बॉम्बे हाईकोर्ट ने पहले तो आरे कॉलोनी के पेड़ों को काटने पर 30 सितंबर तक की रोक लगा दी थी। लेकिन फिर बाद में पेड़ ना काटने की याचिका को ख़ारिज कर दिया था। जिसके बाद आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई का काम फिर से आरंभ हो गया था। जिसका आम जनता, पर्यावरणविद्, शिवसैनिकों और कई सिलेब्रिटीज़ ने कड़ा विरोध किया था.
बता दें कि शिवसेना के नेता आदित्य ठाकरे ने आरे कॉलोनी में मेट्रो शेड के लिए पेड़ों को काटने का विरोध कर रहे पर्यावरण कार्यकर्ताओं का समर्थन करते हुए उन्हें हिरासत में लिए जाने और उनको गिरफ़्तार किए जाने का विरोध करते हुए कहा कि आरे में पेड़ काटने वाले अधिकारियों को सत्ता में आते ही पीओके भेज देंगें। उल्लेखनीय है कि संबंधित इलाक़े में धारा 144 लागू कर दी गई थी। और विरोध प्रदर्शन कर रहे लगभग 100 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया था। जिनमें शिवसेना की उपनेता प्रियंका चतुर्वेदी भी शामिल थीं।
ग़ौरतलब है कि इस मामले पर लोग ग़ुस्से में हैं। और लगातार ट्वीट करके महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार और ब्रह्नमुम्बई महानगरपालिका की निंदा की जा रही है। बता दें कि आदित्य ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अनुरोध किया है कि वह महानगर पुलिस से प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज न करने को कहें। ग़ौरतलब है कि बांबे हाईकोर्ट ने पेड़ काटने के ख़िलाफ़ दायर सभी चारों याचिकायें इस आधार पर ख़ारिज की थीं, कि कॉलोनी के पेड़ों को काटने का मामला सुप्रीम कोर्ट और NGT में लंबित है।