नई दिल्ली। गुजरात के नए सीएम के लिए बुलाई गई बीजेपी की संसदीय बोर्ड की बैठक में आनंदीबेन पटेल का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया। बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि आनंदीबेन ने लाखों कार्यकर्ताओं के सामने एक आदर्श प्रस्तुत किया है। 18 साल से लगातार मंत्री और अब मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने जो बढ़िया काम किया है उसकी संसदीय बोर्ड ने सराहना की।
नायडू ने बताया कि नितिन गडकरी और सरोज पांडेय केंद्र के प्रतिनिधि के तौर पर गुजरात जाएंगे और पार्टी नेताओं से बात करेंगे। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह खुद भी विधायक हैं इसलिए वह भी उस बैठक में उपस्थित रहेंगे। इस सलाह मशविरे के बाद ही नए सीएम पर फैसला होगा।
वेंकैया से जब अमित शाह के सीएम बनने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इसका कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्होंने कहा, ‘शाह राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, उनके नेतृत्व में बीजेपी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बनी। पार्टी उनके नेतृत्व में उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम सब तरफ बहुत आगे बढ़ी है। मीडिया वाले चर्चा करते रहें, ऐसा कुछ नहीं होना जा रहा।
वहीं, बीजेपी के उच्च सूत्रों ने बताया कि संसदीय बोर्ड की बैठक में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को सीएम पर आखिरी फैसले के लिए अधिकृत किया गया है।
आनंदीबेन का इस्तीफा मंजूर, नायडू बोले- शाह के CM बनने का सवाल ही नहीं
माओवादी प्रचंड का दूसरी बार नेपाल का प्रधानमंत्री बनना तय, चुनाव आज
काठमांडो : नेपाल के शीर्ष माओवादी नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने की तैयारी में हैं और उन्होंने इस पद के चुनाव के लिए मंगलवार को नामांकन दाखिल किया। उनको आंदोलनरत मधेसियों का भी समर्थन मिला जिनके साथ उन्होंने तीन सूत्री समझौते पर हस्ताक्षर किया।
प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव बुधवार को है और इससे देश में राजनीतिक स्थिरता आने की उम्मीद जताई जा रही है। नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने सीपीएन-माओवादी सेंटर के प्रमुख प्रचंड की उम्मीदवारी का प्रस्ताव दिया और माओवादी नेता कृष्ण बहादुर महारा ने इसका समर्थन किया।
प्रचंड के नेतृत्व में बनने वाली सरकार के लिए मधेसी पार्टियों का समर्थन हासिल करने के मकसद से नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-माओवादी सेंटर ने मधेसी फ्रंट के साथ तीन सूत्री समझैते पर हस्ताक्षर किया। प्रधानमंत्री पद के लिए प्रचंड एकमात्र आधिकारिक उम्मीदवार हैं।
माओवादी प्रमुख के नामांकन दाखिल करने से पहले प्रचंड और नेशनल कांग्रेस प्रमुख देउबा ने मधेसियों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते में मधेसियों को विश्वास दिलाया गया है कि राजनीतिक सहमति और संविधान में संशोधन के जरिए उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा।
यद्यपि भारत विरोधी रूख रखने वाले प्रचंड एकमात्र उम्मीदवार हैं, लेकिन मतदान होगा और सीपीएन-यूएमएल और उसका गठबंधन उनके खिलाफ मतदान करेगा। केपी ओली ने बीते 24 जुलाई को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद नेपाल में नया राजनीतिक संकट पैदा हो गया। ओली के इस्तीफे के बाद से प्रधानमंत्री का पद खाली पड़ा है।
मीडिया में खबर आई थी कि सीपीएन-यूएमएल पूर्व उप प्रधनमंत्री बामदेव गौतम को प्रचंड के खिलाफ उम्मीदवार बना सकता है, लेकिन पार्टी ने आखिरी समय में चुनाव में नहीं उतरने का फैसला किया। इससे प्रचंड के नेपाल का 39वां प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया।
