‘उत्तराखंड की लोक संस्कृति को यदि जीवित रखना है तो हमें अपनी लोकभाषा को जीवित रखना होगा, क्योंकि भाषा से ज्ञान का परिमार्जन होता है और इससे हमारी संस्कृति को जीवन मिलता है। प्रत्येक उत्तराखंडी को प्रदेश की हर आंचलिक भाषा का ज्ञान होना चाहिए।’ यह बात महाराष्ट्र के राज्यपाल महामहिम भगत सिंह कोश्यारी ने मुंबई उत्तरखंड महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कही। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार डॉ कुँवर सिंह पवार को गढ़रत्न सम्मान से सम्मानित भी किया गया।
राज्यपाल महोदय ने डॉ पवार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तराखंड के पर्वतीय इलाके के एक बेहद छोटे से गांव से मुंबई आकर डॉ पवार ने अपनी उपलब्धियों के चलते न केवल इस संस्था से बल्कि जर्मनी से भी पुरस्कार हासिल कर चुके हैं, यह प्रत्येक उत्तराखंडी के लिए गर्व का विषय है। महामहिम ने उत्तराखंड के विकास की बात करते हुए कहा कि आज से कुछ वर्ष पहले जब मैं चुनावों के चलते पैदल घूमता था तो सप्ताह भर चलने के बाद सड़क या यातायात के साधन मिल पाते थे लेकिन आज हर गांव में जाने के लिए साधन सुलभ हैं।
उन्होंने मुंबई की ट्रैफिक समस्या पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राजभवन से महामहिम को आने में डेढ़ घंटे लग गए तो यहाँ की आम जनता को कितना समय लगता होगा। उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री मोदी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है। यह मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व का नतीजा है कि उनके आह्वान पर पूरा विश्व योग दिवस मनाने लगता है। आपको बता दें कि महानगर के बोरीवली पश्चिम स्थित चीकू वाड़ी में उत्तराखंड की सर्वमान्य संस्था ‘गढ़वाल भ्रातृ मंडल’ की ओर से 91वां स्थापना दिवस के अवसर पर तीन दिवसीय ‘मुंबई उत्तराखंड महोत्सव’ का आयोजन किया गया था।
जिसमें अंतिम दिन मुख्यअतिथि के रूप में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी उपस्थित थे। इस अवसर पर स्थानीय विधायक सुनील राणे, सांसद गोपाल शेट्टी तथा स्थानीय पार्षद श्रीमती संगीता पाटिल ने भी अपने विचार प्रगट किये। सांसद गोपाल शेट्टी ने महामहिम का स्वागत करते हुए कहा कि जब कभी मैं उत्तराखंड की यात्रा पर जाता हूँ तो वहां की ग्रामीण जनता के प्रेमल व्यवहार का मुरीद हो जाता हूँ। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोग अपना वही प्रेमल व्यवहार, वही सद्भाव लेकर मुंबई आये और अपने कठोर परिश्रम के कारण सफलता के परचम लहराए। यह संभवतः पहला अवसर है जब किसी संस्था के सांस्कृतिक कार्यक्रम में कोई राज्यपाल पहुंचा हो।
इस अवसर पर अतिथि के रूप में पधारे अमरजीत मिश्रा कहा कि हमने सरकार से मांग की है कि देश की लोक संस्कृति और लोक कलाओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक स्वतंत्र मंत्रालय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने इसकी स्वीकृति देने का मन भी बना लिया है। इस अवसर पर उत्तराखंड की लोकभाषा की गायिका और यूट्यूब सनसनी प्रियंका मेहर ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।
गौरतलब है कि पिछले 20 दिसम्बर से आयोजित इस महोत्सव की शुरुआत नंदादेवी की जातयात्रा से हुई। कार्यक्रम के पहले दिन उत्तराखंड लोकगीत गायन और नृत्य प्रतिस्पर्धा का आयोजन किया गया। जबकि दूसरे दिन उत्तराखंड के प्रख्यात लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी और साथियों ने अपने गायन से दर्शकों का दिल जीत लिया। कार्यक्रम में नैनीताल के ओखलकांडा से आये कुमायूँनी छैलछबीली सांस्कृतिक संस्था के कलाकारों ने छोलिया नृत्य प्रस्तुत किया। सञ्चालन धनञ्जय रावत ने किया।