आरे कॉलोनी के पेड़ों की कटाई का मामला बहुत समय तक सुर्खियों में रहा था। और इसके विरोध में पर्यावरण एक्टिविस्ट के साथ-साथ कई अन्य क्षेत्रों की बड़ी-बड़ी हस्तियां भी आ गयीं थीं। चाहें वह फ़िल्म जगत से हों, राजनीति या फिर अन्य क्षेत्र। सभी एक सुर में सरकार के इस क़दम का विरोध कर रहे थे। पहले कोर्ट ने आरे कॉलोनी के पेड़ों की कटाई पर रोक लगाई थी, जिसे बाद में हटा लिया गया था, और इसके बाद भारी विरोध प्रदर्शन के बीच पेड़ों की कटाई हुई, जिसमें कई पेड़ काट दिए गए थे।
साथ ही साथ यह दावा भी किया गया था, कि काटे गए पेड़ों की जगह नए पेड़ लगाए गए हैं। लेकिन अब विश्वस्त सूत्रों के हवाले से ख़बर आई है, कि आरे की उस साइट पर जहां मेट्रो ने पेड़ों के ट्रांसप्लांट का दावा किया था, वहां लगाए गए नए पेड़ देखभाल और रखरखाव की अनदेखी की वजह से 61 फ़ीसदी पेड़ सूख चुके हैं या फिर मर चुके हैं। कोलाबा से लेकर अंधेरी तक के क्षेत्र में एमएमआरसीएल ने आरे के जंगलों से 1500 पेड़ मेट्रो-3 प्रोजेक्ट की वजह से काटे थे।
यह दावा किया गया था कि 1066 पेड़ अलग-अलग जगहों पर लगा दिए गए हैं। लेकिन पेड़ लगाने के बाद इनकी तरफ ध्यान नहीं दिया गया और उचित रखरखाव की कमी की वजह से इनमें से 684 पेड़ सूख गए हैं। पेड़ों के मुआयने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट की तरफ से बनाई गयी इंस्पेक्शन कमेटी के साथ आरे के अंदर जाने वाले जोरू भथेना ने इस बात की पुष्टि की है। जबकि मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड की तरफ से इस पर अब तक कोई बयान जारी नहीं किया गया है। लेकिन अगले महीने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान काटे गए पेड़ों की जगह ट्रांसप्लांट किए गए, और नए पेड़ों की इस समय क्या स्थिति है, यह भी कोर्ट के सामने बताना होगा।