना ने केंद्र से कहा कि वह ‘सामाजिक और सांस्कृतिक संतुलन’’ बनाए रखने के लिए समान नागरिक संहिता लागू करे। लंबे समय से भाजपा की सहयोगी रही शिवसेना ने कहा कि मुस्लिमों की बढ़ती आबादी से निपटने के लिए हिंदुओं की आबादी को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, नरेंद्र मोदी की सरकार को जल्दी से जल्दी समान नागरिक संहिता लागू करनी चाहिए।
शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा, ‘मोहन भागवत ने दकियानूसी विचारों को आधुनिक तरीके से पेश करने की कोशिश की है। उनकी टिप्पणियों को प्रगतिशील हिंदू समुदाय स्वीकार नहीं करेगा। प्रधानमंत्री मोदी भी इस बात पर सहमत नहीं होंगे कि हिंदू आबादी को बढ़ाना मुस्लिमों की बढ़ती आबादी से निपटने का सही तरीका है।’ इसमें कहा गया, ‘सरकार परिवार नियोजन पर बहुत धन खर्च कर रही है। मुस्लिम आबादी में बढ़ोत्तरी से निश्चित तौर पर देश का सामाजिक और सांस्कृतिक संतुलन प्रभावित होगा लेकिन हिंदुओं को ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए कहना इस समस्या का समाधान नहीं है।’
शिवसेना ने कहा, ‘सभी समुदायों की जनसंख्या पर लगाम लगाने के लिए एकमात्र उपाय समान नागरिक संहिता को लागू करना है। यदि हिंदू ज्यादा बच्चों को जन्म देंगे तो भुखमरी, बेरोजगारी और महंगाई जैसी समस्याओं में इजाफा ही होगा।’ शिवसेना ने भागवत से जानना चाहा कि क्या वे जानते-बूझते हुए हिंदू समुदाय की जनसंख्या बढ़ाने के लिए हिंदुओं के एक से ज्यादा पत्नियां रखने के विचार का समर्थन करने की कोशिश कर रहे हैं? संपादकीय में कहा गया, ‘वास्तव में भागवत के विचार हिंदुत्व के आदशरें पर लगे जाले के समान है। इसके बजाय, वह समान नागरिक संहिता और परिवार नियोजन के कड़े नियमों का समर्थन क्यों नहीं करते?’ हाल ही में आगरा में आयोजित एक समारोह के दौरान भागवत ने एक सवाल के जवाब में कहा था, ‘कौन सा नियम कहता है कि हिंदुओं की जनसंख्या नहीं बढ़नी चाहिए? ऐसा कुछ नहीं है। जब अन्य लोगों की जनसंख्या बढ़ रही है तो उन्हें (हिंदुओं को) किसने रोका है? यह मुद्दा व्यवस्था से जुड़ा नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सामाजिक माहौल ऐसा है।’
मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का नहीं होगा समाजवादी पार्टी में विलय
लखनऊ: माफिया डॉन और विधायक मुख्तार अंसारी ने अपनी पार्टी कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय करने से इनकार कर दिया है. यूपी विधानसभा के मॉनसून सत्र में शामिल होने के लिए जेल से आए मुख्तार ने कहा, ‘पहली बार भी हमने विलय नहीं किया था, ना हम चाहते थे और आज भी हम नहीं चाहते हैं.’
पिछले 21 जून को मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय हो गया था. लखनऊ में समाजवादी पार्टी मुख्यालय में मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल यादव ने बाकायदा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका ऐलान किया था. लेकिन अखिलेश यादव के भारी विरोध करने के बाद 25 जून को लखनऊ में पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक हुई जिसमें विलय को रद्द करने का ऐलान कर दिया गया.
