मुंबई: रायगढ़ के महाड़ में मुंबई-गोवा हाइवे पर बना ब्रिटिश कालीन पुल बारिश की वजह से बह गया है. महाबलेश्वर इलाके में भारी बारिश के चलते सावित्री नदी में आए तेज बहाव के बाद पुल बहा. इसमें 2 बसें और तीन गाड़ियां बह गई हैं, जिसमें 18 मुसाफिर, दो ड्राइवर और दो कंडक्टर लापता हैं. बसों की जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 02141222118 जारी किया गया.
पुलिस ने एपी को बताया कि दो या तीन वाहनों के इसमें बह जाने की खबर हैं, जिसमें कई लोग मौजूद थे. पुलिस अधिकारी संजय पाटिल ने कहा कि बचावदल को अभी तक कोई वाहन या लापता लोग नहीं मिले हैं. यह ब्रिज मंगलवार रात टूट गया था.
एनडीआरएफ के ओपी सिंह ने कहा कि करीब 80 बचावकर्मी, जिसमें गोताखोर भी शामिल हैं, बचावकार्य में लगे हैं, लेकिन भारी बारिश की वजह से उनका काम प्रभावित हो रहा है. कोस्ट गार्ड ने चेतक हेलीकॉप्टर से लापता लोगों को ढूंढने का अभियान शुरू किया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस से बात की और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
सीएम फडणवीस ने कहा, ‘‘मुंबई-गोवा राजमार्ग पर स्थित पुल के ढहने की घटना के बारे में मैंने रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी से बात की है। बचाव कार्य और तात्कालिक उपायों के लिए प्रशासनिक अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं।’’ उन्होंने बताया, ‘‘वहां दो समानांतर पुल थे। इनमें से एक पुल नया था जबकि दूसरा अंग्रेजों के जमाना का था। पुराना वाला पुल गिरा है।’’ उन्होंने कहा कि पुल पर पड़ने वाला भारी दबाव पुल गिरने की मुख्य वजह लग रहा है। यह दबाव महाबलेश्वर में भारी बारिश के कारण सावित्री नदी में आई बाढ़ के कारण है।
फडणवीस ने आज सुबह ट्वीट कर कहा, ‘‘राजमार्ग पर यातायात रोक दिया गया है। प्रशासन नए पुल की मजबूती और क्षमता का आकलन कर रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हताहत हुए लोगों के बारे में कोई निश्चित जानकारी नहीं है।’’
मुंबई-गोवा हाइवे पर भारी बारिश से पुल ढहा, 2 बसें बहीं, 22 लापता
पश्चिम बंगाल का नाम बदलने का प्रस्ताव, ममता ने विशेष सत्र बुलाया
पश्चिम बंगाल का नाम जल्द ही बदल सकता है. राज्य के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने मीडिया को बताया, ‘हमने पश्चिम बंगाल का नाम फिर से अंग्रेजी में ‘बंगाल’ और बंगाली में ‘बंग’ या ‘बांग्ला’ रखने का प्रस्ताव किया है. इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा. 29 व 30 अगस्त को सदन में इस पर चर्चा होगी और हम सभी दलों से इसे स्वीकार करने का आग्रह करेंगे जिसके बाद इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.’
उन्होंने यह भी बताया कि यह कोई नई मांग नहीं है और इसकी वजह अंग्रेजी की वर्णमाला है. राज्य के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जब सभी राज्यों के सम्मेलन आयोजित होते हैं तो उसमें पश्चिम बंगाल के वक्ताओं को काफी देर से बोलने का मौका मिलता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इन सम्मेलनों में वक्ताओं को अंग्रेजी की वर्णमाला के क्रम में बोलने के लिए बुलाया जाता है. इस वजह से उन्हें अपने विचारों को रखने के लिए अक्सर काफी कम वक्त मिल पाता है और उस वक्त वे काफी थके हुए भी होते हैं.
राज्य सरकार इससे पहले साल 2011 में भी राज्य का नाम बदलने का प्रयास कर चुकी है लेकिन तब उसे केंद्र से इसकी अनुमति नहीं मिल पाई थी.
