नई दिल्ली – पुराने सामान पर जीएसटी लागू होने के बाद से अगर नई दरें नहीं लिखी होंगी तो कंपनियों पर एक लाख रुपये तक जुर्माना और सजा हो सकती है। शुक्रवार को यह बात उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने कही।
उन्होंने कहा कि कंपनियों को नए अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) के साथ बचे हुए माल को सितंबर तक निकालने की अनुमति दी गई है। जीएसटी के क्रियान्वयन को लेकर शुरुआती अड़चनें थीं, लेकिन उनका जल्द ही समाधान हो गया। पासवान ने कहा कि जीएसटी व्यवस्था के तहत कुछ वस्तुओं की कीमतें कम हुई हैं और कुछ के दाम बढ़े हैं। देश में जीएसटी 1 जुलाई से लागू किया गया है। इसमें वैसे कारोबारियों को राहत दी गई है जिनके पास पुराना माल बचा हुआ है। उन्हें बचा हुआ माल नए एमआरपी के साथ दो माह तक बेचने की अनुमति है।
पासवान ने चेतावनी देते हुए कहा कि बचे हुए माल पर संशोधित एमआरपी प्रकाशित करना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करना पैकेटबंद उत्पाद नियम का उल्लंघन माना जाएगा और इस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।