परिवार का पेट पालने के लिए इस छात्र ने छोड़ी पढ़ाई, अब कर रहा है…

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कोरो’ना महामा’री के कारण लगे लॉ’कडा’उन की वजह से बहुत सारे लोग बेरोज़’गारी का शि’कार हो गए और तमाम स्कूलों और कॉलेजों को भी बंद कर दिया गया। मज़दूरों पर लॉ’कडा’उन का सीधा प्रभाव पड़ा और देश के बहुत से हिस्सों में ऐसे लोग भी है जिन्हें अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी, ऐसा नहीं कि वो पढ़ाई में क’मज़ोर हैं, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उनको अपने परिवार को भी पालना है। ऐसी ही कहानी है 18 साल के संदीप कुमार की। पंजाब (Punjab) के लुधियाना में समराला के पास मौजूद मानकी गांव के रहने वाले हैं संदीप कुमार। वह 12वीं पास कर चुके हैं। संदीप अपनी पढ़ाई को 12वीं के बाद भी जारी रखना चाहते थे, लेकिन परिवार को आर्थिक सहायता देने के लिए उन्हें मजदूरी करनी पड़ रही है।

मिली जानकारी के अनुसार, आजकल संदीप रोज़ की 300 से 500 रुपये की दिहाड़ी पर कुआं खोदने का काम कर रहे हैं। उनके साथ ही उनके छोटे भाई भी मज़दूरी कर रहे हैं ताकि वह अपने परिवार को आर्थिक मदद पहुंचा सकें।संदीप कुमार द्वारा बताया गया कि, वो रोजाना सुबह 8 बजे काम के लिए निकलते हैं और काम करते-करते उन्हें शाम के 6 बज जाते हैं। संदीप कुआं खोदने का काम कर रहे हैं। संदीप का कहना है कि, वो 12वीं के बाद ग्रेजुएशन तो नहीं बल्कि कंप्यूटर कोर्स करना चाहते थे, लेकिन आर्थिक परे’शानियों के कारण उनके पिताजी ये कोर्स नहीं करवा पाए।
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संदीप अपनी परे’शानियों को बयान करते हुए कहते है कि, पहले तो हालात बु’रे थे, लेकिन लॉ’कडा’उन में और भी ज्यादा बु’रे हो गए। संदीप द्वारा कहा गया, हमें दो कुएं को 20 से 30 फीट गहरा खोदते हैं, अगले दिन उसमें सीमेंट लगाने का काम करते हैं। संदीप कुमार द्वारा बताया गया कि, उनके भाई अभी ऑनलाइन क्लासेज लेते हैं। हालही में उन्होंने एक सैकेंड हैंड फोन अपने भाइयों को खरीदकर दिया है। संदीप ने बताया कि, उनकी पढ़ाई की फीस भरने में टीचर्स काफी मदद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि लॉ’कडा’उन के दौरान उन्होंने पैसा कमाने के लिए घास काटने, लोगों की खेतों में धान लगाने और मजूदरी का भी काम किया।