बढ़ते ओमिक्रॉन मामलों पर ऑक्सफोर्ड साइंटिस्ट का बयान, बोले “ओमिक्रॉन वैसा रोग नहीं जिसको…”

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दुनिया भर में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने आफ़त मचाई हुई है। कई देशों में ये वायरस तेज़ी के साथ बढ़ता जा रहा है। हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये वायरस खतरनाक नहीं है। ओमिक्रॉन को लेकर कई स्टडीज सामने आईं हैं और अब तक सामने आईं सभी स्टडीज में बताया गया है कि ओमिक्रॉन गंभीर वायरस नहीं है और इससे संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती होने की बहुत कम संभावना है। दुनिया के कई देशों में ओमिक्रॉन के मामले तेजी के साथ बढ़ रहे हैं। ऐसे में अब एक और स्टडी सामने आई है।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के इम्यूनोलॉजिस्ट और मेडिसिन के प्रोफेसर जॉन बेल का कहना है कि “नवंबर महीने के आखिर में खोजा गया यह स्ट्रेन कम गंभीर नजर आता है और यहां तक कि जो मरीज अस्पताल में भर्ती होते हैं उन्हें भी कम समय तक अस्पताल में रहना पड़ता है।” उन्होंने कहा कि “एक साल पहले हमने जो खौफनाक मंजर देखा- आईसीयू भरे हुए थे, बहुत से लोग समय से पहले मर रहे थे- मेरे हिसाब से वह अब इतिहास है। मुझे लगता है कि हमें आश्वस्त होना चाहिए कि यह स्थिति आने की संभावना नहीं है।”

बता दें कि ओमिक्रॉन बहुत ही तेज़ी के साथ कई देशों में फैल रहा है। हालांकि कई देश अभी भी इसके चपेट में आने से बचे हुए हैं। ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए कई देशों में सख्ती बरती जा रही है। कई देश तो ऐसे जहां की सरकार ने नाइट कर्फ्यू भी लागू कर दिया है और सख्त से सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।