राष्ट्र’वादी कांग्रेस पार्टी के प्रमु’ख शरद पवार ने बुधवार को कहा कि सरकार को अयो’ध्या में राम मंदिर की तरह मस्जिद के लिए भी धन उपल’ब्ध कराना चाहिए। उन्होंने कहा, “अगर भाजपा सरकार मंदिर के लिए ट्र’स्ट बना सकती है तो एक अन्य ट्र’स्ट बनाकर मस्जिद के लिए भी धन क्यों नहीं दे सकती?”
अपने ऐसे बयान से शरद पवार ने अयोध्या में राम मंदिर निर्मा’ण को लेकर बीजेपी को घेर’ने की को’शिश की है। इसके साथ ही उन्होंने बाबरी मस्जिद के लिए ट्र’स्ट क्यों नहीं? कहकर नए वि’वाद को हवा दे दी है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के लिए ट्रस्ट का आ’देश दिया था लेकिन मस्ज़िद के लिए ऐसा कोई ऑर्डर नहीं निकला है। कोर्ट के इस फैसले के बावजूद भी शरद पवार के ऐसे बया’न पर सवा’ल उठ गया है कि यह मुस्लिमों की प्रति उनकी चिं’ता है या राजनी’तिक चाल?
राज’नैतिक विश्ले’षक विश्व’नाथ सचदेव का कहना है कि “चिं’ता तो ये है कि मुसलमानों में यह अह’सास होना चाहिए कि उन्हें भी कुछ मिल रहा है। अगर अयो’ध्या के पास मस्जिद बन रही है तो कैसे बनेगी, इसकी एक संतु’ष्टि उन्हें मिल जानी चाहिए। लेकिन राजनीतिक उद्दे’श्य तो जुड़े होते ही हैं। आज के दौर में जरूरी है कि राजनीति को इग्नोर न किया जाए। हर राजनीतिक प’क्ष अपने को मज’बूत बनाने की को’शिश में है। अगर शरद पवार ऐसा सोचते हैं कि मुसलमानों का सम’र्थन उन्हें मिल सकता है तो उसमें गल’त क्या है?”
बता दें कि योगी कैबिनेट ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को जमीन देने का प्रस्ता’व पास कर दिया है। अयो’ध्या के सोहावल तहसील के धन्नी’पुर गांव में सुन्नी वक्फ बोर्ड को जमीन देने का फैस’ला किया गया है। सरकार के प्रवक्ता सिद्धा’र्थनाथ सिंह ने बताया था कि 5 एकड़ जमीन का प्रस्ताव पास हो गया है। हमने 3 विक’ल्प केंद्र को भेजे थे, जिसमें से एक पर सह’मति बन गई। मस्जिद के लिए धन्नी’पुर में जमीन दी जाएगी।