कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित भारत की राजधानी दिल्ली को अब एक और मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। खबर के मुताबिक दिल्ली में वायु गुणवत्ता बढ़ता ही जा रहा है और आने वाले कुछ दिनों में और ज़्यादा खराब होने की संभावना है। मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार सुबह तक दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) मीडियम कैटेगरी में रहा है लेकिन रविवार तक इनके खराब की कैटेगरी में आने की आशंका जताई जा रही है।
दिल्ली में सुबह 9 बजे तक वायु गुणवत्ता 168 रहा, जो कि मीडियम की कैटेगरी में आता है। जिसके बाद शुक्रवार के दिन AQI 134 था। AQI के बारे में बताएं तो ये एक ऐसा मेज़रमेंट है जिससे हम हवा में गन्दगी का पता लगते हैं। अगर ये 0 से 50 के बीच आता है तो इसका मतलब होता है कि हवा काफी अच्छी है। वहीं अगर ये 51 से 100 के बीच में आता है तो इसको संतोषजनक की कैटेगरी में रखा जाता है। इसके अलावा अगर AQI 101 से 200 के बीच में आता है तो ‘मध्यम’ और 200 से 300 के बीच को खराब माना जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं अगर AQI 301 से 400 के बीच आता है तो इसको ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 तक के AQI को ‘गंभीर’ श्रेणी में लिया जाता है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानीकर्ता ‘सफर’ का कहना है कि दक्षिण पश्चिम में मौजूद क्षेत्रों से आने वाली धूल ने अब दिल्ली पर असर डालना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि “अमृतसर, पंजाब और पड़ोसी सीमावर्ती क्षेत्रों में खेतों में पराली जलनी शुरू हो गई है और इससे शहर की वायु गुणवत्ता प्रभावित होने की आशंका है।” उनके एक अधिकारी ने ये भी कहा कि “शनिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक में गिरावट आने की आशंका है। इसके बाद 27 सितंबर और 28 सितंबर को इसके मध्यम श्रेणी से खराब की श्रेणी में जाने की आशंका है।” वहीं दूसरी ओर नासा में यूनिवर्सिटी स्पेस रिसर्च एसोसिएशन के एक बड़े वैज्ञानिक पवन गुप्ता ने कहा कि “अगले दो से तीन दिन में सिंधु और गंगा के मैदानी इलाकों में पीएम2.5 अधिक होने की संभावना है।”