कोरोना वाय’रस के तेज़ी से बढ़ने के कार’ण देश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चल रही है। लॉकडाउन की वजह से सारी आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से बंद पड़ी हैं। जो काम बहुत अधिक ज़रूरी हैं वहीं सेवाएं चालू हैं। ऐसे में केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था को लेकर नए पैकेज की तैयारी कर रही है। इसी मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारम’ण, मंत्रालय के सचिव और प्रधानमंत्री कार्यालय के बीच लगातार बैठकें की जा रही है। पिछले हफ्ते भी वित्त मंत्रालय और पीएमओ के बड़े अधिकारियों के बीच एक और पैकेज को लेकर कई दौर की बैठके हुई थीं।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बताया गया है कि “अर्थव्यवस्था की हालत को देखते हुए बीते एक सप्ताह में वित्त मंत्रालय और पीएमओ के बीच कई बैठके हुई हैं। कोरोना वाय’रस महामा’री की वजह से अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान की भरपाई करने के लिए सरकार रास्ते तलाश रही है।” सरकारी अधिकारियों ने बताया कि लॉकडाउन के बाद की हालत से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने यह क़दम उठाया है। उन्होंने कहा कि इन पैकेज पर विचार किया जा रहा है लेकिन अभी तक कोई अंतिम निर्ण’य नहीं लिया गया है।
वहीं रविवा’र को अधिकारियों ने कहा कि “सरकार कुछ वेलफेयर स्कीम्स और सरकारी योजनाओं को रिडिजाइन करने पर विचार कर रही है ताकि लॉकडाउन के बाद उचित कदम उठाए जा सके। फिलहाल केंद्र सरकार कई विकल्प पर विचार कर रही है, जिसमें मंत्रालयों द्वारा स्कॉलरशिप और फेलोशिप, रबी फसलों की कटाई भी शामिल है। इनके बारे में एक-एक कर सरकार जानकारी जुटा रही है।” बता दें कि यह लॉकडाउन 14 अप्रैल को खत्म होने जा रहा है। जानकारी के अनुसार माना जा रहा है कि सरकार अलग अलग चर’णों में लॉकडाउन समाप्त करेगी। साथ ही बताया गया कि लॉकडाउन के कार’ण मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर को बुरी तरह झ’टका लगा है। रेलवे सेवाओं के साथ विमान सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं।
एक अधिकारी के हवाले से इस रिपोर्ट में कहा गया है कि “लगातार 3 सप्ताह तक आउटपुट एक्टिविटी बंद होने की वजह से पहली तिमाही में सरकारी रेवेन्यू पर बुरा असर पड़ने वाला है। वहीं, केंद्र सरकार ने 1.7 लाख करोड़ रुपये का पहले ही राहत पैकेज ऐलान कर दिया है। इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक ने भी 3.7 लाख करोड़ रुपये के लिक्विडिटी बूस्ट का कदम उठाया है। ऐसे में एक और राहत पैकेज पर फैसला लेते समय केंद्र सरकार इस बात का भी ध्यान रखेगी।” बता दें कि कोरोना वाय’रस के कार’ण भारतीय व वैश्विक कैपिटल मार्केट पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है जिसके कार’ण दुनियाभर की इंडस्ट्रीज को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।