बिहार में सियासी माहौल गर्म, प्रशांत किशोर के कांग्रेस में जाने की संभावना..

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नई दिल्ली: बिहार सियासत में इस समय काफ़ी उथल पुथल का माहौल बना हुआ है. जदयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर पार्टी से अलग ही रुख़ अपनाए हुए हैं. किशोर लगातार पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से CAA और NRC जैसे मुद्दों पर अपना अलग रुख अपनाए हुए हैं. किशोर यूँ तो नितीश कुमार के क़रीबी माने जाते हैं लेकिन आजकल वो नितीश से नाराज़ भी चल रहे हैं. अब ख़बर है कि भाजपा भी किशोर से नाराज़ हो गई है.

प्रशांत ने रविवार को एक ट्वीट करते हुए नागरिकता कानून और एनआरसी के बहिष्कार के फैसले का स्वागत किया. इसके लिए उन्होंने राहुल और प्रियंका गांधी का भी विशेष धन्यवाद दिया. साथ ही प्रशांत ने आश्वासन दिया कि बिहार में एनपीआर लागू नहीं किया जाएगा. प्रशांत के इस ट्वीट के बाद बीजेपी भ’ड़क गई है.भाजपा प्रवक्ता मिनाक्षी लेखी ने इस सिलसिले में बयान दिया है.

उन्होंने कहा,”प्रशांत कई राजनीतिक पार्टियों के लिए सर्वे का काम करते हैं. उनके लिए उनका प्रोफेशन ज्यादा प्यारा है, न कि पार्टी की विचारधारा. ऐसे में प्रशांत को ज्यादा तवज्जो नहीं दिया जाना चाहिए.” प्रशांत किशोर का बयान JDU के रुख से मेल नहीं खाता है. इसका ये मतलब समझा जा रहा है कि जल्द ही वो जदयू छोड़ सकते हैं. पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्पष्ट कर चुके हैं कि उनकी पार्टी सीएए के खिलाफ नहीं, एनआरसी के खिलाफ है.

जद(यू) उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर फिर भी एक ऐसे पद पर हैं कि उनका बयान अहम् है. प्रशांत का बयान इस कारण भी खास माना जा रहा है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह 16 जनवरी को नागरिकता कानून पर अभियान चलाने खुद बिहार जाने वाले हैं. इन दिनों भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता बिहार में सीएए और एनआरसी के पक्ष में सभाएं कर रहे हैं.