ओडीशा: अब जेल की सुरक्षा किन्नर करेंगे
शादी ब्याह में नाचते हुए, रेलगाडियों में पैसा मांगते हुए नज़र आने वाले किन्नरों की ज़िंदगी में बदलाव के लिए ओडीशा सरकार ने एक अनोखा कदम उठाया है. सरकार ने जेल सुरक्षा के लिए ट्रांसजेंडरों को नियुक्त करने की योजना बनाई है. ओडीशा देश का पहला राज्य है जहां किन्नरों को जेल की सुरक्षा में लगाया जा रहा है.
सर्वोच्च न्यायालय के एक निर्देश के मुताबिक किन्नरों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए ये फ़ैसला किया गया है. इसके लिए किन्नरों को अन्य वर्गों की तरह कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा भी पास करनी होगी.
ओडीशा के जेल आईजी अरुण कुमार राय ने बताया कि ओडीशा में 90 जेल हैं और यहां 250 वॉर्डन के पद खाली हैं. इन पर नियुक्ति के लिए ट्रांसजेंडर आवेदन कर सकते हैं. शारीरिक परीक्षा में किन्नरों को महिलाओं में शामिल किया गया है. ओडीशा में लगभग 20 हज़ार किन्नर रहते हैं, इनमें से दो से ढाई हज़ार किन्नर शिक्षित हैं.
राज्य में विकलांगों के लिए सामाजिक सुरक्षा और सश्कितकरण योजना के सचिव नितिन चंद्रा ने बताया, “अब राज्य में किन्नरों को मुख्य धारा में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.”किन्नरों ने भी सरकार के इस कदम का स्वागत किया है.
भुवनेश्वर स्थित ट्रांसजेंडर सुरक्षा ट्रस्ट की प्रमुख मेनका ने राज्य सरकार के इस कदम की सराहना की. मेनका का मानना है कि अगर सरकार शैक्षणिक योग्यता में किन्नरों के लिए थोड़ी छूट दे तो किन्नर इसका ज़्यादा लाभ ले सकते हैं.
नारकोटिक्स कानून को केंद्र सरकार करे सख्त : नीतीश
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी को लेकर राज्य सरकार ने सख्त कानून बनाया है. अब केंद्र सरकार को नारकोटिक्स कानून को भी सख्त बनाना चाहिए. हम समर्थन को तैयार हैं. मंगलवार को विधान परिषद में उन्होंने उत्पाद विधेयक पर हस्तक्षेप करते हुए कहा कि विपक्ष इस मामले में भ्रम फैला रहा है.
विपक्ष को इस विधेयक का पारित कराने में सहयोग करना चाहिए. एक ओर विपक्ष जहरीली शराब पीने से लोगों के मरने की बात उठा रहा है. वहीं, सरकार सख्त कानून बना रही है, तो विरोध किया जा रहा है. विपक्ष के बहिष्कार के बीच विधान परिषद से बिहार मद्यनिषेध एवं उत्पाद विधेयक, 2016 पारित हो गया. अब इसे राज्यपाल की सहमति के लिए भेजा जायेगा.
इसके पहले मुख्यमंत्री ने विपक्ष के सारे सवालों को जवाब देते हुए अधिकारी और पुलिस के निरंकुश होने संबंधी आशंकाओं को खारिज कर दिया और कहा कि इसी के लिए नया विधेयक लाया गया है. फंसाने या तंग करनेवाले अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के लिए सजा तीन माह से बढ़ा कर 10 साल कर दी गयी है. साथ ही जुर्माने की राशि को 10 हजार से बढ़ा कर एक लाख कर दिया गया है. इसके अलावा बरखास्तगी और आइपीसी की अन्य धाराएं भी उन पर लागू होंगी. मुख्यमंत्री ने विधेयक के प्रावधानों की वकालत करते हुए कहा कि इससे गरीब-गुरबों में खुशी की लहर है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समुदाय को ताड़ी के सवाल पर भड़काने की बहुत कोशिश की गयी. विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये लोग चाहते हैं कि उनकी छाती और घुटने में घट्ठा बना रहे, उनके बाल-बच्चे भी इसी कार्य में लगे रहें. हम इनके लिए तमिलनाडु के तर्ज पर यहां नीरा के उत्पादन की व्यवस्था कर रहे हैं. विकास आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी गठित की है.
