रेल मंत्रालय, एजेंट्स के द्वारा ट्रेन टिकट बुकिंग सेवा को बंद कर सकती है। शुक्रवा’र को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि वह प्राइवेट एजेंट्स और वेंडर्स को पैसेंजर्स के लिए ट्रेन टिकट बुक नहीं करने देने के प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं। कार’ण बताते हुए उन्होंने कहा कि घर बैठे मोबाइल फोन से जब ट्रेन टिकट बुक किए जा सकते हैं तो फिर प्राइवेट एजेंट्स या वेंडर्स की जरूरत ही नहीं है। दरअसल लोकसभा में पूछे गए सवाल के जवाब पीयूष गोयल ने यह बात कही थी।
साल 2020-21 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्र’णाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए गोयल ने यह भी कहा कि अब सबके हाथ में मोबाइल है जिससे लोग टिकट बुक कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि पिछले 14 महीनों में 5,300 से अधिक लोगों को ट्रेन टिकट की कालाबजारी के मामले पकड़ा जा चुका है। और 884 टिकट बुकिंग वेंडर्स को ब्लैकलिस्ट भी किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि “मेरी सोच है कि ट्रेन टिकट बुकिंग के लिए अब प्राइवेट वेंडर्स और एजेंट्स की जरूरत नहीं है।”
आगे उन्होंने कहा कि अगर किसी को ट्रेन टिकट खरीदना है तो वह सरकार द्वारा संचालित ‘कॉमन सर्विस सेंटर्स’ जा सकते हैं। पीयूष गोयल ने कहा कि “अमूमन यह देखा गया हे कि बुकिंग शुरू होने तुरंत ही कुछ देर में ट्रेन टिकट सोल्ड आउट हो जाता है। इस पर मंत्रालय ने जांच के बाद रोकथाम के लिए कई कदम भी उठाया है।” उन्होंने कहा कि सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से लोग बल्क टिकट निकालते थे और ऐसे लोगों पर कार्रवाई की गई है। करीब 10 करोड़ रुपये के ट्रेन टिकट को कैं’सिल कर दिया जाता है। इन सॉफ्टवेयर्स को बैन कर दिया गया है और इस मामले में 104 लोगों को गिर’फ्तार भी किया गया है।
गोयल ने कहा कि अब वेंडर और टिकटिंग एजेंट की व्यवस्था ख’त्म करने की जरूरत है। लोगों के पास मोबाइल है और वे खुद टिकट निकाल सकते हैं। और अगर किसी को मदद चाहिए तो वह मंत्रालय के टिकट केंद्रों पर जाकर टिकट निकलवा सकते हैं। लोकसभा में रेल मंत्री ने कहा कि ” हम सभी लोगों से आग्र’ह करुंगा कि गारंटीड टिकट की लालच में ऐसे एजें’ट्स या वेडर्स के बह’कावे में न आएं।”