इससे पहले वह 2008 से 2009 तक प्रधानमंत्री रहे थे। आंदोलन कर रहे युनाइटेड मधेसी फ्रंट ने प्रचंड के पक्ष में मतदान करने का फैसला किया है। ऐसे में प्रचंड को कम से कम 360 वोट मिल सकते हैं, हालांकि प्रधानमंत्री पद का चुनाव जीतने के लिए 298 मतों की जरूरत है। तीन मधेसी नेताओं- सोशल फोरम के उपेंद्र यादव, तराई मधेसी डेमोक्रेटिक पार्टी के सर्वेंद्र नाथ शुक्ला और सद्भावना पार्टी के लक्ष्मण लाल- ने प्रचंड की उम्मीदवारी का समर्थन किया।
समझौते के अनुसार आगामी सरकार मधेसी फ्रंट की मांगों को पूरा करेगा। मधेसी आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों को शहीद का दर्जा दिए जाने, घायलों का मुफ्त उपचार करने और प्रांतीय सीमा का फिर से रेखांकन करने के लिए संविधान में संशोधन जैसी प्रमुख मांगे हैं।
नेपाल में सरकार के गठन का यह महत्वपूर्ण घटनाक्रम उस वक्त हुआ है जब एक दिन पहले नेपाली राष्ट्रपति विद्या भंडारी ने बहुमत वाली सरकार के गठन के लिए सभी राजनीतिक दलों का नए सिरे से आह्वान किया था। इससे पहले राष्ट्रपति की ओर से सरकार के गठन के लिए दी गई समयसीमा खत्म हो गई थी और और प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई थी।
यह पता चला है कि संसद ने प्रधानमंत्री पद के चुनाव के लिए तैयारी शुरू कर दी है। स्पीकर ओनसारी घारटी ने कल सुबह 11 बजे 596 संसदीय संसद की बैठक बुलाई है जिसमें नए प्रधानमंत्री का चुनाव होगा। माना जा रहा है कि प्रचंड गुरुवार को छोटी कैबिनेट का एलान करेंगे जिसमें माओवादी पार्टी, नेपाली कांग्रेस, सीएन-यूनाइटेड और राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक पार्टी के सदस्य शामिल होंगे।
उत्तर कोरिया ने टेस्ट की बैलेस्टिक मिसाइल
दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उत्तर कोरिया ने समंदर में एक बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है. दक्षिण कोरिया के जॉइंट चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ ने कहा कि ये मिसाइल उत्तर कोरिया के पूर्वी तट से दाग़ी गई थी.
उत्तर कोरिया कह चुका है कि वो दक्षिण कोरिया में मिसाइल डिफ़ेंस सिस्टम लगाने की दक्षिण कोरिया और अमरीका की योजना का ‘जवाब’ देगा.
संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के मुताबिक़ उत्तर कोरिया पर परमाणु और बैलेस्टिक मिसाइल बनाने पर पाबंदी है. लेकिन हाल के महीनों में उसने कई मिसाइल परीक्षण किए हैं.
जॉइंट चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ के एक अधिकारी ने कहा, “ये परीक्षण पड़ोसी देशों पर हमले की उत्तर कोरिया की महत्वकांक्षाओं को ज़ाहिर करता है.” उन्होंने कहा कि ये मिसाइल मध्यम दूरी की लगती है जिसने लगभग 1000 किलोमीटर की दूरी तय की.
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा कि ये परीक्षण उनके देश के लिए एक गंभीर ख़तरा है और उन्होंने इस पर कड़ा विरोध जताया है. अमरीका ने भी इसकी निंदा की है.जुलाई में भी उत्तर कोरिया ने तीन बैलेस्टिक मिसाइलों का समंदर में परीक्षण किया था.
उकसावों के बावजूद भारत और पाकिस्तान को संवाद के तार जोड़े रखने चाहिए
भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में कड़वाहट के एक और दौर के बीच बीते क्रिसमस ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लाहौर दौरा अब किसी सुदूर अतीत की बात लगने लगा है. सार्वजनिक आरोपों-प्रत्यारोपों के बाद कश्मीर में हिंसा और अशांति का सिलसिला शुरू हुआ और अब भारत विरोधी प्रदर्शनों में पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन केंद्रीय भूमिका में हैं. लश्कर-ए-तैयबा के हाफिज सईद ने पाकिस्तान सरकार को चेतावनी दी है कि अगर गृहमंत्री राजनाथ सिंह को इस्लामाबाद में हो रही सार्क देशों के गृहमंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने दिया गया तो इसका देशव्यापी विरोध किया जाएगा. उधर, हिजबुल मुजाहिदीन के सैयद सलाहुद्दीन ने नवाज शरीफ सरकार से कहा है कि वह भारत से अपना उच्चायुक्त वापस बुला ले और पड़ोसी देश के साथ व्यापारिक और कूटनीतिक रिश्ते खत्म कर दे.
