ऑल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस) के तत्वाधन में महाराष्ट्र के लगभग 30 हजार किसान शुक्रवार को ठाणे पहुँचे। एआईकेएस की मांग है कि सरकार सुपर हाइवे और बुलेट ट्रेन जैसे प्रोजेक्ट के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण न करे। एआईकेएस के एक सदस्य ने बताया कि पिछले दो सालों से सरकार का ध्यान किसानों की ओर खींचने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन हर बार सरकार की अनदेखी के बाद हमने यह कदम उठाया है। यह किसान अपने जमीन अधिग्रहण को लेकर को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका लक्ष्य 12 मार्च को महाराष्ट्र विधानसभा का घेराव करना है।
आंदोलन में शामिल कुछ किसानों की मांग है कि जो किसान पिछले तीन सालों से जंगल क्षेत्र की जुताई कर रहे हैं। उस जमीन को उन किसानों के नाम कर दिया जाए। किसानों का कहना है कि कुछ किसान लगभग पांच एकड़ जमीन पर जुताई कर रहे हैं। लेकिन प्रशासन की ओर से 1.5 एकड़ जमीन का सर्टिफिकेट दिया गया है और यह सही नहीं है। जमीन के इतने कम हिस्से पर जुताई कैसे होगी। किसानों की मांग है कि वह जिस जमीन पर वर्षों से जुताई कर रहे हैं वह जमीन उन्हें दे दी जाए।
राज्य के किसान अपने कर्ज और बिजली ऋण माफी की भी मांग कर रहे हैं।महाराष्ट्र के किसानों द्वारा कर्जमाफी के आंदोलन की शुरूआत विगत 5 मार्च को नासिक के सीबीएस चौक से हुई थी। किसानों के इस आंदोलन में महिलाओं समेत युवा और वरिष्ठ नागरिक भी शामिल हैं।
गौरतलब है कि फणनवीस सरकार ने पिछले साल महाराष्ट्र में ऋणमाफी योजना के तहत पहले चरण में 4 हजार करोड़ रुपये का ऋण माफ किया था।