लॉ’क डा’उन के नि’यमो की उड़ाई ध’ज्जियां, सतपाल महाराज समित….

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जब कोरो’ना वाय’रस के चलते संक्र’मित लोगों और बाहर से आने वाले लोगों को क्वारं’टाइन में रखा जा रहा है और क्वारंटा’इन के नि’यम तो’ड़ने वाले पर कार्रवाई भी की जा रही है। वही लोगों का हाइकोर्ट से सवा’ल ये है कि संवै’धानिक पदों पर बैठे लोगों पर ये निय’म क्यों नहीं लग रहे? लोगों के इस सवा’ल के पीछे वजह ये थी के उनके प्रदेश के काबीना मंत्री सतपाल महाराज के खि’लाफ कार्रवाई क्यों नही हो रही है।इसी के चलते हाइकोर्ट ने शुक्रवार को  उत्तराखंड प्रदेश के काबीना सतपाल महाराज दायर जनहीत याचिका पर सुन’वाई करते हुए स’ख्त टिप्प’णी की है।याचिका में लिखा गया है कि काबीना मंत्री ने कोरो’ना को लेकर केंद्र ने जो गाइडलाइन जारी की थी उनका उल्लं’घन किया है।

पता चला है कि हाइकोर्ट की उपनिययल ने उत्तराखंड सरकार और उनके काबीना मंत्री को नोटिस दिया है और उसका जवाब तीन सप्ताह के अंदर मंगा है और बताया ये भी जा रहा है कि इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्याय’मूर्ति आरसी खुल्बे की खंड’पीठ में हुई। सतपाल महाराज पर ये आरो’प लगाया गया है कि उन्होंने कैबिनेट से क्वारं’टाइन की बात छुपा’ई।

सतपाल महाराज के खिला’फ दायर याचिका में ये कहा गया है कि देहरादून के डीएम और सीएमओ के स्तर से गुजरी 20 मई को काबीना मंत्री सतपाल महाराज के आवास पर नोटिस जारी किया गया था और उस नोटिस में लिखा था कि सतपाल महाराज को 20 मई से 3 जून तक होम क्वारं’टाइन में रहना होगा लेकिन इसी के चलते काबीना मंत्री सतपाल महाराज ने नोटिस की बात ना मन कर कैबिनेट की दो बेठक में शामिल हुए। उन्हीने होम क्वारंटा’इन होने की बात भी कैबिनेट से छुपाई। काबीना मंत्री की इस ह’रकत से कैबिनेट के सभी सदस्यों को भी होम क्वारं’टाइन होना पड़ा जिस के चलते सब लोग ही उनसे नारा’ज़ है।

पता चला है कि देहरादून निवासी उमेश शर्मा ने आपदा प्रबंधन एक्ट में मुकदमा दर्ज करने की मांग याचिका में की है। देहरादून निवासी उमेश शर्मा का कहना है कि “आम आदमी पर क्वारं’टाइन के नि’यमों का उल्लं’घन पर राज्य सरकार मुक’दमे दर्ज करा रही है। लेकिन महाराज पर मुक’दमा नहीं किया गया।” याचिकाकर्ता ने काबीना मंत्री सतपाल महाराज पर आपदा प्रबंध’न ऐक्ट के तहत मुक’दमा दर्ज करने की मांग अपनी याचिका में की है।

सूत्रों से पता चला है कि काबिना मंत्री सतपाल महाराज के दो रिश्तेदार 19 मई को दिल्ली से देहरादून महाराज के घर आये थे। 20मई को उनको घर के एक हिस्से में ही आइसो’लेट कर होम क्वारं’टाइन होने का नोटिस जारी किया गया मगर उनके घर को पूरी तरह सील नही किया गया।
जब पता चला की 26मई को दोनों रिश्तेदार कोरो’ना पॉज़िटिव है तब भी उनके पूरे घर को सी’ल नही किया गया और इसी के साथ साथ ना ही उनको किसी अस्पता’ल मे भ’र्ती कराया गया।

ये सब होने बाद भी काबिना मंत्री सतपाल महाराज 26 मई को पर्यटन विकास परिषद मुख्यालय में हुई बैठक में शामिल हुए और तो और सतपाल महाराज 21 और 29 मई को होने वाली कैबिनेट की बैठक मे भी शामिल हुए। जिसकी वजह से सभी कैबिनेट की बैठक में शामिल होने वाले लोगों को भी होम क्वारं’टाइन होना पड़ा। इस सब के बावजूद 30 मई को उनकी पत्नी की भी कोरो’ना पॉज़िटिव रिपोर्ट आई लेकिन उनको भी तत्का’ल अस्पताल मे भर्ती नहीं कराया गया। बताया जा रहा है कि सतपाल महाराज के परिवार समेत स्टाफ के 22 लोगो की कोरो’ना पॉज़िटिव रिपोर्ट आई। सूत्रो से पता चला है कि ऋषिकेश एम्स ने परिजनों को 24 घंटे बाद ही डिस्चार्ज कर दिया गया। हालांकि कुछ घंटे बाद ही उन्हें दोबारा भ’र्ती करना पड़ा।

ये सब होने के बाद भी काबीना मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि मैंने गाइडलाइन का उल्लं’घन नही किया है। उन्होंने ये भी कहा है कि 20 मई को सर्कुलर रोड वाले कार्यालय के गेट पर क्वारं’टाइन का पर्चा लगाया गया था और उसके बाद उन्हीने मुन्सिपल रोड वाले आवास का ही इस्तेमाल आने जाने के लिए किया। जो पूरी तरह  अलग घर है। 24 मई को सीएमओ देहरादून बीसी रमोला ने एंटी बॉडी टेस्ट कराया जो निगेटिव आया। उनका कहना है कि सीएमओ ने ही कहा था कि अब क्वा’रंटाइन होने की कोई ज़रूरत नही और अब कोई भी काम कर सकते है। कैबिनेट बैठक मे ऑनलाइन शामिल होने को गोपन विभाग से कहा गया था। हालाकि बताया ये भी जा रहा है कि पहले गोपन ने ये भी कहा कि व्यवस्था हो जाएगी और फिर बाद में उनसे कहा गया कि उन्हें बैठक में शामिल ही होना पड़ेगा और बताया की ऑफिस स्टाफ में भी सभी की कोरो’ना रिपोर्ट नेगेटिव आयी है।