बिहार में एक बार फिर सियासत गर्मा गई है। खबर मिली है कि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Yadav) एक अरसा जेल में काटने के बाद रविवार के दिन दिल्ली से बिहार पहुंच सकते हैं। बता दें कि लालू यादव को कुछ समय पहले कोर्ट ने रिहा कर दिया था। जिसके बाद से वह दिल्ली में रह रहे थे। जानकारी के मुताबिक उनकी तबीयत दुरुस्त नहीं थी। जिसके कारण उनको दिल्ली में ही रखा गया था और वहीं उनका इलाज चल रहा था। लेकिन अब सुनने में आया है कि लालू यादव पटना पहुंच सकते हैं और बिहार में होने वाले उपचुनाव (Bihar Assembly Byelection) में आरजेडी उम्मीदवार के लिए चुनाव प्रचार भी कर सकते हैं।
इस खबर के सामने आते ही बिहार में सियासत गर्मा गई है। भाजपा और जेडीयू में भी इस बात को लेकर चर्चा तेज हो गई है। बता दें कि लालू के आने से पहले ही उनके आने का विरोध शुरू हो गया है। नीतीश सरकार (Nitish Government) में मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने लालू के वापस बिहार आने पर कई सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि “चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू यादव को कोर्ट ने स्वास्थ्य के आधार पर जमानत दी है। उनके वकील ने कोर्ट को बताया था कि लालू यादव की सेहत ठीक नहीं है, इसी आधार पर कोर्ट ने उन्हें जमानत दी थी। लेकिन अगर वो पटना आ रहे है और चुनाव प्रचार करने जाते हैं तो माननीय कोर्ट को इस पर संज्ञान लेकर कार्रवाई करने की जरूरत है।”
अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि “जमानत स्वास्थ को लेकर दिया गया था, राजनीति करने के लिए नहीं। लेकिन यदि वो आते भी हैं और चुनाव प्रचार करने जाते हैं तो उनके आने-जाने से अब कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। बिहार की जनता सब समझती है, और जनता ने पहले ही लालू यादव को ठीक से समझ लिया था।” गौरतलब हैं कि अमरेन्द्र प्रताप सिंह के अलावा पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने भी लालू के पटना वापस आने पर आवाज उठाई।