देहरादून: पिछले दिनों प्रादेशिक सेना के अस्तित्व को समाप्त किये जाने की खूब चर्चाएं हुई। सरकार ने भले ही उस पर कोई बयान जारी नहीं किया हो, लेकिन अब वन मंत्री सुबोध उनियाल ने अपने स्तर से इस मामले में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को चिट्ठी लिखी है। वन मंत्री उनियाल ने कहा कि खंडूडी सरकार में बनी प्रादेशिक सेना को बंद नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जल्द इस मसले पर कोई निर्णय हो जाएगा।
सुबोध उनियाल ने रक्षा मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि उत्तराखंड की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हैं। रक्षा मंत्रालय इस प्रकरण का अपने स्तर से निपटारा करें। राज्य में गढ़वाल और कुुमाऊं मंडल के बंजर पहाड़ों को हरा-भरा करने के लिए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूडी की सरकार में गढ़वाल में 127 इंफैंट्री बटालियन (प्रादेशिक सेना) ईको टास्क फोर्स का गठन किया गया था, जबकि कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़ में 130 इन्फैंट्री बटालियन ईटीएफ का गठन किया गया।
दोनों ही बटालियन और इनकी दो-दो कंपनियों के पूर्व सैनिक तभी से बंजर पहाड़ों को हरा-भरा करने का बीड़ा उठाए हैं, लेकिन राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2018 से रक्षा मंत्रालय को पूर्व सैनिकों को दिए गए वेतन एवं प्रोजेक्ट पर आने वाले खर्च का भुगतान नहीं किया जा रहा है। जो अब बढ़कर 132 करोड़ हो चुका है।
सेना के एक अधिकारी के मुताबिक केंद्र को बकाया भुगतान न होने से रक्षा मंत्रालय की ओर से भर्ती रैली पर रोक लगा दी गई है। भर्ती रैली न होने से ईटीएफ में पूर्व सैनिकों की संख्या लगातार घटती जा रही है। मंत्रालय की ओर से यह भी कहा गया है कि अगले साल तक भुगतान न होने पर इनफैंट्री बटालियन ईटीएफ को रद्द कर दिया जाए।