महाराष्ट्र की नई सरकार का ये है कॉमन मिनिमम प्रोग्राम..

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मुंबई: महाराष्ट्र विकास अघाड़ी ने अपने न्यूनतम साझा कार्यक्रम को जारी कर दिया है। जिसकी प्रस्तावना में कहा गया है कि, यह सरकार अपने सेक्यूलर मूल्यों पर अडिग रहेगी। न्यूनतम साझा कार्यक्रम में सबसे ज़्यादा ज़ोर किसानों के मुद्दों पर दिया गया है। जिसके तहत किसानों को जल्द से जल्द सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। और किसानों की कर्ज़ मुक्ति को लेकर उचित क़दम उठाए जाएंगे। जिससे किसानों को कर्ज़ तले दबकर ना रहना पड़े। उन्हें कर्ज़ से मुक्ति दिलाई जाएगी।

किसानों के लिए चल रही फसल बीमा योजना में बदलाव किए जाएंगे। जिसके तहत यदि किसानों की फसल ख़राब हो जाती है, तो उन्हें मुआवज़ा दिया जाएगा। जो इलाके सूखे से पीड़ित हैं। वहां सिंचाई के साधनों का प्रबंध किया जाएगा। किसानों की सभी समस्याओं का समाधान करने की योजना पर कार्य करेगा सरकार का न्यूनतम साझा कार्यक्रम। इसके अलावा बेरोज़गारी के मुद्दे पर भी न्यूनतम साझा कार्यक्रम में ज़ोर दिया गया है। जिसके अंतर्गत खाली पड़ी सरकारी नौकरियों के पदों को जल्द से जल्द भरे जाने की बात कही गई है।

साथ ही साथ शिक्षित बेरोज़गारों को भत्ता दिए जाने की बात भी कही गई है। इसके अलावा नौकरियों में विशेष रूप से महाराष्ट्र के लोगों के लिए 80% नौकरियां आरक्षित किए जाने की बात भी कही गई है। इस न्यूनतम साझा कार्यक्रम में गरीब बच्चियों को मुफ़्त शिक्षा दिए जाने की बात भी कही गई है। इसके अलावा महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण सरकार की पहली प्राथमिकता रहेगी। और निम्न वर्ग से आने वाली लड़कियों को मुफ़्त शिक्षा का प्रबंध किया जाएगा। शहरों और ज़िला मुख्यालयों में वर्किंग वुमन हॉस्टलों का निर्माण किया जाएगा। आंगनवाड़ी सेविकाओं/आशा कार्यकर्ताओं को मिलने वाले मानदेय और सुविधाओं में बढ़ोत्तरी करते हुए स्वयं सेवा समूह में काम करने वाली महिलाओं को सशक्त किया जाएगा।

राज्य में शिक्षा के स्तर को ऊंचा करने के लिए आवश्यक क़दम उठाए जाएंगे। कृषि मजदूरों के बच्चों और निम्न वर्ग से आने वाले छात्रों को ज़ीरो फ़ीसदी ब्याज दर पर लोन दिया जाएगा। इसके अलावा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की छूट और अनुमति प्रक्रिया को सरल बनाने के साथ, आईटी सेक्टर में नए निवेशों के लिए पॉलिसी में बदलाव किए जाएंगे। इसके साथ हेल्थ किया सुनिश्चित करने के लिए 1 रुपये क्लीनिक शुरू किए जाएंगे। और तालुका स्तर पर पैथालॉजिकल टेस्ट की व्यवस्था होगी।

सभी ज़िलों में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनाए जाएंगे। और राज्य के प्रत्येक नागरिक को हेल्थ कवर दिया जाएगा। वहीं, शहरी इलाकों में सड़कों की हालत सुधारने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना जैसी स्कीम लाई जाएगी। नगर पंचायत, म्युनिसिपल काउंसिल, और म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में सड़कों की हालत ठीक करने के लिए आर्थिक प्रबंध किए जाएंगे। इसके अलावा मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य क्षेत्रों में स्लम में रहने वाले लोगों को 500 स्क्वायर फीट का इलाका दिया जाएगा।