मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उठाए केंद्र सरकार के इस फैस’ले पर ती’खे सवा’ल..

0
564

कोरोना वाय’रस का क’हर पूरे भारत में तांड’व मचा रहा है। जहां सभी राज्यों की सरकारें कोरोना वाय’रस से निपटने के लिए जी जान से कोशिश कर रही है तो कहीं देश के इस मुश्किल समय में भी रजनीति खेली जा रही है। ऐसे लोगों में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम भी शामिल है। दरअसल ममता बनर्जी ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सवाल किया है कि बंगाल में लॉकडाउन के उल्लं’घन की जांच के लिए केंद्र सरकार टीमें क्यों भेजना चाहती है? ममता बनर्जी ने अपने ट्वीट में कहा कि “हम कोविड-19 संकट से निपटने के सभी रचनात्मक समर्थन और सुझावों का स्वागत करते हैं, विशेषकर केंद्र सरकार के….. हालांकि आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत केंद्र सरकार किस आधा’र पर पश्चिम बंगाल सहित भारत के कई जिलों में आईएमसीटी स्थापित कर रही है यह स्प’ष्ट नहीं है।”

आगे उन्होंने कहा कि “मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और गृह मंत्री अमित शाह जी से इस संबंध में जानकारी साझा करने का आग्रह करती हूं। तब तक मुझे संदेह है कि हम आगे कोई कार्रवाई नहीं कर पाएंगे, क्योंकि बिना किसी ठोस तर्क के यह संघवाद की भावना के खि’लाफ होगा।” बता दें कि मध्यप्रदेश, महारा’ष्ट्र, राजस्थान और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में जहां कोरोना वाय’रस का प्रको’प तेज़ी से लोगों को चपेट में ले रहा है वहां केंद्र सरकार ने कोरोना वाय’रस के मामलों पर नजर रखने के लिए छह आईएमसीटी का गठन किया है। मंत्रालय ने खुद कहा कि “केंद्र सरकार ने इन स्थानों में कोविड-19 संबंधी हाला’त का वहां जाकर आकलन करने और चारों राज्यों- मध्य प्रदेश, महारा’ष्ट्र, राजस्थान एवं पश्चिम बंगाल के लिए आवश्यक निर्देश जारी करने के लिए छह अंतर-मंत्रालयी केन्द्रीय दलों (आईएमसीटी) का गठन किया है।”

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि “आईएमसीटी बंद के नियमों के अनुसार दिशा-निर्देशों के पालन एवं क्रियान्वयन, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति, सामाजिक दूरी, स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढां’चे की तैयारी, स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा और श्रमिकों एवं गरीबों के लिए स्थापित राहत शिविरों में हाला’त पर गौर करेंगी।” बता दें कि भारत में कोरोना वाय’रस का बढ़ते प्रको’प को देखते हुए 14 अप्रैल को ख’त्म होने वाला लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया गया है। और साथ ही 20 अप्रैल से ऐसे इलाकों में कुछ छूट भी दी है जो अबतक वाय’रस के संक्रम’ण से बचा हुआ है।