भारत विरोधी आतंकी संगठनों की सक्रियता पर एक हद तक पाकिस्तान सरकार का ही नियंत्रण रहता है. उदाहरण के लिए जब 2004 से 2007 के बीच भारत और पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर समस्या के समाधान की दिशा में बात कर रहे थे तो सलाहुद्दीन की सक्रियता न के बराबर दिखती थी. इसी तरह भारत और अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के दबाव के चलते हाल के सालों में हाफिज सईद की सार्वजनिक रूप से सक्रियता भी अपेक्षाकृत कम ही रही है. अब वह खुलेआम भारत पर हमले कर रहा है और शरीफ सरकार को चुनौती दे रहा है. यह संकेत है कि सईद और उस जैसे दूसरे तत्वों को राजनीतिक और सैन्य व्यवस्था के कुछ हिस्सों से समर्थन मिल रहा है. और सेना और सरकार के बीच जिस तरह का समीकरण है उसे देखते हुए इन तत्वों की गतिविधियां सरकार की सत्ता के क्षरण को आगे बढ़ाने का काम कर रही हैं.
भारतीय वार्ताकारों के साथ अंदरखाने बातचीत में शरीफ सरकार तर्क दे सकती है कि ये गतिविधियां कश्मीर में नागरिकों की मौत पर पैदा हुए गुबार को निकालने का जरिया भर हैं. लेकिन जो आतंकी संगठन खुद ही अनैतिक रूप से लोगों की हत्या करते हैं या उन्हें घायल करते हैं वे आम लोगों की मौत पर चिंतिंत होंगे यह सोचना खुद को भुलावे में रखने जैसा है. दूसरे, अगर पाकिस्तान की सरकार को किसी मुद्दे पर लामबंदी करने के लिए ऐसे तत्वों की जरूरत पड़ रही है तो यह उसकी अपनी ताकत के बारे में क्या बतलाता है?
इसके अलावा एक और बात है जो इससे भी अहम है. यह बताता है कि पाकिस्तान सरकार एक बार फिर नहीं समझ पा रही कि राजनीति में किसी आतंकी या आतंकी संगठन का कद बढ़ाने की कीमत क्या हो सकती है. वह सोच रही है कि अतिवादी संगठनों को कुछ हफ्तों तक भारत विरोधी अभियान चलाने की आजादी देने से उसे फायदा होगा और यह फायदा इससे उसके अपने समाज को होने वाले नुकसान से ज्यादा होगा.
राजनाथ सिंह ने वहां जाने का फैसला कायम रखा है और यह उन्होंने ठीक ही किया है. दोनों पक्षों को संवाद के तार जोड़े रखने चाहिए और दोनों को मौजूदा गतिरोध पर ईमानदारी से अपना नजरिया साझा करने की भी जरूरत है. राजनाथ सिंह वहां एक ऐसे माहौल में पहुंच रहे हैं.जिसे ‘नॉन स्टेट एक्टर्स’ ने और भी बदतर बना दिया है और दोनों पक्षों को इस स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए. अपनी संकट प्रबंधन प्रक्रियाओं पर चर्चा करने के लिए इससे बढ़िया स्थिति नहीं हो सकती.
नाडा ने नरसिंह यादव को बेकसूर माना, ओलंपिक में जाने की अनुमति भी दी
पहलवान नरसिंह यादव को नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने बड़ी राहत देते हुए डोपिंग के आरोपों से मुक्त कर दिया है. सोमवार को नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने फैसला सुनाते हुए कहा कि नाडा ने नरसिंह के दो जून तक लिए गए नमूनों में से कोई भी पॉजिटिव नहीं पाया था.
अग्रवाल के मुताबिक इसके बाद जो प्रतिबंधित पदार्थ उन्होंने लिया था उसे एक बार लेने से एथलीट को कोई फायदा नहीं हो सकता इसीलिए पैनल का विचार था कि यह पदार्थ उन्होंने जान-बूझकर नहीं लिया था. उनके मुताबिक पैनल ने माना है कि इस पूरे मामले में नरसिंह की कोई गलती नहीं है बल्कि उन्हें किसी साजिश का शिकार बनाया गया है. पैनल ने नरसिंह को नाडा की डोपिंग रोधी संहिता की धारा 10.4 के तहत आरोपों से बरी कर दिया है.
