मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के फैसले के खिलाफ पार्टी अध्यक्ष, 2 विधायकों के बेटों को…

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जैसा कि सभी को पता है अगली साल देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गुजरात और गोवा शामिल हैं। इन सभी राज्यों में अब सियासी हलचल तेज हो गई है। पंजाब और उत्तर प्रदेश में सियासी तापमान कुछ ज्यादा ही बढ़ा हुआ है। बता दें कि मुसीबतों से जूझ रहे पंजाब के मुख्यमंत्री कप्तान अमरिंदर सिंह पर अब एक और मुसीबत आ चुकी है। हाल ही में उन्होंने एक फैसला लिया था। जिसके विरोध में कई विधायक खड़े हो गए हैं। दरअसल, सीएम अमरिंदर सिंह ने पंजाब के दो कांग्रेस विधायकों के बेटों को सरकारी नौकरी देने का फैसला लिया था।

पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ और दो अन्य विधायकों का मानना है कि मुख्यमंत्री का ये फैसला गलत है। उन्हें अपना ये फैसला वापस लेना चाहिए। हालांकि मुख्यमंत्री ने अपने फैसले को वापस लेने से साफ इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि “कांग्रेस के दो विधायकों के बेटों को सरकारी नौकरियों पर पंजाब कैबिनेट के फैसले को रद्द करने का कोई सवाल ही नहीं है। यह उनके परिवारों के बलिदान के लिए कृतज्ञता और मुआवजे का एक छोटा सा प्रतीक है। यह शर्मनाक है कि कुछ लोग इस फैसले को राजनीतिक रंग दे रहे हैं।”

बता दें कि शुक्रवार को पंजाब सरकार ने कांग्रेस विधायक अर्जुन प्रताप सिंह बाजवा और भीष्म पांडे के बेटों को पुलिस इंस्पेक्टर और नायब तहसीलदार के रूप में नियुक्त किए जाने का फैसला किया था। लेकिन जाखड़ का कहना है कि यह फैसला तटस्थता के लोकाचार और संस्कृति के खिलाफ है। उन्होंने सीएम के इस फैसले को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि “मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह जी को गलत फ़ैसले को पलटना चाहिए… यह फ़ैसला अमरिंदर सिंह और पूरी कांग्रेस पार्टी की तटस्थता और संस्कृति के ख़िलाफ़ है।” वहीं एक अन्य विधायक ने कहा कि “यह निर्णय कांग्रेस विधायकों की अपनी कुर्सी बचाने की वफादारी को खरीदने का एक प्रयास है।”