विलय रद्द होने पर मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी ने कहा था, मुझे घर बुलाकर कर खातिर की फिर मुझे सोते वक्त हलाल कर दिया गया.’ सियासत के जानकार कहते हैं कि इससे मुख्तार अंसारी को लगा कि वो सरेआम जलील कर दिए गए. पूर्वी उत्तर प्रदेश के गाजीपुर, बलिया, मऊ और वाराणसी वगैरह जिलों की करीब 20 विधानसभा सीटों पर मुसलमानों में मुख्तार के परिवार का अच्छा असर है. वहां उनकी उनकी छवि रॉबिनहुड जैसी है. कहते हैं कि मुख्तार ने विलय ना करने का सख्त स्टैंड इसलिए लिया है ताकि उनके इलाके में लोग ये ना समझें कि ये लोग ऐसे ही गिरे पड़े हैं कि जब चाहे सपा इनसे विलय कर जब चाहे निकाल देती है.
मुख्तार ने यूपी विधानसभा के सेंट्रल हॉल में मंगलवार को मीडिया से कहा, ‘ये फैसला 14 अगस्त को पार्टी के सभी जिम्मेदारी नेताओं की मीटिंग में हो गया था कि अब समाजवादी पार्टी के साथ कोई विलय नहीं होगा. यही हमारी पार्टी के लिए बेहतर विकल्प है.’
दरअसल मुलामय सिंह ने काफी सियासी गुणा-भाग कर मुख्तार की पार्टी से विलय का फैसला किया था. उन्होंने पूर्वांचल के गाजीपुर, बलिया, मऊ और वाराणसी की 20 सीटों पर पिछले चुनाव के समाजवादी पार्टी और कौमी एकता दल के वोटों को जोड़कर ये हिसाब लगाया है कि विलय के बाद यह सारी सीटें वह जीत लेंगे.
मुलायम सिंह के बंगले पर सोमवार को यादव परिवार की जो पंचायत बैठी उसमें कौमी एकता दल का विलय भी एक मुद्दा था. मुलायम और शिवपाल पहले से इसके हक में हैं जबकि विलय का विरोध करने वाले रामगोपाल कल इसके लिए तैयार हो गए. लेकिन अखिलेश यादव इस पर राजी नहीं हुए. अब मुख्तार अड़ गए हैं.
ब्रह्मोस की तैनाती को लेकर चीन की चेतावनी पर भारतीय सेना ने कहा, 'इससे आपको क्या'
नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मोस की तैनाती को लेकर चीन की चेतावनी को दरकिनार करते हुए भारतीय सेना ने स्पष्ट किया है कि उसके फैसले बीजिंग से तय नहीं होंगे. सेना के उच्च पदस्थ सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया, ‘हमारी सुरक्षा संबधी चिताएं हमारी अपनी हैं और हम अपने इलाके में किस तरह की तैनाती करें, ये तय करना हमारे अपने अधिकार क्षेत्र में है.’
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र पीपुल्स डेली के मुताबिक चीन से सटी सीमा पर ब्रह्मोस की तैनाती से क्षेत्रीय स्थायित्व पर नकारात्मक असर पड़ेगा. वैसे अभी अरुणाचल में ब्रह्मोस की तैनाती हुई भी नहीं है लेकिन चीन की आपत्ति सामने आ गई है. फिलहाल सरकार ने इस आशय का फैसला भर लिया है कि अरुणाचल में ब्रह्मोस की चौथी रेजीमेंट की तैनाती होगी. करीब 4,300 करोड़ की लागत से रेजीमेंट में करीब 100 मिसाइलें, पांच मोबाइल स्वचालित लॉन्चर और एक मोबाइल कमान पोस्ट तैनात होगी. इसकी तैनाती में करीब सालभर का वक्त लग जाएगा.
वैसे ब्रह्मोस की रेंज 290 किलोमीटर है लेकिन चीन के घबराने की वजह है कि इस मिसाइल का उसके पास कोई तोड़ नहीं है. भारत के पास मौजूद ब्रह्मोस सुपरसोनिक है यानी इसकी स्पीड करीब एक किलोमीटर प्रति सेकेंड है, जबकि चीन के पास मौजूद मिसाइल सबसोनिक यानी उसकी स्पीड 290 मीटर प्रति सेकेंड है. आम भाषा में समझे तो ब्रह्मोस चीनी मिसाइल से तीन गुना तेज है और इसे फायर करने में वक्त भी कम लगता है. साथ ही इसका निशाना चूकता नहीं है.
