कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) को कुछ दिन पहले ही सरकारी बंगला खाली करने का आदेश मिला था। अभी फिलहाल प्रियंका गांधी गरुग्राम में एक घर मे रह रही हैं। उनका इरादा नई दिल्ली के घर में रहने का है। लेकिन अभी उस घर की मरम्मत का काम चल रहा है जिसके चलते वह गरुग्राम में रह रही हैं। वही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी द्वारा सरकारी बंगला खाली करने से पहले BJP नेता अनिल बलूनी (Anil Baluni) को उनकी पत्नी के साथ चाय पर आमंत्रित किया गया था। बीजेपी के राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी द्वारा अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को पत्र लिखकर इसका जवाब दिया गया है। पत्र में अनिल बलूनी (Anil Baluni) ने लिखा कि, “चाय का निमंत्रण मिला, लेकिन अभी नहीं आ सकता। कैं’सर के इला’ज के बाद घर वापस आया हूं। अभी डॉक्टरों ने घर पर ही रहने को कहा है।” अनिल बलूनी द्वारा प्रियंका गांधी वाड्रा को घर पर पूरे परिवार के साथ खाने के लिए आमंत्रित किया गया।
अनिल बलूनी (Anil Baluni) द्वारा प्रियंका गांधी को उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजन खिलाने की भी पेशकश की गयी और प्रियंका गांधी को उन्हें चाय पर पूछने के लिए उनका आभार जताया। मालूम हुआ है कि, प्रियंका गांधी जिस सरकारी बंगला में रह रही थी वह अनिल बलूनी को आवंटित हुआ है। 35, लोधी एस्टेट बंगले में प्रियंका गांधी वाड्रा 1997 से रह रही हैं। कांग्रेस नेता को मिले SPG सुरक्षा को गृह मंत्रालय द्वारा वापस लेने के बाद आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा उन्हें यह बंगला खाली करने का नोटिस भेजा गया था। जिस सरकारी बंगले में प्रियंका गांधी रह रही है उसे सरकारी नोटिस के मुताबिक़ 1 अगस्त तक खाली करने का आदेश है।
सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि यह सरकारी बंगला खाली करने के बाद वह कुछ समय गरुग्राम में रहेंगी और इसके बाद उनकी नई दिल्ली वापिस आने की भी उम्मीद जताई जा रही है। जब प्रियंका गांधी को सरकारी बंगला खाली करने का आदेश दिया गया तो बहुत से कांग्रेस के नेताओं द्वारा सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताई गई थी। प्रियंका गांधी वाड्रा को नई दिल्ली में मौजूद सरकारी बंगले को 1 अगस्त तक खाली करने को केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा कहा गया। उस जारी किए गए आदेश में कहा गया था कि, SPG सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद उन्हें मौजूदा आवास ’35 लोधी एस्टेट’ खाली करना पड़ेगा, क्योंकि जेड प्लस की श्रेणी वाली सुरक्षा में आवास सुविधा नहीं मिलती।