ताड़ी से नीरा, गुड़, कैंडी, चाकलेट और मिठाई बनाया जायेगा. सजावट की सामग्री भी बनेगी. उनकी आमदनी तिगुनी हो जायेगी. विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि ये लोग उनके हिमायती बन रहे हैं. 1991 के आदेश के तहत ताड़ के व्यवसाय में लगे लोग अपना व्यवसाय करते रहेंगे. अगले वैशाख से पहले हम चाहते हैं कि नीरा का काम शुरू हो जाये.
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी से विपक्ष का कलेजा फट रहा है. इनका कोई भविष्य नहीं दिख रहा. पहले हल्ला किया कि मुखिया जेल जायेगा, फिर कहा कि पड़ोसी जेल जायेगा. कोई पागल है क्या कि ऐसा कानून बनायेगा. बहस पर जब मुख्यमंत्री ने बोलना आरंभ किया, तो भाजपा समेत संपूर्ण विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर गये.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजकल विपक्ष भांग का हिमायती बन गया है. जो भांग स्वत: उगता है, उस पर किसी को आरोपित नहीं किया जायेगा. गोवध कानून का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ने गाय को माला पहना कर घुमाया था और उस समय चुनाव आयोग क्या कर रहा था?
ये लोग लालू प्रसाद और नीतीश कुमार को खत्म करना चाहते हैं. ये लोग मुलायम वाला जूता-चप्पल पहनते हैं. सब लोग जानते हैं कि यह बछड़ा का बनता है. इतने ही गाय सेवक हैं, तो उन्हें सड़क पर घूमनेवाले गाय-बछड़ों की सेवा करनी चाहिए.
बुलंदशहर गैंगरेप मामला: पीड़ित परिवार ने तीन महीने में न्याय न मिलने पर आत्महत्या की धमकी दी
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के पास सामूहिक बलात्कार की शिकार लड़की, उसकी मां और पिता ने आत्महत्या की धमकी दी है. मंगलवार को हादसे की शिकार नाबालिग पीड़िता के पिता ने मीडिया से कहा, ‘बदमाशों ने मेरी बेटी और पत्नी के साथ जो किया उससे खौफनाक और कुछ नहीं हो सकता…अगर आरोपियों को अगले तीन महीने में सजा नहीं हुई तो हम तीनों खुदकुशी कर लेंगे.’
बीते शुक्रवार की रात नोएडा से शाहजहांपुर जा रहे इस परिवार की गाड़ी को बदमाशों ने बुलंदशहर के पास रोककर इनके साथ लूटपाट की थी. उन्होंने इस दौरान 13 वर्षीय बच्ची और उसकी मां के साथ कथित रूप से बलात्कार भी किया था.
इस घटना के बाद हरकत में आई उत्तर प्रदेश सरकार ने बुलंदशहर के एसएसपी, एसपी और सीओ सिटी सहित कई पुलिस अधिकारियों को लापहरवाही करने के आरोप में सस्पेंड कर दिया था. पुलिस ने इस मामले में सोमवार को तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जबकि 50 से ज्यादा को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. पुलिस इस घटना में कुख्यात बावरिया गिरोह का हाथ होने की बात कह रही है.
स्वामी प्रसाद मौर्य थामेंगे भाजपा का हाथ, मायावती को होगा कैडर वोट का नुकसान
लखनऊ/नयी दिल्ली : बहुजन समाज पार्टी का परित्याग करने वाले नेता स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा में शामिल होंगे. इसके संकेत तब मिले जब कल मौर्य ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की. खबर है कि मौर्य आठ अगस्त को अधिकारिक रूप से भाजपा में शामिल होंगे.
मौर्य बसपा के कद्दावर नेता थे लेकिन उन्होंने पार्टी छोड़ते वक्त मायावती पर यह आरोप लगाया था कि उन्हें दलितों से कोई लेना-देना नहीं है. वे भले ही दलितों के नाम पर राजनीति करतीं हैं, लेकिन अपने हित के लिए. इसके साथ ही उन्होंने मायावती पर टिकटों की खरीद-फरोख्त का भी आरोप लगाया था. हालांकि मौर्य के पार्टी छोड़कर जाने के बाद मायावती ने यह बयान दिया था कि मैं उन्हें पार्टी से निकालने ही वाली थी, उनकी बहुत शिकायत आ रही थी.
