नई दिल्ली: भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद को आज दरियागंज हिंसा मामले में तीस हज़ारी कोर्ट ने ज़मानत दे दी. उन्हें दिल्ली में नागरिकता संशोधन अधिनियम के ख़िलाफ़ प्रोटेस्ट करने के बाद गिरफ़्तार किया गया था.अदालत ने हालाँकि आज़ाद को हिदायत दी है कि वो चार हफ्ते तक सहारनपुर थाने में जाकर हाज़िरी दें. फैसले में कोर्ट ने चंद्रशेखर आजाद को यह भी हिदायत दी है कि वह शाहीन बाग नहीं जाएंगे.
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर की जमानत पर सुनवाई के दौरान तीस हजारी कोर्ट ने पुलिस को भी फटकार सुनाई तो आज़ाद को भी कई मामलों में सावधानी बरतने की सलाह दी. अदालत ने चंद्रशेखर को कहा कि ‘आपको इंस्टीट्यूशन और प्रधानमंत्री का सम्मान करना चाहिए.’ कोर्ट ने ये भी कहा कि जो ग्रुप प्रोटेस्ट करता है उसी पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुचाने का आरोप भी लगता है. इस मामले में पुलिस ने कहा है कि हिंसा हुई है और पुलिस बैरिकेडिंग, दो प्राइवेट गाड़ियों को नुकसान पहुचा है. इसकी जवाबदेही भी चंद्रशेखर की है. चंद्रशेखर के वकील महमूद प्राचा ने कोर्ट में चंद्रशेखर के ट्वीट भी पढ़े.
राम प्रसाद बिस्मिल के गीत को चंद्रशेखर ने ट्वीट किया, इसे वो रोज गाते हैं. इस पर कोर्ट ने कहा कि वाकई में रोज गाते हैं. इस ट्वीट से क्या जनता भड़केगी नहीं. इस पर चद्रशेखर के वकील ने कहा कि आरएसएस का भी ट्वीट है. जिस पर कोर्ट भड़क गया और कहा कि आप किसी और के ट्वीट के यहां जिक्र मत करिए. महमूद प्राचा ने कोर्ट से कहा कि सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन था. मोदी जी को जब किसी से समस्या होती है तो पुलिस को आगे कर देते हैं. इस पर कोर्ट ने कहा कि आपको प्रधानमंत्री और इंस्टिट्यूशन का सम्मान करना चाहिए