देश भर में कोरोना का आतंक फैला हुआ है लेकिन इन दिनों कोरोना वैक्सीन ट्रायल भी आख़िरी चरण में और ऐसा अनुमान है कि 2021 तक इसकी वैक्सीन आ ही जाएगी। फिर भी ये बात सामने है कि इतनी बड़ी आबादी का एक साथ टीकाकरण संभव नहीं, इसलिए ये चार या फिर ज्यादा चरणों में भी हो सकता है. इसमें उन लोगों को पहले टीका मिलेगा, जो ज्यादा जोखिम में हैं या हो सकते हैं। अगले साल की जुलाई तक वैक्सीन के 50 करोड़ डोज तैयार करने और लगभग 25 करोड़ लोगों तक पहुंचाने की योजना है। वैक्सीन के वितरण के लिए नेशनल वैक्सीन ग्रुप तैयार हो चुका है। ये समूह ही पक्का करेगा कि किस आधार पर वितरण शुरू करना है। इस पर पूरी गाइड बनाई जा रही है।
हरियाणा के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि शुरुआत में मांग के अनुसार वैक्सीन का स्टॉक कम रहेगा। इस वजह से जिसको जितना रिस्क के आधार पर पक्का करेंगे कि किन लोगों को वैक्सीन पहले मिलनी चाहिए। इसके बाद ही दूसरे लोगों तक टीका पहुंचेगा। पहले चरण में हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन दी जाएगी जिनमें इस श्रेणी में डॉक्टर, नर्सें और अस्पताल का दूसरा स्टाफ या फिर ए एन एम वर्कर्स हैं क्योंकि इनका संपर्क रोज मरीजों से होता है और इन्हें संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है। इनके बाद दूसरा टीकाकरण सैनिटेशन वर्करों और पुलिसवालों का होगा इनमें घर का कूड़ा उठाने वाले व्यक्ति भी शामिल हैं।
इसके बाद 50 से अधिक आयुवर्ग के लोगों को टीका लगाया जाएग और उसके बाद जाकर चौथे चरण में बाकियों का वैक्सिनेशन होगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को ये कहा है कि वो डाटाबेस तैयार रखें ताकि टीकाकरण का काम सुचारू रूप से हो सके। वैसे वैक्सिनेशन के मामले में भारत में काफ़ी अच्छी तरह काम होता है क्योंकि यहाँ गर्भवती और नवजातों को कई तरह से टीकाकरण होता है इसलिए यहाँ डाटाबेस बनाने और वैक्सीन को स्टोर। करने की सुविधा भी उपलब्ध है। यहाँ लगभग 27 हजार कोल्ड स्टोरेज हैं।