स्वामी ने जब बसपा छोड़ी तो यह कयास लगाये जा रहे थे कि वे मायावती की धुर विरोधी पार्टी समाजवादी पार्टी के साथ जायेंगे. लेकिन सपा नेता आजम खां ने उनपर तीखी प्रतिक्रिया कर दी. उन्होंने यहां तक कह दिया था कि वे जहां से आये हैं वहीं चले जायें, जिसके बाद ऐसा लगा कि मौर्य सपा के साथ नहीं जायेंगे. मौर्य ने सपा पर टिप्पणी भी की थी.
स्वामी प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश के मजबूत दलित नेता हैं, उनका अपना एक वोट बैंक है, जो इस बात से दुखी है कि मायावती ने स्वामी का सम्मान नहीं किया. स्वामी पडरौना विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं, वे चार बार विधायक रह चुके हैं. संभव है कि अगर वे भाजपा के साथ आये, तो उनके समर्थक भी भाजपा के साथ आयेंगे, जिसका फायदा आगामी विधानसभा चुनाव में दिखेगा. यह स्थिति निश्चित रूप से मायावती को परेशान करेगी, क्योंकि दलित उनके कैडर वोटर हैं.
बुखार के बावजूद बनारस में सोनिया ने किया रोड शो
वाराणसी : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र से अपनी पार्टी का बिगुल फूंकते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को यहां एक बड़ा रोड शो किया. सर्किट हाउस से इंग्लिशिया लाइन तक आठ किमी लंबे रोड शो में कांग्रेस के हजारों समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. हालांकि, रोड शो के खत्म होने से कुछ देर पहले ही सोनिया गांधी को वायरल हो गया, जिसके बाद उन्हें यह कार्यक्रम छोड़ कर दिल्ली जाना पड़ा.
इससे पहले, सर्किट हाउस में सोनिया गांधी ने बीआर आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर मार्च की शुरुआत की और इस पवित्र शहर की गलियों और संकरे मार्गों से सफर तय किया. सोनिया शुरू में कार में सफर कर रही थीं, लेकिन बाद में एक वाहन में सवार हुईं, जिसकी छत खुली हुई थी और उन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ नारे लगाती हुई जनता का हाथ हिला कर अभिवादन किया. वह मुसलिम महिलाओं के समूह सहित समर्थकों का अभिवादन स्वीकार करने के लिए कई बार वाहन से बाहर निकलीं.
रोड शो कई इलाके से गुजरा और सोनिया और उनके काफिले पर गुलाब के फूल की वर्षा की गयी. कई मिनी ट्रक पर पोस्टर पर नारे लगे थे ‘27 साल, यूपी बेहाल’. सैकड़ों कार्यकर्ताओं के हाथों में यही नारे लिखी हुई तख्तियां थीं. वहीं, सोनिया गांधी ने ‘दर्द ए बनारस’ अभियान की शुरुआत की. इस मौके पर पार्टी के मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित, कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद, राज्य पार्टी के प्रमुख राजबब्बर और वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी तथा संजय सिंह भी सोनिया के साथ थे.
जब सोनिया गांधी एयरपोर्ट से कार्यक्रम स्थल पर पहुंची, तो 10 हजार मोटरसाइकिल सवार कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले की अगुआई की. मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद सोनिया की यह पहली वाराणसी यात्रा है. हालांकि, वह यहां कार्यकर्ताओं को संबोधित नहीं कर सकी.
कांग्रेस 27 वर्षों से उत्तरप्रदेश की सत्ता से बाहर है. पार्टी यूपी में दोबारा सरकार बनाने के लिए कमर कस ली है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में वाराणसी मुख्य स्थान है. राज्य के 403 विधानसभा क्षेत्रों में से 160 पूर्वी उत्तर प्रदेश में पड़ते हैं. 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने केवल दो सीटें – अमेठी और रायबरेली पर जीत दर्ज की थी, जबकि भाजपा और इसकी सहयोगी अपना दल को 80 में से 73 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का असर 2019 के लोकसभा चुनाव पर भी होगा.
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि राज्य के सत्तारूढ़ दल समाजवादी पार्टी के कारण कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा चुनावों में अमेठी सीट से चुनाव जीत सके. उन्होंने कहा कि कांग्रेस राहुल गांधी की जीत का श्रेय सपा को देती है. अब वह उसे राज्य में सत्ताविरोधी लहर में वोट काट कर उसे फायदा पहुंचाने का प्रयास कर रही है. यह सपा को समर्थन करने के प्रयास के लिए ऐसा कर रही है.
