नागरिकता संशोधन बिल पर कांग्रेस के तेवर तेज़, महाराष्ट्र में..

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नागरिकता संशोधन बिल पर घमासान थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। देश का पूर्वोत्तर हिस्सा इस नागरिकता संशोधन बिल की आग में लगातार सुलग रहा है। इतने विरोध और उथल-पुथल के बावजूद केंद्र की सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार ने इस बिल को पहले लोकसभा और राज्यसभा में पारित करवा लिया। लेकिन इसे देश में लागू करवाना सत्तारूढ़ सरकार के लिए लोहे के चने चबाने जैसा होगा। क्योंकि कोई भी राज्य इस विधेयक को लागू करने को तैयार नहीं है। महाराष्ट्र जहां शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन की सरकार है।

गठबंधन के नेतृत्व को संभाल रहे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं। ऐसे में बीजेपी को लगा होगा कि शायद महाराष्ट्र में इस विधेयक को लागू करने में उन्हें किसी भी तरह की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। क्योंकि शिवसेना ने लोकसभा में बिल का समर्थन किया था। और राज्यसभा में पक्ष में तो वोट नहीं किया, लेकिन विरोध में भी मतदान नहीं किया था। और सदन से वाकआउट किया था।

केंद्र का यह दिवास्वप्न बहुत जल्द टूटने वाला है। क्योंकि कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र की गठबंधन की सरकार में मंत्री नितिन राउत ने साफ कर दिया है कि, नागरिकता संशोधन विधेयक को महाराष्ट्र में लागू नहीं होने दिया जाएगा। इसलिए महाराष्ट्र में नागरिकता संशोधन बिल को लागू करवा पाना सरकार के लिए कांटो भरी डगर है। महाराष्ट्र के अलावा मध्यप्रदेश ने भी इस विधेयक के लिए अपने दरवाजे बंद करके ताले लगा दिए हैं।

बता दें कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बिल के संदर्भ में कहा है कि, कांग्रेस पार्टी नागरिकता संशोधन बिल पर जो भी स्टैंड लेगी, मध्य प्रदेश में उसका पालन किया जाएगा। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि, वह ऐसी किसी भी प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनेंगे, जो भेदभाव करे या उसे बढ़ावा दे। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि, देश की अर्थव्यवस्था की ख़राब हालत की तरफ से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए केंद्र सरकार यह क़ानून लागू करवाना चाहती है।