देश की राजधानी दिल्ली में पिछले 11 दिनों से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर धरना चल रहा है। बता दें कि ये धरना केजरीवाल सरकार के खिलाफ उत्तरी दिल्ली नगर निगम (North Delhi Municipal corporation) के मेयर और साथ ही बीजेपी के सभी पार्षद मिलकर दे रहे हैं। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने सभी को नोटिस भेजा और मुख्यमंत्री के घर के बाहर से धरना हटाने को कहा। दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए नेताओं से धरने को कहीं और शिफ्ट करने को कहा।
पिछले 11 दिनों से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर धरना दे रहे नेताओं पर आम आदमी पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया कि बीजेपी नेताओं ने सीएम हाउस के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए और सरकारी संपत्ति को नुकसान नुक़सान पहुंचाया है। जिसके बाद हाई कोर्ट ने 18 दिसंबर को दिए गए आदेश में कहा कि “मुख्यमंत्री के घर के बाहर धरना नहीं दे सकते।”
बता दें कि बीजेपी के नेताओं का आरोप है कि केजरीवाल सरकार ने उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी नगर निगमों का बकाया 13 हजार करोड़ रुपये नहीं दिए है। जिसके कारण वहां के कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिल पा रही है। वहीं दूसरी ओर दिल्ली सरकार का दावा है कि भाजपाशासित नगर निगमों ने 2500 करोड़ रुपये का घोटाला किया है। सीएम हाउस के बाहर धरना देने पर आप सरकार ने सवाल उठाया। दिल्ली सरकार ने कहा कि “भाजपा को सीएम हाउस के सामने प्रदर्शन की अनुमति कैसे दी गई, जबकि उनकी पार्टी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर के बाहर विरोध-प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं मिली।”