दो दिन में हो जाए ट्रांसफर, वरना होगा बवाल, राज्यपाल कोश्यारी के बयान पर भड़का विपक्ष

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महाराष्ट्र : राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ओर से नितिन गडकरी की तुलना छत्रपति शिवाजी से करने पर लगातार बवाल मचा हुआ है। कोश्यारी के खिलाफ शरद पवार की पार्टी एनसीपी सड़कों पर उतर आई है। राज्यपाल कोश्यारी ने कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने जमाने के आदर्श हैं, अब नितिन गडकरी आदर्श हैं। उनके इस बयान के बाद से ही कोश्यारी की आलोचना की जा रही है। राज्य भर में एनसीपी की ओर से उनके खिलाफ आंदोलन चल रहा है। पुणे में तो एनसीपी ने गवर्नर का पुतला लेकर प्रदर्शन किया और उसकी धोती उतार दी।

एनसीपी के अलावा कांग्रेस और शिवसेना जैसे दलों ने भी कोश्यारी का विरोध किया है। पुणे में एनसीपी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और कोश्यारी की धोती उतारने वाले के लिए एक लाख रुपये के इनाम का ऐलान किया है। सोमवार को पुणे में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बयान के विरोध में एनसीपी की शहर की ओर से स्वारगेट स्थित सावरकर की प्रतिमा के पास धरना दिया गया। इस दौरान एनसीपी के नेता राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की एक डमी लेकर आए और विरोध प्रदर्शन किया।

इस बीच शिवसेना ने भी बवाल की चेतावनी दी है। शिवसैनिकों का कहना है कि भगत सिंह कोश्यारी का दो दिनों के अंदर तबादला हो जाना चाहिए वरना पूरे राज्य में आदोलन होगा। एनसीपी के नेता प्रशांत जगताप ने कहा कि केंद्र सरकार शिवाजी से प्रेम करने वालों की परीक्षा ले रही है। उन्होंने कहा कि अगर अगले दो दिनों में राज्यपाल का तबादला नहीं हुआ तो महाराष्ट्र के शिवप्रेमी राज्यपाल जहां भी आएंगे, विरोध झेलेंगे। गौरतलब है कि इससे पहले भी भगत सिंह कोश्यारी के महाराष्ट्र को लेकर एक बयान पर विवाद छिड़ा था। तब कोश्यारी ने कहा था कि गुजराती और राजस्थानी कारोबारियों के चलते महाराष्ट्र में पैसा आया है।

कोश्यारी ने कहा था कि यदि मुंबई से गुजरातियों और राजस्थानियों को हटा दिया जाए तो शहर के पास न पैसे बचेंगे और ना ही आर्थिक राजधानी का तमगा रहेगा। हालांकि बाद में उन्होंने माफी मांगते हुए कहा था कि मुंबई के विकास में कुछ समुदायों के योगदान पर चर्चा करते हुए मुझसे चूक हो गई थी।