मोबाइल इन दिनों हर एक की आदत और ज़रूरत दोनों बन गया है ऐसे में फ़ोन से जुड़े बदलाव आम जनता के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। अभी तक भारत में इनकमिंग कॉल्स के लिए घंटी बजने की कोई समय सीमा तय नहीं की गई थी। लेकिन अब दूरसंचार विनियामक ट्राई ने फोन के इनकमिंग कॉल की घंटी बजने के समय सीमा को लेकर अपना फ़ैसला घोषित कर दिया है। अगर उसके अंदर कॉल रिसीव नहीं होती है, तो कॉल अपने आप डिस्कनेक्ट हो जाएगी। कॉल रिंग ड्यूरेशन यानी वह समय सीमा जब तक आपके फोन की घंटी बजती रहती है। बहुत से लोग फोन की घंटी बजते ही तुरंत फोन रिसीव कर लेते हैं तो बहुत से रिजेक्ट भी कर देते हैं। जबकि बहुत से ऐसे लोग भी होते हैं जो तुरंत जवाब नहीं देते हैं और फोन की घंटी अपने आप बज-बजकर बंद हो जाती है।
जितनी देर तक हम सामने वाले के फोन की घंटी को बजाते रहते हैं। उतनी देर तक नेटवर्क दोनों के बीच में व्यस्त रहता है और इसमें हमारे रिसोर्स लगते हैं। साथ ही एनर्जी भी जाती है जो दिखाई नहीं पड़ती है लेकिन बर्बाद ज़रूर होती है। अगर कॉल पहले ही ख़त्म कर दी जाए, तो यह रिसोर्स बच जाएंगे और टेलीकम्युनिकेशन सर्विस प्रोवाइडर्स इस सेविंग को किसी दूसरे यूज़र के काम में इस्तेमाल कर सकते हैं।
अभी हमारे देश में मोबाइल की घंटी 30 से 45 सेकंड तक बजती है। जबकि लैंडलाइन पर 60 से 102 सेकेंड तक। अगर मोबाइल पर इस समय सीमा को घटाकर 20 सेकेंड कर दें, तो अगले 15 से 20 सेकेंड तक बर्बाद होने वाला रिसोर्स बच जाएगा। ट्राई ने बेसिक टेलीफोन सर्विस और सेल्यूलर मोबाइल टेलीफोन सर्विस के लिए सेवा के गुणवत्ता मापदंड में संशोधन करते हुए कहा कि इनकमिंग वॉइस कॉल के लिए घंटी बजने का समय, जब तक उपभोक्ता द्वारा उत्तर ना दिया जाए या उसे काटा ना जाए। मोबाइल के लिए 30 सेकंड और लैंडलाइन फोन के लिए 60 सेकंड होगा।