इसकी तैनाती के बाद अरुणाचल प्रदेश से चीन के 290 किलोमीटर के दायरे में आने वाली हर जगह इसकी पहुंच में होगी. यहां उन्नत ब्रह्मोस की तैनाती होगी जो पहाड़ों में छुपे दुश्मन के ठिकानों को भी निशाना बना सकता है. चीनी सेना के मुताबिक ब्रह्मोस की तैनाती से चीन के तिब्बत और युन्नान प्रांत खतरे की जद में आ जाएंगे.
भारत और रूस की मदद से बना ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जो ध्वनि से तीन गुना रफ्तार से हमला करता है. इसे पनडुब्बी, युद्धपोत, लड़ाकू विमान आदि से दागा जा सकता है.
बांग्ला भाषी श्रोताओं के लिए राष्ट्रपति ने ‘आकाशवाणी मैत्री’ चैनल का किया उद्घाटन
कोलकाता : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज बांग्ला भाषी श्रोताओं के लिए ‘आकाशवाणी मैत्री’ चैनल और उसकी वेबसाइट का उद्घाटन किया। इस पहल से भारत और बांग्लादेश दोनों देशों के कार्यक्रमों के लिए मंच मुहैया होगा और बंगाली संस्कृति का संरक्षण होगा।
कोलकाता में चैनल का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा, ‘आकाशवाणी मैत्री’ और इसकी मल्टीमीडिया वेबसाइट पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और उसके आसपास के इलाकों में बांग्ला भाषी श्रोताओं के लिए ही नहीं वरन समूचे विश्व में अलग-अलग हिस्सों में रह रहे बांग्ला भाषी लोगों के लिए एक अनूठी पहल है।
राष्ट्रपति ने इस बात का उल्लेख किया कि भारत और बांग्लादेश महज पड़ोसी नहीं हैं बल्कि वे जातीयता एवं रिश्तों से भी जुड़े हैं। उन्होंने कहा, ‘अपने साझा इतिहास, विरासत, संस्कृति, भाषा, भौगोलिक समानता के कारण भारत ने हमेशा से ही बांग्लादेश के साथ द्विपक्षीय रिश्तों को सर्वोच्च महत्व दिया है।’ उन्होंने कहा कि दोनों देश साथ मिलकर समूचे उपमहाद्वीप और उससे इतर विकास और समृद्धि के क्षेत्र में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बांग्लादेश यात्रा के दौरान लिये गये फैसले से चैनल की अवधारणा निकली थी जहां दोनों पक्षों ने अपने प्रसारण संस्थानों के बीच विषयवस्तु साझा करने की सहमति जताई थी। चैनल का प्रसारण देश के नए अत्याधुनिक उच्च शक्ति वाले 1000 केडब्ल्यू डीआरएम ट्रांसमीटर के जरिए समूचे बांग्लादेश में मीडियम वेव पर व्यापक पहुंच एवं क्षमता के साथ होगा और यह वेबसाइट एवं मोबाइल ऐप के जरिए वैश्विक तौर पर भी उपलब्ध होगा।
राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि 1971 से ही बांग्लादेश के लाखों लोगों के दिलों में आकाशवाणी की एक खास जगह है, जब बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के मद्देनजर बांग्ला भाषा में एक विशेष सेवा शुरू की गई थी। उन्होंने उस समय का स्मरण करते हुए कहा कि मुक्ति संग्राम के दौरान इस चैनल ने ऐतिहासिक भूमिका निभाई थी।
उन्होंने कहा कि नया चैनल समग्र बंगाली सांस्कृतिक विरासत के प्रचार एवं प्रसार और संरक्षण में अहम भूमिका निभा सकता है, जो सभी बांग्ला भाषी लोगों के लिए एक विरासत की तरह है और वे चाहे जहां भी रहते हों उनके लिए बेहद गर्व की बात है।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि कला, संस्कृति, साहित्य, संगीत, खेल एवं साझा सामाजिक-आर्थिक मुद्दों के क्षेत्र में भारत और बांग्लादेश दोनों देशों की विषयवस्तु का संगम इस चैनल को खास बनाएंगे, जो दोनों देशों के श्रोताओं के लिए उपयोगी होगा।’ उन्होंने कहा कि दक्षेस की पहलों की पूर्ण क्षमता को साकार करने में भारत और बांग्लादेश मिलकर काम कर सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर में 12 साल बाद BSF की वापसी, घाटी के भीतरी हिस्सों में तैनाती
