जे’ल में बं’द रहकर इस शख्स ने लड़ा पंचायत का चुनाव, भा’री बहु’मत से हा’सिल की जीत

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छत्तीसगढ़ की राजनीति के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब जे’ल में रहकर कोई चुनाव ल’ड़ा और भा’री मतों से जीत भी गया। तिल्दा विकासखंड के सड्डू गांव के रहने वाले नरेन्द्र यादव नाम के व्यक्ति ने रायपुर सेंट्रल जे’ल में रहकर पंचायत चुनाव ल’ड़ा और जीत भी हा’सिल की। इस जीत के बाद नरेन्द्र यादव को ‘रॉबिन हुड’ के नाम से बुलाया जा रहा है।

दरअसल, नरेन्द्र यादव अपनी पत्नी को आत्महत्’या के लिए उकसाने के आरो’प में केन्द्रीय जे’ल रायपुर में विचाराधीन बं’दी रहते हुए चुनाव ल’ड़े और भारी मतों से जीत भी हासिल की। चुनाव में जीत के बाद उन्हें शपथ ग्रह’ण के लिए अंतरिम जमानत पर बाहर भेजा गया है।

नरेंद्र यादव ने यह चुनाव लगातार दूसरी बार जीता है। साल 2015 में नरेंद्र यादव ने अपना पहला सरपंच का चुनाव जीता था और उनके सामने 9 प्रतिद्वंद्वी थे। पहली बार भी उन्होंने भारी मतों से जीत हासिल की थी। और इस बार तो नरेन्द्र यादव ने केन्द्रीय जे’ल रायपुर में रहते हुए अपने सामने 5 विरो’धियों को करा’री हा’र देकर भारी मतों से सरपंच का चुनाव दोबारा जीत लिया।

सरपंच नरेन्द्र यादव के बड़े भाई नाराय’ण यादव और ग्रामी’ण रामप्रसाद व दिनेश कुमार, सतीश व अन्य ने बताया है कि “जब पहली बार नरेन्द्र सरपंच चुनाव जीते थे तो उन्होंने गांव के लिए बहुत विकास किया। उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में गांव में स्टेडियम निर्मा’ण कराया और 3000 पौधों को रोप’ण करवाया था। इसी तरह तालाब गहरीकर’ण और पचरी निर्मा’ण काम कराया है, जिसका नतीजा हैं कि नरेन्द्र यादव ने लगातार दूसरी बार सरपंच चुनाव जीता है।”

इस पूरे मामले पर नरेंद्र यादव के वकील एनडी मानिकपुरी का कहना है कि “नरेन्द्र यादव जे’ल में रहकर चुनाव जीते हैं। नरेंद्र के खि’लाफ चुनाव मैदान में कुल पांच उम्मीदवार थे। इस चुनाव में नरेंद्र ने कुल 1540 मतों में से 799 मत लेकर 271 मतों से जीत हा’सिल की है। इससे पता चलता है कि उनकी क्षे’त्र में कितनी सकारा’त्मक छवि है। जीत के बाद कोर्ट ने अंत’रिम जमा’नत पर उन्हें 5 दिन के लिए बाहर भेजा है। जीत के बाद उन्होंने 11 फरवरी को शप’थ ली।”