तबीयत खराब होने की वजह से सोनिया के काशी विश्वनाथ मंदिर जाकर पूजा-अर्चना करने का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया. सोनिया वायरल बुखार से जूझ रही थीं, लेकिन फिर उन्होंने रोड शो करने का फैसला किया, क्योंकि वह आखिरी वक्त में इसे रद्द नहीं करना चाहती थीं. सोनिया के बीमार पड़ने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की. मोदी ने ट्वीट किया, सोनिया जी के वाराणसी दौरे के दौरान उनकी खराब सेहत के बारे में सुना. मैं उनके जल्द स्वस्थ होने और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं.
आनंदीबेन का इस्तीफा मंजूर, नायडू बोले- शाह के CM बनने का सवाल ही नहीं
नई दिल्ली। गुजरात के नए सीएम के लिए बुलाई गई बीजेपी की संसदीय बोर्ड की बैठक में आनंदीबेन पटेल का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया। बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि आनंदीबेन ने लाखों कार्यकर्ताओं के सामने एक आदर्श प्रस्तुत किया है। 18 साल से लगातार मंत्री और अब मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने जो बढ़िया काम किया है उसकी संसदीय बोर्ड ने सराहना की।
नायडू ने बताया कि नितिन गडकरी और सरोज पांडेय केंद्र के प्रतिनिधि के तौर पर गुजरात जाएंगे और पार्टी नेताओं से बात करेंगे। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह खुद भी विधायक हैं इसलिए वह भी उस बैठक में उपस्थित रहेंगे। इस सलाह मशविरे के बाद ही नए सीएम पर फैसला होगा।
वेंकैया से जब अमित शाह के सीएम बनने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इसका कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्होंने कहा, ‘शाह राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, उनके नेतृत्व में बीजेपी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बनी। पार्टी उनके नेतृत्व में उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम सब तरफ बहुत आगे बढ़ी है। मीडिया वाले चर्चा करते रहें, ऐसा कुछ नहीं होना जा रहा।
वहीं, बीजेपी के उच्च सूत्रों ने बताया कि संसदीय बोर्ड की बैठक में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को सीएम पर आखिरी फैसले के लिए अधिकृत किया गया है।
माओवादी प्रचंड का दूसरी बार नेपाल का प्रधानमंत्री बनना तय, चुनाव आज
काठमांडो : नेपाल के शीर्ष माओवादी नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने की तैयारी में हैं और उन्होंने इस पद के चुनाव के लिए मंगलवार को नामांकन दाखिल किया। उनको आंदोलनरत मधेसियों का भी समर्थन मिला जिनके साथ उन्होंने तीन सूत्री समझौते पर हस्ताक्षर किया।
प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव बुधवार को है और इससे देश में राजनीतिक स्थिरता आने की उम्मीद जताई जा रही है। नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने सीपीएन-माओवादी सेंटर के प्रमुख प्रचंड की उम्मीदवारी का प्रस्ताव दिया और माओवादी नेता कृष्ण बहादुर महारा ने इसका समर्थन किया।
प्रचंड के नेतृत्व में बनने वाली सरकार के लिए मधेसी पार्टियों का समर्थन हासिल करने के मकसद से नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-माओवादी सेंटर ने मधेसी फ्रंट के साथ तीन सूत्री समझैते पर हस्ताक्षर किया। प्रधानमंत्री पद के लिए प्रचंड एकमात्र आधिकारिक उम्मीदवार हैं।
माओवादी प्रमुख के नामांकन दाखिल करने से पहले प्रचंड और नेशनल कांग्रेस प्रमुख देउबा ने मधेसियों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते में मधेसियों को विश्वास दिलाया गया है कि राजनीतिक सहमति और संविधान में संशोधन के जरिए उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा।