श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में शांति का माहौल बनाए रखने के मद्देनजर घाटी में 12 साल बाद एक बार फिर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को तैनात किया गया है। बीते सोमवार को श्रीनगर के लालचौक और आसपास के इलाके में बीएसएफ के एक दस्ते ने करीब 12 साल बाद फ्लैग मार्च किया। गौर हो कि हिजबुल आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद से कश्मीर घाटी में हिंसा का माहौल बना हुआ है। घाटी में करीब डेढ माह से हिंसा और तनाव का माहौल बना हुआ है। ऐसे में सोमवार से घाटी में बीएसएफ को तैनात कर दिया गया है। घाटी के भीतरी इलाकों में बीएसएफ की तैनाती की गई है। घाटी के कई इलाकों में अभी भी कर्फ्यू है, वहीं 12 साल बाद एक बार फिर शांति कायम करने के उद्देश्य से कश्मीर घाटी में बीएसएफ को तैनात किया गया है।
केंद्र ने कश्मीर में हालात सामन्य बनाने के लिए बीएसएफ की 26 और कंपनियों को भेजने का फैसला किया है। बीएसएफ की इन 26 कंपनियों को राज्य के समस्याग्रस्त इलाकों में कानून व्यवस्था बनाने के लिए भेजा जा रहा है। घाटी में लगातार हो रही हिंसा और कई इलाकों में अशांति के बीच केंद्र ने सोमवार को 2600 अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों को जम्मू कश्मीर के लिए रवाना कर दिया। सराकरी सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है। इन बलों को गुजरात, राजस्थान और पश्चिम बंगाल से लिया गया है और उनके एक दो दिन में घाटी पहुंच जाने की संभावना है। इसके अतिरिक्त अमरनाथ यात्रा की ड्यूटी से हटाए जाने के बाद बल की 30 अतिरिक्त कंपनियों को भी अगले कुछ दिन में राज्य में भेजे जाने की संभावना है।
बताया जाता है कि जम्मू-कश्मीर के लोग पहले से ही बीएसएफ की तैनाती का विरोध करते आए हैं। इन लोगों की नजरों में सीमा सुरक्षा बल की छवि आक्रामक बल की तरह है। संभवत: यही कारण रहा कि करीब 12 सालों पूर्व सीमा सुरक्षा बल को हटाकर घाटी में सीआरपीएफ की तैनाती कर दी गई थी। हालांकि 1990 के दौरान आतंकी गतिविधियों पर काबू करने के उद्देश्य से सीमा सुरक्षा बल को तैनात किया गया था, लेकिन बाद में वर्ष 2004 के दौरान बल का स्थान सीआरपीएफ ने ले लिया था। अब पुनः एक बार फिर कश्मीर में सीमा सुरक्षा बल के हाथों में सुरक्षा की कमान होगी।
दूसरी ओर, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को जम्मू एवं कश्मीर जाएंगे। घाटी के कई हिस्सों में मंगलवार को लगातार 46वें दिन भी प्रतिबंध लगा हुआ है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान उनके साथ गृह सचिव राजवी महर्षि भी होंगे। राजनाथ का कश्मीर दौरा दो दिनों का होगा। बताया जाता है कि राजनाथ सिंह वहां जाकर प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं से कश्मीर में उपजी हिंसा को लेकर बातचीत करेंगे। गौर हो कि कश्मीर हिंसा में अब तक 70 लोगों की मौत हो चुकी है।