बिहार में सत्तारूढ़ पार्टी जदयू ने अगले बिहार विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर वाला पोस्टर पटना के वीरचंद पटेल मार्ग स्थित अपने प्रदेश मुख्यालय पर लगाया जिसपर लिखा है-“क्यों करें विचार, ठीके तो है नीतीश कुमार”। जदयू के इस पोस्टर ने एक पोस्टर युद्व की शुरुआत कर दी है, क्योंकि जदयू के इस पोस्टर पर जवाबी हमला करते हुए मंगलवार को राजद ने भी अपने प्रदेश कार्यालय पर “क्यों ना करें विचार, बिहार जो है बीमार” लिखा हुआ एक पोस्टर लगाया है।
जबकि बिहार में सत्ता में जदयू की सहयोगी पार्टी भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉक्टर सी पी ठाकुर ने कहा कि जदयू का नारा उन्हें ठीक नहीं लगा। भाजपा के राज्यसभा सदस्य ठाकुर ने कहा कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के रूप में बेहतर काम कर रहे हैं,लेकिन इस नारे-‘ठीके तो है नीतीश कुमार’ को बनाने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योंकि अगर वो अच्छा काम कर रहे हैं तो ये नारा लिखने की क्या ज़रूरत है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में शामिल उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आज ट्वीट करके कहा,”राज्य में विधानसभा के चुनाव होने में जब एक साल से ज़्यादा का वक़्त बचा है तब एन डी ए के लिए ये चुनावी मोड में आने का नहीं बल्कि कार्यकाल की शेष अवधि में विकास के ज़्यादा से ज़्यादा काम करने का समय है। क्योंकि हमारे यहाँ नेतृत्व को लेकर ना कोई संशय है,ना कोइ अंतर्कलह।”
उल्लेखनीय है कि गत 22 जुलाई को बिहार विधानसभा में सुशील मोदी ने कहा था कि राजग अगला विधानसभा चुनाव भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ेगा। सुशील मोदी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए आगे लिखा कि पोस्टर के ज़रिए जनमत बनाने का अधिकार सभी दलों को है । कुछ लोग जनमत बिगड़ने या राज्य की छवि धूमिल कर निवेशकों को डराने के लिए भी पोस्टरों का दुरुपयोग कर रहे हैं।
उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि संसदीय चुनाव के समय भी बहुत सारे पोस्टर लगाए गए थे। लेकिन जनता ने किस पर भरोसा किया, और किसके पोस्टर को रद्दी-कबाड़ साबित किया ये तो सबके सामने है ही। सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण देने का विरोध करने वाले और सेना के शौर्य का अपमान करने वालों का क्या हाल हुआ ये तो हम सब जानते ही हैं।