मैरी कॉम ने मैच के बाद किया कुछ ऐसा लोग कहने लगे..”कहाँ है…?”

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Nikhat Zareen- Mary Kom

मैरी कॉम एक बार फिर से ख़ब’रों में हैं लेकिन इस बार अपनी जीत की व’जह से कम बल्कि अपने व्यवहार की वजह से ज़्यादा हैं। जैसा कि सभी ने आज मैच में देखा कि मैरी कॉम और नि’ख़त ज़’रीन के बीच 51 किलो वर्ग के लिए ओल’म्पिक क्वा’लिफ़ायर मै’च हुआ जिसमें मैरी कॉम ने 9-1 से जीत हा’सिल की। जैसे ही ये मैच पूरा हुआ नि’ख़त ज़’रीन एक सच्चे खिला’ड़ी की तरह मैरी को बधाई देने के आगे ब’ढ़ीं लेकिन मैरी ने उनसे हाथ नहीं मिलाया और रिंग से बाह’र निकल गयीं।

मैरी के इस व्यवहा’र की सोश’ल मी’डिया में आलो’चना हो रही है सभी का कहना है कि मैरी का ये व्यवहा’र उनके अच्छे खि’लाड़ी होने के व्य’क्तित्व से मे’ल नहीं खाता। इस बारे में जब मैरी की जूनि’यर नि’ख़त ज़’रीन से उनका अनुभव पूछा गया तो नि’ख़त ज़’रीन ने कहा कि “मुझे उनका व्यवहा’र अच्छा नहीं लगा क्योंकि जब परि’णाम घोषि’त हुए मैंने उन्हें गले ल’गाना चाहा लेकिन उन्होंने मुझे गले नहीं ल’गाया। एक जूनियर होने के नाते मैं अपने सीनि’यर्स से ये अपे’क्षा रखती हूँ कि वो भी जूनि’यर्स का सम्मा’न करें, बस इसलिए मुझे बु’रा लगा।”

वहीं जब इस मामले में मैरी कॉम को पूछा गया कि उन्होंने नि’ख़त से ऐसा व्यवहा’र क्यों किया तो इस बात पर मैरी कॉम ने प्रतिक्रि’या देते हुए कहा कि “मैं क्यों उससे हाथ मिलाऊँगी? अगर वो चाहती हैं कि दूसरे उसकी इज़्ज़त करें तो उसे पहले दूसरों की इज़्ज़त करनी चाहिए। मुझे इस तरह के लोग पसं’द नहीं हैं। अपना पाइं’ट रिं’ग के अंदर सा’बित कीजिए बाहर नहीं”

दरअसल ये मु’द्दा तब शुरू हुआ जब मैरी के लिए ओलम्पिक क्वा’लिफ़ायर के निय’मों में बद’लाव लाकर उन्हें सीधे ओल’म्पिक में भेजने की बातें हुई और इस पर जूनि’यर नि’ख़त ज़’रीन ने सवा’ल उठाया और कहा कि जिस तरह कांस्य पदक विजेता को क्वा’लिफ़ायर मैच खेलना ज़रूरी होता है और इस मैच विजेता को ही ओल’म्पिक में जाने मिलता है इस निय’म में बद’लाव लाना सही नहीं है। उसके बाद ही इस मैच का आयो’जन हुआ। जिसमें मैरी ने जीत हा’सिल की लेकिन मैरी ने नि’ख़त ज़’रीन से हाथ मिलाना सही नहीं समझा इस बात पर लोग उन्हें खेल भावना भू’लने की बात कह रहे हैं।