अडानी पर गंभीर आरोप, आंख मूंदकर क्यों बैठी है सरकार : करन माहरा

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देहरादून : कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि सेबी के अमेरिकी समकक्ष प्रतिभूति विनिमय आयोग (SEC) का आरोप है कि गौतम अडानी और उसके सात सहयोगियों ने भारत में उच्च मूल्य वाले सौर ऊर्जा अनुबंधों को हासिल करने के लिए 2000 करोड रुपये से ज्यादा की रिश्वतखोरी की है। इतना ही नहीं, इससे 16000 करोड़ से अधिक का लाभ अर्जित करने वाले अनुबंधों को हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत की पेशकश की है।

उन्होंने कहा कि यह अनुबंध आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, ओडिशा और तमिलनाडु राज्यों से संबंधित थे। साथ ही राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे भाजपा शासित राज्यों में हाल ही में अधिक कीमत वाले सौर ऊर्जा के अनुबंधों में भी इसी तरह का पैटर्न देखने को मिलता है, जिससे यह घटना स्पष्ट तौर पर कांग्रेस पार्टी के ‘हम अडानी के हैं कौन अभियान’ को सही साबित करता है ।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि कांग्रेस के उक्त अभियान में प्रधानमंत्री के अडानी के साथ करीबी संबंधों के बारे में 100 सवाल उठाए गए थे, जिससे यह स्पष्ट है कि सफेदपोश अपराध की जांच करने वाली संस्थाएं सेबी प्रवर्तन निदेशालय ED, केंद्रीय जांच ब्यूरो CBI और आयकर विभाग न केवल विश्वास करने लायक आरोपों के बावजूद अडानी की जांच करने में विफल रहे हैं। बल्कि उच्च अधिकारियों के आदेशों पर उनकी कुछ जांचों को भी रोक दिया गया है ।

करन माहरा ने कहा कि इसके उलट इन एजेंसियों का दुरुपयोग कर प्रधानमंत्री की निगरानी में अडानी द्वारा हवाई अड्डों बंदरगाहों मीडिया कंपनियों और सीमेंट संयंत्रों के अधिकरण को सुविधाजनक बनाने में किया गया। अब अमेरिका जैसे देश के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय से अडानी के खिलाफ जांच सामने आ रही है। अडानी के खिलाफ वारंट जारी हो रहे हैं। अमेरिका में यह बहुत बड़ा गंभीर अपराध है। इसके बावजूद हमारे देश की सरकार इस सारे घटनाक्रम पर आंख मूंदे बैठी है, जो अत्यंत आश्चर्यजनक है।

अमेरिका में अडानी पर लगे आरोपों से स्पष्ट है कि वहां FCPS कानून का भी उल्लंघन हुआ है यह स्पष्ट तौर पर प्रतिभूति धोखाधडी , वायर धोखाधड़ी का भी खुलासा है ,अदानी समूह ने स्पष्ट तौर पर अमेरिकी और भारतीय कानून का उल्लंघन किया है और निवेशकों के विश्वास को ठेस पहुंचाई है। जैसे ही अडानी की धोखाधड़ी का खुलासा हुआ।

भारतीय शेयर बाजारों में भी भारी गिरावट देखने को मिली जिससे निवेशकों को भारी घाटा हुआ है। अदानी कंपनी का केवल अमेरिका में ही खुलासा नहीं हुआ है। बल्कि, केन्या के राष्ट्रपति ने तो स्पष्ट तौर पर गंभीर आरोप लगाते हुए अडानी से हुए सभी अनुबंध निरस्त कर दिए हैं यह बहुत बड़ा और गंभीर मामला है ।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि निवेशकों को हुए इस नुकसान की जिम्मेदारी आखिर किसकी है निवेशक कब तक सरकार की मिलीभगत से अडानी की धोखाधड़ी का शिकार होते रहेंगे, कांग्रेस पार्टी रिश्वतखोरी के इन गंभीर आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति जेपीसी से जांच करने की मांग करती है जिसके कथित तौर पर भरोसेमंद सबूत हैं।

अगर बीजेपी विपक्षी शासित राज्यों और केंद्र शासित जम्मू कश्मीर के इस मामले में शामिल होने का आरोप लगाती है तो प्रत्यक्ष रूप से यह भी स्वीकार कर रही है कि अडानी ने अधिकारियों को रिश्वत दी क्या यह अपराध नहीं है जबकि जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू था। छोटे-छोटे आरोपों में विपक्ष के नेताओं को गिरफ्तार करने वाली सरकारी एजेंसियां 2000 करोड रुपए की रिश्वतखोरी मामले में अभी तक मौन क्यों है यह भी एक बड़ा सवाल है।

उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी भ्रष्टाचार के इन आरोपों पर अडानी की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग करती है और इस मांग को लेकर कल पूरे प्रदेश में कांग्रेस पार्टी अडानी और केंद्र सरकार का पुतला दहन कार्यक्रम करेगी। पत्रकार वार्ता में कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट महानगर अध्यक्ष जसविंदर सिंह गोगी प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी और महेंद्र सिंह नेगी गुरुजी उपस्थित रहे।

 

 

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