नाडा का फैसला आने के बाद भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने मीडिया को बताया कि अब नरसिंह रियो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. सिंह के मुताबिक उन्होंने विश्व कुश्ती संघ को खत लिखकर बता दिया है कि भारत की ओर से 74 किलोग्राम वर्ग में प्रवीण राणा की जगह नरसिंह यादव हिस्सा लेंगे. नरसिंह पर डोपिंग के आरोप लगने के बाद पिछले हफ्ते रियो जाने वाली टीम में उनकी जगह प्रवीण राणा को भेजने की घोषणा की गई थी.
पारी की हार से बचने के लिए वेस्टइंडीज के सामने 305 रनों की चुनौती
भारतीय क्रिकेट टीम ने सबीना पार्क मैदान पर वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन सोमवार को बारिश की आंखमिचौली के बीच अपनी पहली पारी नौ विकेट पर 500 रनों पर घोषित कर दी. भारत को पहली पारी की तुलना में 304 रनों की बढ़त मिली है.
उमेश यादव (19) का विकेट गिरने के साथ बारिश का जो सिलिसिला शुरू हुआ, वह दिन का खेल खत्म होने तक जारी रहा. इसी बीच, भारतीय कप्तान विराट कोहली ने पारी घोषित कर दी. उपकप्तान अजिंक्य रहाणे 108 रनों पर नाबाद लौटे. यह उनके करियर का सातवां शतक है. रहाणे ने 237 गेंदों पर 13 चौके और तीन छक्के लगाए. वह भारतीय पारी के मध्य और निचले क्रण में कुछ बेहतरीन साझेदारियों के सूत्रधार बने.
रहाणे ने रिद्धिमान साहा (47) के साथ छठे विकेट के लिए 98 रनों की साझेदारी की. इसके अलावा उन्होंने कोहली (44) के साथ चौथे विकेट के लिए 33, रविचंद्रन अश्विन (3) के साथ पांचवें विकेट के लिए 17, अमित मिश्रा (21) के साथ सातवें विकेट के लिए 33 और उमेश के साथ नौवें विकेट के लिए 47 रनों की साझेदारी करने में सफल रहे.
रहाणे और साहा दूसरे दिन स्टम्पस तक नाबाद थे. रहाणे ने 42 और साहा ने 17 रन बनाए थे. तीसरे दिन का पूरा सत्र खेलने के बाद साहा भोजनकाल से पहले फेंके गए ओवर में आउट हुए. साहा ने 116 गेंदों पर पांच चौके लगाए. उनका विकेट 425 के कुल योग पर गिरा. मिश्रा ने 42 गेंदों पर एक चौका और एक छक्का लगाया जबकि मोहम्मद समी खाता नहीं खोल सके. उमेश ने 14 गेंदों की तेज पारी में चार चौके लगाए.
वेस्टइंडीज की ओर से रॉस्टन चेज ने पांच सफलता हासिल की. इसके अलावा शेनान गेब्रियल, देवेंद्र बिशू और कप्तान जेसन होल्डर को एक-एक विकेट मिला. भारत ने कुल 171.1 ओवरों का सामना किया. इससे पहले, ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (52-5) के नेतृत्व में अपने गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन के दम पर भारत ने वेस्टइंडीज की पहली पारी 196 रनों पर समेट दी थी.
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी कर रही मेजबान टीम ने 52.3 ओवरों का सामना किया. उसकी ओर से जेम्स ब्लैकवुड ने सबसे अधिक 62 रन बनाए. इसके अलावा मार्लन सैमुएल्स ने 37 तथा अपना पहला टेस्ट खेल रहे मिग्वेल कुमिंस ने नाबाद 24 रन बनाए. चार मैचों की सीरीज में मेजबान टीम 0-1 से पीछे है. उसे पहले टेस्ट मैच में एक पारी और 92 रनों से हार मिली थी. यह विदेश में भारत की सबसे बड़ी जीत है. उस मैच में अश्विन ने दूसरी पारी में सात विकेट लिए थे.
राजेश खन्ना पर शाह की टिप्पणी मामले पर अक्षय ने तोड़ी चुप्पी
नसीरुद्दीन शाह ने एक इंटरव्यू में राजेश खन्ना को ‘घटिया एक्टर’ कह दिया था और इस मामले ने काफी तूल पकड़ा. बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार ने अपने ससुर के बारे में ऐसा बोले जानें पर आखिरकार चुप्पी तोड़ी है.
