महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव परिणाम आने के बाद लगा था कि बस अब सरकार बनने की औपचारिकता ही बाकी बची है। लेकिन, फिर महाराष्ट्र में राजनीतिक समीकरण इस तरह से बदले कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा और अभी भी लगातार बीजेपी और शिवसेना गठबंधन के बीच तनातनी जारी है। यह मनमुटाव शिवसेना और बीजेपी के बीच एक गहरी खाई बनाता जा रहा है। और अब ख़बर आ रही है कि शिवसेना राज्यसभा में विपक्ष में बैठी नज़र आ सकती है।
शिवसेना के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता संजय राउत का कहना है कि शिवसेना ने तय किया है कि वह राज्यसभा में विपक्ष में बैठेगी। साथ ही संसद के 18 नवंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र से पहले एनडीए घटक दलों की बैठक में भी शिवसेना ने हिस्सा नहीं लेने का फ़ैसला किया है। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने बताया है कि 17 नवंबर को एनडीए के घटक दलों की बैठक बुलाई गई है। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि हमने पहले ही तय किया था कि बैठक में बैठने की बजाय हम राष्ट्र के विकास को तरजीह देंगे।
संजय राउत ने कहा कि आज की एनडीए और पुरानी एनडीए में बहुत अंतर है। लालकृष्ण आडवाणी जैसे पुराने नेता अब पार्टी में सक्रिय नहीं हैं। शिवसेना के सांसद और प्रवक्ता संजय राउत से पूछा गया कि शिवसेना की तरफ से अभी तक एनडीए से अलग होने का कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है, तो क्या शिवसेना के एनडीए के घटक दलों की बैठक में हिस्सा ना लेने और राज्यसभा में विपक्ष में बैठने के फ़ैसले के बाद ऐसा माना जाए कि शिवसेना एनडीए का हिस्सा नहीं है। तो इस सवाल के जवाब में संजय रावत ने कहा कि आप ऐसा कह सकते हैं। इसमें कोई समस्या नहीं है। उन्होंने बताया कि हमारे सांसद ने केंद्र सरकार के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।