पिछले साल बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ हुए देना बैंक और विजया बैंक के सफलता’पूर्वक विल’य के बाद वित्तमंत्री निर्मला सीतारम’ण ने अर्थव्यवस्था की गति को बढ़ा’वा देने के उद्देश्य से हाल ही में सार्वजनिक क्षे’त्र के 10 बैंकों का विल’य करने की घोष’णा की है। बैंकों का विल’य करके चार बड़े बैंक बनाए जाएंगे। केंद्र सरकार के इस कदम के परिणामस्वरूप देश में सार्वजनिक क्षे’त्र के बैंकों की कुल संख्या 18 से घटकर 12 हो जाएगी।
इसी मामले पर मंगलवार को पंजाब नेशनल बैंक ने कहा कि दूसरी दो बैंकों के विल’य के बाद बैंक का नाम बदलने का कोई ऑफर नहीं आया है। सरकार ने पीएनबी के साथ ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के विल’य का फ़ै’सला किया है।
यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के एक अधिकारी ने कहा कि सरकार विल’य के बाद बैंक का नया नाम घो’षित कर सकती है। और तीनों बैंकों का विलय 1 अप्रैल 2020 को व’जूद में आ जाएगा। एसबीआई के बाद यह नया बैंक दूसरा बड़ा बैंक होगा और इसका कुल व्यापा’र 18 लाख करोड़ रुपये का होगा।
पीएनबी ने एक ट्वीट में कहा, “पंजाब नेशनल बैंक यह स्प’ष्ट करता है कि बैंक का नाम बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल सार्वजनिक क्षेत्र के दस बैंकों का एक दूसरे में विल’य कर चार बैंक बनाने की घोष’णा की थी। ओबीसी और यूबीआई बैंक का पीएनबी में विल’य करने का फै’सला किया गया। इस विल’य के बाद पीएनबी सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा बड़ा बैंक बन जायेगा।”
इसके अलावा सिंडीकेट बैंक का केनरा बैंक में, इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक के साथ और इसी प्रकार आंध्र बैंक और कारपोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ विल’य करने की घो’षणा की गई।