कड़ी मेहनतों के बाद भी भाजपा रही पीछे, एक बार फिर बंगाल पर होगा ममता बनर्जी का राज…

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बंगाल विधानसभा चुनाव में अब लोगों का इंतजार खत्म हो गया है। आज यानी 2 मई को चुनाव के नतीजे आना शुरू हो गए हैं। चुनाव के नतीजों से भाजपा के पैरों तले जमीन खिसक गई है। हर बार की तरह इस बार भी ममता बनर्जी बंगाल में अपनी पकड़ मजबूत करती दिख रही हैं। रुझानों के हिसाब से अब तक टीएमसी ने 190 से ज्यादा सीटों पर बढ़त बना ली है। वहीं दूसरी ओर अपनी जीत का दावा करने वाली भाजपा केवल 97 सीटों पर ही बढ़त बना पाई है। ऐसे में लोगों का कहना है कि ‘बंगाल की बेटी’ ममता बनर्जी की बंगाल में अलग ही छवि है जिसके कारण बंगाल के लोग उन्हें ही चुनना पसंद करेंगे।

इस उन्होंने सबसे पहले अपनी पकड़ तब मजबूत की जब नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान वह घायल हुई। इस दौरान घायल होने के बाद भी उन्होंने व्हीलचेयर पर लगातार प्रचार किए। जिसके चलते लोगों में उनकी छवि घायल शेरनी जेसी हो गई। वहीं दूसरी ओर उन्होंने ‘बंगाल को चाहिए अपनी बेटी’ का नारा देकर एक बड़ी तादाद में महिलाओं को अपने पक्ष में कर लिया। भाजपा को इस बात का नुकसान हुआ कि उनके पास कोई भी तेजतर्रार महिला नेता नहीं थी, जो ममता बनर्जी की तरह लोगों का दिल जीत पाती और लोगों को जवाब दे पाती।

इसके साथ ही भाजपा दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को अपने साथ जोड़ने में नाकाम रही। इसका फायदा भी ममता बनर्जी की पार्टी ने उठाया। दलितों-पिछड़ों के लिए कल्याणकारी योजनाओं से ममता बनर्जी ने भारी मात्रा में वोट अपनी ओर खींच लिया। भाजपा ने इस दौरान ममता बनर्जी के खिलाफ जो नारे दिए उसका फायदा भी टीएमसी को मिला। दीदी ओ दीदी, दो मई-दीदी गईं, दीदी की स्कूटी नंदीग्राम में गिर गई जैसे नारों का लोगों पर उल्टा असर हुआ।