सदस्यता जाने के बाद पहली मीडिया के सामने आए राहुल गांधी

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मानहानि मामले में सूरत कोर्ट की ओर से सजा पाने और लोकसभा की सदस्यता गंवाने के बाद आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी मीडिया से रूबरू हो रहे हैं।

मीडिया से बातचीत करते हुए राहुल ने कहा है कि मैंने आप सबसे काफी बार बोला है कि हिंदुस्तान में लोकतंत्र पर आक्रमण हो रहा है। उन्हाेंने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए मैं सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा।वायनाड से मेरा प्यार का रिश्ता है। तो मैंने सोचा कि वायनाड के लोगों के लिए चिट्ठी लिखूं कि उनके दिल में मेरे लिए क्या है।

राजनीति मेरे लिए कोई फैशन की बात नहीं है। मेरे लिए सच बोलना कोई नई बात नहीं है। ये मेरे जीवन की तपस्या है। चाहे मुझे अयोग्य ठहराएं। मुझे मारे-पीटें, जेल में डालें। लेकिन मुझे अपनी तपस्या करनी है। इस देश ने मुझे प्यार दिया है। इसलिए मुझे उसके लिए यह सब करना है।

मैं भारत जोड़ो यात्रा तक में कहता रहा हूं कि सभी समुदाय को एक साथ चलना चाहिए। भाजपा ध्यान को भटकाने की कोशिश करती है। कभी ओबीसी की बात, कभी विदेश की बात। भाजपा का यही काम है। लेकिन मैं तीन अरब डॉलर की बात उठाना बंद नहीं करुंगा।

सवाल पूछना मैं बंद नहीं करुंगा। अदाणी जी का मोदीजी के साथ क्या रिश्ता है। मैं पूछता रहूंगा कि 20 हजार करोड़ रुपये किसके हैं। मैं पूछता जाउंगा, मुझे कोई डर नहीं लगता इन लोगों से। अगर यह लोग सोचते हैं कि मुझे अयोग्य करवाकर, धमकाकर, जेल में डालकर मुझे बंद कर सकते हैं तो मेरी वो हिस्ट्री नहीं है। मैं हिंदुस्तान के लोकतंत्र के लिए लड़ रहा हूं और लड़ता रहूंगा। मैं किसी चीज से नहीं डरता हूं।

मेरे बारे में मंत्रियों ने संसद में झूठ बोला। कहा कि मैंने विदेशी ताकतों से मदद मांगी। मैंने ऐसी कोई बात नहीं की है। मैंने स्पीकर से कहा कि संसद का नियम है कि अगर किसी सदस्य पर कोई आरोप लगाता है, तो उस सदस्य को जवाब देने का हक होता है। मैंने चिट्ठी लिखी, लेकिन उसका जवाब नहीं आया। दूसरी चिट्ठी लिखी उसका भी जवाब नहीं आया। मैं स्पीकर के चैंबर में गया। मैंने कहा कि यह कानून है, नियम है। इन लोगों ने झूठा आरोप लगाया है। आप मुझे बोलने क्यों नहीं दे रहे? स्पीकर साहब मुस्कुराए और उन्होंने कहा कि मैं ऐसा नहीं कर सकता। फिर उसके बाद आप सबने देखा कि क्या हुआ।

जो मीडिया रिपोर्ट से मैंने निकाला। अदाणी जी और नरेंद्र मोदी जी के रिश्ते के बारे में डिटेल से बोला। रिश्ता नया नहीं है, रिश्ता पुराना है। जब मोदी जी गुजरात के सीएम बने थे, रिश्ता तब से है। हवाई जहाज की फोटो मैंने दिखाई थी, जिसमें मोदीजी अपने दोस्त के साथ आराम से बैठे थे। ये सवाल मैंने पूछा। फिर मेरे बयान को संसद से हटाया गया। मैंने स्पीकर को डिटेल चिट्ठी लिखी पॉइंट बाय पॉइंट। मैंने कहा कि एयरपोर्ट्स अदाणी जी को रूल्स बदलकर दिए गए हैं। ये लीजिए रूल की कॉपी जिसे बदला गया। चिट्ठी लिखी, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा।

मैंने आप सबसे काफी बार बोला है कि हिंदुस्तान में लोकतंत्र पर आक्रमण हो रहा है और इसके हमको हर रोज नए नए उदाहरण मिल रहे हैं। सवाल मैंने एक ही पूछा था। फाउंडेशन पर जाता हूं। अदाणी जी की शेल कंपनीज हैं। उसमें 20 हजार करोड़ रुपया किसी ने इन्वेस्ट किया। यह अदाणी जी का पैसा नहीं है। अदाणी जी का इन्फ्रास्ट्रक्चर बिजनेस है, यह पैसा उनका नहीं है। मैंने पूछा कि यह 20 हजार करोड़ रुपये जो निवेश हुए हैं अदाणी जी की कंपनी में, वे किसके हैं। मैंने संसद में सबूत के साथ इस पर सवाल पूछा।