नाम में बहुत प्रभाव होता है। शायद यही कारण रहा होगा, जो पुराने समय में लोग बड़े-बड़े और प्रभावशाली नाम रखते थे। जिससे उनके बच्चे का व्यक्तित्व नाम के प्रभाव से शानदार बने। ऐसे ही प्रभावशाली नामों का परिवार है, मनावर तहसील के ग्राम भमोरी के एक निवासी का। जिनके नाम में ही पूरा एक राज्य समाया हुआ है। और इनका नाम है मध्य प्रदेश सिंह।
मध्यप्रदेश सिंह बताते हैं कि उनके पिता ने उनका नाम मध्यप्रदेश सिंह रखा। और जब मध्य प्रदेश सिंह दसवीं कक्षा तक पहुंचे तो उन्होंने तय किया कि जब उनका बेटा होगा तो वह उसका नाम भोपाल सिंह रखेंगे। दरअसल, मध्यप्रदेश सिंह का मानना है कि अगर उनका नाम मध्यप्रदेश सिंह है, तो उनके बेटे का नाम तो भोपाल सिंह ही होना चाहिए। साधारण से किसान परिवार में जन्मे मध्यप्रदेश सिंह का नाम ही इतना प्रभावशाली और अनोखा है, कि इसे सुनते ही लोग आश्चर्यचकित रह जाते हैं।
ये बात भी रोचक है कि धार ज़िले के मध्य प्रदेश सिंह 5 सितंबर 1985 को शिक्षक दिवस के दिन जन्मे और वे झाबुआ चंद्रशेखर आजाद शासकीय महाविद्यालय में गेस्ट फैकल्टी प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। मध्यप्रदेश सिंह अपने 9 भाई बहनों में सबसे छोटे हैं उनका नाम परिवार के सभी बड़ों ने मिलजुल कर रखा था। उन्हें अपने नाम पर बहुत गर्व है। मध्य प्रदेश सिंह का विवाह उनके कॉलेज की एक मित्र के साथ हुआ है, जो भी उनके नाम के कारण उनकी ओर आकर्षित हुई थीं। मध्यप्रदेश ने अपनी बेटी का नाम प्रकृति रखा है और अपने बेटे के दुनिया में आते ही उसका नाम भोपाल रखा। उनका कहना है कि जब पिता प्रदेश है तो बेटा राजधानी ही होना चाहिए।