कई सालों के इंतजा’र के बाद बरेली को उसका गि’रा हुआ झुम’का वापि’स मिल गया है। शनिवार को इस झुमके का लोकार्प’ण केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने किया। झुमका लगाने की शुरुआत फिल्म ”मेरा साया” के गाने ”झुमका गिरा रे” के गोल्डन जुबली यानी की 50 साल पूरे होने पर की गई थी।
1966 में रिलीज हुई फिल्म ”मेरा साया” का गाना ”झुमका गिरा रे, बरेली के बाजा’र में” बहुत मश’हूर हुआ था। और इसी गाने से बरेली का नाम लोगों के ज़ह’न में घर कर गया। इस गाने में अभिनेत्री बरेली शहर में अपना गि’रा हुआ झुमका ढूं’ढ रही थीं। जिसकी तला’श 54 साल बाद 2020 में आ कर समा’प्त हुई।
दरअसल हुआ यह कि बरेली में एनएच 24 पर जीरो पॉइंट पर झुमका तिराहा बनाया गया है, जहां एक विशाल झुमका लगाया गया है। बरेली विकास प्राधिकर’ण और डॉ. केशव अग्रवाल के सहयोग से बरेली में एनएच 24 पर जीरो पॉइंट पर झुमका तिराहा बनाया गया है, जहां एक विशा’ल झुमका लगाया गया है।
बरेली विकास प्राधिकर’ण की यो’जना के तहत यह मेरा साया की अभिनेत्री साधना के लिए श्रद्धां’जलि भी होना थी। लेकिन पैसों की कमी के कार’ण यह मुम’किन नहीं हो सक। पर इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के मालिक डॉ. केशव अग्रवाल ने झुमका लगाने की जिम्मे’दारी ली। जिसके बाद बीडीए के सह’योग से झुमका लगकर तैयार हो गया।
बता दें कि बरेली शहर में भारत के इति’हास से जुड़ा बहुत कुछ मौजूद है। जैसे अहिक्षत्र का किला, जैन मंदिर, नाथ नगरी, बरेली का सूरमा, बरेली का मांझा, बरेली का फर्नीचर और बरेली की ज़री जरदोजी आदि जिनको पह’चान दिलाना बहुत ज़रूरी है।