जैसे के सभी जानते हैं किस तरह कोरोनावायरस की महामारी के दौरान लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। बहुत से लोग इस महामारी से बचाव के लिए लगे लॉकडाउन में अपनी नौकरियां गवा बैठे। जिसके बाद अब मोदी सरकार ने उन लोगों के लिए एक राहत भरा फैसला लिया है। बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान बड़े पैमाने पर लोग नौकरी से हाथ धो बैठे हैं। सैलरी नहीं मिलने की वजह से करोड़ों लोगों के सामने आजीविका को लेकर समस्याएं पैदा हो गई हैं। ऐसे में मोदी सरकार बेरोजगार हुए लोगों को भत्ता देगी।
इस स्कीम के चलते फायदा उन वर्कर्स को होगा जो एंप्लॉयी स्टेट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (ESIC) के तहत रजिस्टर्ड हैं। वर्कर्स को फायदा देने के लिए अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना, जिसका संचालन ESIC की तरफ से किया जाता है, उसे 30 जून 2021 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। इसी कल्याण योजना के तहत बेरोजगारी भत्ता मिलता है। मिली जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि ये पैसा सिर्फ उन्हीं वर्कर्स को मिलेगा जो ESI स्कीम के साथ कम से कम पिछले दो सालों से जुड़े हैं। मतलब वो ही लोग इस स्कीम का फायदा उठा सकते है जो 1 अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2020 तक इस स्कीम से जुड़े रहे। इस दौरान 1 अक्टूबर 2019 से 31 मार्च 2020 के बीच कम से कम 78 दिनों का कामकाज जरूरी है।
बता दें कि केवल 90 दिनों या 3 महीने तक ही बेरोजगार इस स्कीम का लाभ उठा सकते हैं। वह तीन महीने के लिए औसत सैलरी का 50 फीसदी क्लेम कर सकता है। खबर ये भी है कि पहले यह सीमा 25 फीसदी थी। एक और नियम में बदलाव किया गया है। पहले बेरोजगार होने के 90 दिनों के बाद इसका फायदा उठाया जा सकता था और इस बात की जानकारी लेबर ऐंड एंप्लॉयमेंट मिनिस्टर संतोष गंगवार ने दी है। बोर्ड के फैसले के मुताबिक बता दें कि “अब इसके लिए वर्कर्स के क्लेम को नियोक्ता की तरफ करने की जरूरत नहीं होगी। मीटिंग के एजेंडे के मुताबिक, क्लेम को सीधे तौर पर ESIC के शाखा कार्यालय में जमा किया जा सकता है और शाखा कार्यालय स्तर पर ही नियोक्ता के जरिए क्लेम का वेरिफिकेशन किया जाएगा। इसके बाद वर्कर्स के खाते में सीधे तौर पर क्लेम की रकम भेज दी जाएगी।”