यद्यपि भारत विरोधी रूख रखने वाले प्रचंड एकमात्र उम्मीदवार हैं, लेकिन मतदान होगा और सीपीएन-यूएमएल और उसका गठबंधन उनके खिलाफ मतदान करेगा। केपी ओली ने बीते 24 जुलाई को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद नेपाल में नया राजनीतिक संकट पैदा हो गया। ओली के इस्तीफे के बाद से प्रधानमंत्री का पद खाली पड़ा है।
मीडिया में खबर आई थी कि सीपीएन-यूएमएल पूर्व उप प्रधनमंत्री बामदेव गौतम को प्रचंड के खिलाफ उम्मीदवार बना सकता है, लेकिन पार्टी ने आखिरी समय में चुनाव में नहीं उतरने का फैसला किया। इससे प्रचंड के नेपाल का 39वां प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया।
इससे पहले वह 2008 से 2009 तक प्रधानमंत्री रहे थे। आंदोलन कर रहे युनाइटेड मधेसी फ्रंट ने प्रचंड के पक्ष में मतदान करने का फैसला किया है। ऐसे में प्रचंड को कम से कम 360 वोट मिल सकते हैं, हालांकि प्रधानमंत्री पद का चुनाव जीतने के लिए 298 मतों की जरूरत है। तीन मधेसी नेताओं- सोशल फोरम के उपेंद्र यादव, तराई मधेसी डेमोक्रेटिक पार्टी के सर्वेंद्र नाथ शुक्ला और सद्भावना पार्टी के लक्ष्मण लाल- ने प्रचंड की उम्मीदवारी का समर्थन किया।
समझौते के अनुसार आगामी सरकार मधेसी फ्रंट की मांगों को पूरा करेगा। मधेसी आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों को शहीद का दर्जा दिए जाने, घायलों का मुफ्त उपचार करने और प्रांतीय सीमा का फिर से रेखांकन करने के लिए संविधान में संशोधन जैसी प्रमुख मांगे हैं।
नेपाल में सरकार के गठन का यह महत्वपूर्ण घटनाक्रम उस वक्त हुआ है जब एक दिन पहले नेपाली राष्ट्रपति विद्या भंडारी ने बहुमत वाली सरकार के गठन के लिए सभी राजनीतिक दलों का नए सिरे से आह्वान किया था। इससे पहले राष्ट्रपति की ओर से सरकार के गठन के लिए दी गई समयसीमा खत्म हो गई थी और और प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई थी।
यह पता चला है कि संसद ने प्रधानमंत्री पद के चुनाव के लिए तैयारी शुरू कर दी है। स्पीकर ओनसारी घारटी ने कल सुबह 11 बजे 596 संसदीय संसद की बैठक बुलाई है जिसमें नए प्रधानमंत्री का चुनाव होगा। माना जा रहा है कि प्रचंड गुरुवार को छोटी कैबिनेट का एलान करेंगे जिसमें माओवादी पार्टी, नेपाली कांग्रेस, सीएन-यूनाइटेड और राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक पार्टी के सदस्य शामिल होंगे।
उत्तर कोरिया ने टेस्ट की बैलेस्टिक मिसाइल
दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उत्तर कोरिया ने समंदर में एक बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है. दक्षिण कोरिया के जॉइंट चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ ने कहा कि ये मिसाइल उत्तर कोरिया के पूर्वी तट से दाग़ी गई थी.
उत्तर कोरिया कह चुका है कि वो दक्षिण कोरिया में मिसाइल डिफ़ेंस सिस्टम लगाने की दक्षिण कोरिया और अमरीका की योजना का ‘जवाब’ देगा.
संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के मुताबिक़ उत्तर कोरिया पर परमाणु और बैलेस्टिक मिसाइल बनाने पर पाबंदी है. लेकिन हाल के महीनों में उसने कई मिसाइल परीक्षण किए हैं.
जॉइंट चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ के एक अधिकारी ने कहा, “ये परीक्षण पड़ोसी देशों पर हमले की उत्तर कोरिया की महत्वकांक्षाओं को ज़ाहिर करता है.” उन्होंने कहा कि ये मिसाइल मध्यम दूरी की लगती है जिसने लगभग 1000 किलोमीटर की दूरी तय की.
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा कि ये परीक्षण उनके देश के लिए एक गंभीर ख़तरा है और उन्होंने इस पर कड़ा विरोध जताया है. अमरीका ने भी इसकी निंदा की है.जुलाई में भी उत्तर कोरिया ने तीन बैलेस्टिक मिसाइलों का समंदर में परीक्षण किया था.