19 सितंबर को जादवपुर यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। और इस कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के साथ धक्का-मुक्की की गई थी। जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। और जिसकी वजह से सोशल मीडिया के जरिए बंगाल की राजनीति में एक भूकंप सा आ गया था। केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के साथ हुई इस धक्का-मुक्की का आरोप वामपंथी छात्रों पर लगा था।
बाबुल सुप्रियो के साथ हुई धक्का-मुक्की की घटना से नाराज़ पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष अपना आप खो बैठे. उन्होंने बयान दिया कि ‘जादवपुर यूनिवर्सिटी राष्ट्र विरोधी और वामपंथियों का अड्डा बन गया है। और हमारे कैडर को चाहिए कि वह उन्हें नष्ट करने के लिए बालाकोट की तर्ज़ पर सर्जिकल स्ट्राइक करें।’
इसी घटना के विरोध में एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने आज दक्षिणी कोलकाता के गरियाहाट इलाक़े से एक विरोध प्रदर्शन मार्च शुरू किया। तो वहीं जादवपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों और शिक्षकों ने भी यूनिवर्सिटी के गेट पर एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन करते हुए एबीवीपी और बीजेपी के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की। एबीवीपी का विरोध मार्च यूनिवर्सिटी से 2 किलोमीटर दूरी पर हिंसक हो गया और प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़कर यूनिवर्सिटी में घुसने की कोशिश की। और पुलिस पर पत्थर भी बरसाए।
जिसकी वजह से पुलिस ने इसे रोक दिया। बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एबीवीपी कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन पर कहा की ‘लोकतंत्र के लिए विरोध महत्वपूर्ण है। जिस दिन विरोध प्रदर्शन अपना मूल्य खो देंगे, उस दिन भारत रुक जाएगा। बंगाल में अभी भी लोकतंत्र है। हालांकि, कुछ जगहों पर यह नहीं है। जादवपुर यूनिवर्सिटी में क्या हो रहा है, हमारी इस पर नज़र है।’