हिन्दी फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार का कहना है कि नसीरुद्दीन शाह ने उनके दिवंगत ससुर राजेश खन्ना के बारे में क्या कहा इस पर वह टिप्पणी नहीं करेंगे क्योंकि उन्होंने पहले ही माफी मांग ली है.
खन्ना पर शाह की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर अक्षय ने एक इंटरव्यू में बताया, यह मामला खत्म हो गया है. अब सब कुछ खत्म हो गया है, नसीरुद्दीन ने माफी मांग ली है. इससे आगे बढ़ते हैं.
अक्षय ने बताया, उन्होंने माफी मांग ली है और यह मामला खत्म हो गया है. इसमें ऐसा कुछ नहीं है कि जिसमें आप मुझसे कुछ कहलवाना चाहते हों जिससे आप कुछ लिख सकें.
आपको बता दें कि नसीरुद्दीन ने खन्ना को एक कमजोर अभिनेता करार दिया था जिन्होंने 70 के दशक में सामान्य फिल्में दीं. हालांकि अक्षय ने कहा कि अभी मामले को तूल नहीं देना चाहिए. उन्होंने कहा, फिल्म जगत को एक साथ चलने दो, जब कोई माफी मांगता है तब आपको बड़प्पन दिखाते हुए मामले को खत्म करना चाहिए.
सैफ की जगह रेस 3 में दिखेंगे सलमान ?
मुंबई : डायरेक्टर अब्बास मस्तान अब रेस 3 लेकर आयेंगे. इस बार रेस 3 में सैफ अली खान की जगह लेंगे सलमान खान . हालांकि इसकी अबतक आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. खबर है कि सलमान ने स्क्रीप्ट पढ़ ली है और कभी भी फिल्म साइन कर सकते हैं.
फिल्म रेस की दो सीरिज आ चुकी है. दोनों ही फिल्मों ने अच्छी कमाई की है. अब इस फिल्म के साथ अगर सलमान खान का नाम जुड़ता है तो फिल्म और बेहतर कारोबार करेगी. हाल में ही सलमान की फिल्म सुलतान ने खूब कमाई की है. इस फिल्म ने कई रिकार्ड तोड़ दिये. सलमान भी इन दिनों ऐसे रोल की तलाश में हैं जो उन्हें स्टाइल आईकॉन के रूप में एक बार फिर स्थापित कर सके. अब्बास मस्तान स्टाइलिश फिल्में बनाते हैं.
बड़ी- बड़ी गाड़ियां और स्टाइलिश कपड़ों का एक अलग अंदाज देखने को मिलता है. सलमान ने हाल में बजरंगी भाईजान, सुलतान जैसी फिल्में की है जिसमें उनकी भूमिका एक साधारण व्यक्ति की थी. रेस 3 में सलमान की भूमिका कैसी होगी फिलहाल यह कहना मुश्किल है लेकिन इतना कहा जा सकता है कि अगर सलमान इस फिल्म में काम करने के लिए हामी भर दी तो उन्हें एक बार फिर स्टाइलिश अंदाज में देखा जा सकेगा.
60 फीट गहरे कुएं में गिरा तेंदुआ, बचाई गई जान
महाराष्ट्र में पुणे के निकट स्थित सिद्धनाथ गांव के निकट पिंपलगांव में रविवार सुबह एक किसान ने अपने घर के पास स्थित एक गहरे कुएं के अंदर से दहाड़ने की तेज आवाज सुनी. उन्होंने अंदर झांका तो देखा कि एक तेंदुआ 60 फीट गहरे कुएं में गिरा हुआ है और बचने के लिए तैरते रहने की कोशिश कर रहा है.
शुरू में तेंदुए को देख किसान डर गए, थोड़ा संभलने के बाद उन्होंने वन विभाग को घटना की सूचना दी. वन विभाग ने वाइल्ड लाइफ एसओेएस द्वारा संचालित मानिकदो तेंदुआ बचाव केंद्र से संपर्क किया.
मौके पर पहुंचने के बाद बचाव दल ने सबसे पहले लकड़ी के का एक मोटा तना कुएं में डाला ताकि तेंदुआ पानी में तैरता रह सके. तेंदुए की उम्र तीन साल बताई जा रही है. इसके बाद तेंदुए को बाहर निकालने के लिए कुएं में एक बड़ा पिंजरा डाला गया, करीब तीन घंटे तक तैरने की कोशिश का बाद तेंदुआ थक गया था, इसलिए वह पिंजरे में घुस गया. पिंजरे को सावधानी से बाहर निकाला गया.
