कोरो’ना वाय’रस महामा’री से निप’टने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर बनाए गए पीएम केयर्स फंड को लेकर पिछले काफी समय वि’वा’द चल रहा था। आम जनता के साथ साथ वि’पक्षी पार्टी के नेता भी इसको लेकर सवाल खड़े कर रहे थे। इतना ही नहीं बल्कि इसपर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर करवाई थी। वहीं अब कोर्ट ने इस याचिका पर फैसला सुनाया है। कोर्ट का कहना है कि पीएम केयर्स फंड के पैसे को रा’ष्ट्रीय आपदा राहत कोष में ट्रांसफर करने या फिर जमा करने का आदेश नहीं दे सकते हैं।
कोर्ट ने याचिका खा’रिज करते हुए कहा है कि नए रा’ष्ट्रीय आपदा राहत योजना की कोई ज़रूरत नहीं है। मालूम हो कि वि’पक्षी नेताओं इसको लेकर लगातार सरकार पर आरो’प लगा रहे थे। कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने भी इसको लेकर सरकार पर निशा’ना साधा था। वहीं हाल ही में यानी सोमवार को राहुल ने सरकार पर तं’ज कसते हुए कहा था “बेईमान का अधिकार।” जिसके बाद भाजपा के नेता जेपी नड्डा ने पलटवा’र कर राहुल गांधी को ‘प्रिंस ऑफ इन्कॉम्पिटेंस’ यानी अक्षम राजकुमार कह डाला। साथ ही उन्होंने राहुल पर आरो’प लगते हुए कहा कि “राहुल गांधी ने पीएम-केयर्स से संबं’धित एक ‘भ्रामक’ खबर फैलाई जनता को ‘गुम’राह’ करने की ‘नापाक’ कोशिश की।”
दूसरी ओर इस वि’वाद के बीच पीएम केयर्स फंड पर उठे सवालों के जवाब ऑफिशियल वेबसाइट पर कहा गया कि पीएम केयर्स फंड में जमा पैसों में से दो हज़ार करोड़ रुपए भारत में बने 50 हज़ार वेटिंलेटर देश के सरकारी अस्प’तालों में बांटे गए, एक हज़ार करोड़ रुपए प्रवासी मजदूरों पर लगाए गए और बाक़ी 100 करोड़ रुपए वैक्सीन बनने के लिए दिए गए। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि “सुप्रीम कोर्ट का फैसला राहुल गांधी और उनके मौका तला’शते एक्टिविस्टों के लिए करारा झ’टका है।”