बचाव केंद्र के डॉक्टर अजय देशमुख ने बताया, “तेंदुआ काफी डरा हुआ था, उसे जल्द से जल्द बाहर निकालने की जरूरत थी.” बाहर निकालने के बाद वेटनरी डॉक्टरों ने तेंदुए की जांच की. जांच में पाया गया कि तेंदुए को कोई बड़ी चोट नहीं आई थी. बाद में उसे जंगल में वापस छोड़ दिया गया.
वन विभाग के अधिकारी रमेश खरमले ने बताया, “इस इलाके में बड़ी संख्या में खुले हुए कुएं हैं जिनमें न जालियां हैं और न ही चौबारे बनाए गए हैं. इन कुओं में जानवरों के गिरने की संभावना बनी रहती है.”
इलाके में गन्नों के खेत हैं जो संभवत: खत्म होते जंगलों में रहने वाले तेंदुओं को छिपने के लिए सुरक्षित लगते हैं. तेजी से खत्म होते जंगल मानव और तेंदुओं के बीच एक नए संघर्ष की ओर इशारा कर रहे हैं जिसके परिणाम खतरनाक हो सकते हैं.
फर्जी डिग्री मामले में फंसे AAP के एक और विधायक, मामला दर्ज
नई दिल्ली। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार आए दिन किसी न किसी मुसीबत में फंसती नजर आ रही है। इस बार ये क्रम आप सरकार के विधायकों खिलाफ झज्जर में दर्ज हुए धोखाधड़ी के मामले के साथ आगे बढ़ गया है। झज्जर के गांव छारा में रहने वाले सुरेन्द्र कमांडों आम आदमी पार्टी से दिल्ली के कैंट क्षेत्र में विधायक हैं और उन पर फर्जी डिर्गी के आधार पर झज्जर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में एक साल से ज्यादा नौकरी करने का मामला सामने आया है।
दिल्ली के ही कैंट क्षेत्र से पूर्व विधायक करण सिंह तंवर ने आरटीआई के माध्यम से सेना व हरियाणा शिक्षा विभाग के साथ-साथ सुरेन्द्र कमांडों द्वारा की गई बीए की डिग्री से संबंधित उनकी शिक्षा के बारे में जानकारी जुटाई। इसी जानकारी के आधार पर करण सिंह तंवर ने झज्जर थाना में एक लिखित शिकायत दी। जिसमें आरोप लगाया गया कि सुरेन्द्र कमांडो साल 2011 तक सेना में नौकरी पर कार्यरत रहे, इसी दौरान उन्होंने बीए की तीन साल की रेगुलर डिग्री किसी संसथान से की और उसी डिग्री के आधार पर सेना से रिटायरमेंट के बाद झज्जर के वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में वोकेशनल ट्रेनर के तौर पर नौकरी ज्वाईन कर ली और एक साल से ज्यादा इस सेवा में रहे।
जिसके बाद दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ने के दौरान भी उन्होंने अपनी बीए पास की योग्यता चुनाव कार्यालय में दी। जोकि धोखाधड़ी व जालसाजी का मामला बनता है। करण सिंह तंवर की इसी शिकायत पर झज्जर पुलिस ने आखिरकार 29 जुलाई को सुरेन्द्र कमांडों के खिलाफ भादसं की धारा 420 के तहत मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है।
इस पूरे मामले पर झज्जर थाना प्रभारी दयाचन्द का कहना है कि इस शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। जैसे-जैसे जांच में तथ्य सामने आएंगे आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस मामले में विशेष बात यह है कि करीब छह माह पूर्व दिल्ली में भी सुरेन्द्र कमांडों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो चुकी है। सूत्रों की माने तो उस दौरान भी हरियाणा पुलिस के आला अधिकारियों के निर्देश पर झज्जर में भी इस प्रकरण की जांच की गई थी। उस समय संबंधित स्कूल के स्टाफ व प्राचार्य से मिलकर पुलिस ने जरूरी दस्तावेज व जानकारी ली थी। लेकिन इस बार जांच का मुख्य केन्द्र झज्जर होने के चलते आप विधायक सुरेन्द्र कमांडों को अपने गृह जिले में ही परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है साथ ही प्रदेश में बीजेपी की सरकार होने के चलते कहीं न कहीं उनकी मुयीबत कम होने की बजाए बढ़ सकती है।