राजस्थान कांग्रेस सरकार एक बार फिर अपनी पार्टी में एकता बनाए रखने में कामियाब रहे। सचिन पायलट आखिर पार्टी में लौट ही आए और सोमवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से सचिन पायलट ने मुलाकात भी की। मुलाक़ात के दौरान पायलट ने अपनी शिका’यतें भी बताई। सचिन पायलट को कांग्रेस हाईकमान द्वारा आश्वस्त किया गया कि उनकी शिका’यतों पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं कांग्रेस पार्टी में वापस लौटने के बाद सचिन पायलट द्वारा CNN-News18 से विशेष बातचीत की गई। सचिन पायलट द्वारा पल्लवी घोष के सवालों का जवाब देते हुए पायलट द्वरा सीएम अशोक गहलोत से लेकर हाईकमान के सामने रखी गई मांगों पर खुल कर बात की और कहा कि यह मेरी नहीं बल्कि उस जिम्म्मेदारी की बात है जो जनता ने हमें दी है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट द्वारा कहा गया कि, “डेढ़ साल पहले कांग्रेस ने गहलोत (अशोक गहलोत) को सीएम बनाया था और मैं डिप्टी सीएम था। मुझे पता है कि जिस तरह से हमने योजना बनाई, उस हिसाब से काम नहीं हो सका लेकिन मैंने सीएम बनाए जाने की कोई मांग नहीं की।” सचिन पायलट द्वारा सोनिया गांधी के अध्यक्ष होने से जुड़े एक सवाल पायलट ने कहा कि, “कांग्रेस सोनिया गांधी के नेतृत्व में एकजुट है, उनका कद पार्टी से परे है। वह सबकी सम’स्याओं को सुनती हैं। सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी वाड्रा पार्टी को आगे ले जाएंगे।”
सचिन पायलट ने सीएनएन न्यूज 18 के साथ बातचीत में कहा कि, “हम कई सालों से कांग्रेस के सदस्य हैं … हमने कुछ मुद्दे उठाए … हमने इसे आलाकमान के समक्ष उठाया और हमारी पार्टी लोकतांत्रिक है कि हमारी बात सुनी गई और मुझे समाधान मिला।” सचिन पायलट द्वारा कहा गया कि, “मेरा रुख हमेशा स्पष्ट था। हम एक बद’लाव चाहते थे। हमने अपनी राय दी। अब जब रोड मैप बन गया है, मुझे यकीन है कि जल्द ही बद’लाव होंगे। मुझे कई पदों पर काम करने का अवसर मिला है, लेकिन पद ही सब कुछ नहीं है। महत्वपूर्ण यह है कि आप दृढ़ विश्वास के साथ काम करें और आप उन लोगों के लिए जवाबदेह हैं जिन्होंने आपको वोट दिया है।”
सचिन पायलट द्वारा सहयोगियों पर प्राथमिकी दर्ज किये जाने के मामले पर कहा गया कि, “मेरे सहयोगियों के खि’लाफ एफआईआर दर्ज की गई। राजस्थान सरकार द्वारा कई कार्र’वाई की गई थीं। हमने स्पष्ट कर दिया था कि हम हाईकमान से बात कर रहे हैं। आरो’प लगाना बहुत आसान है। मैं इसमें नहीं पड़ना चाहता। मेरी दि’क्कतों की ओर ध्यान नहीं दिया गया। मैं आरो’पों से दुखी था और जो जां’च का आदेश दिया गया था उसने हमें और कड़े फैसले लेने को मज’बूर किया। हमने फैसला कर लिया था कि हमें सही तरीके से अपने मुद्दे उठाने हैं और इनका समाधान करना है।”
सचिन पायलट द्वारा कहा गया कि, “हमें वह नहीं करने दिया जा रहा था जो हम चाहते थे। सीएम गहलोत एक वरिष्ठ नेता हैं। गल’तफहमी हो सकती है लेकिन उन्हें सार्वजनिक करने की आवश्यकता नहीं है। मैं राजस्थान में कांग्रेस का नेतृत्व कर रहा हूं। हमने सरकार बनाने में मदद की लेकिन हमारे साथ गलत व्यवहार किया गया और एक ऐसा वक्त आया जब हमें अपनी आवाज उठाने को मज’बूर होना पड़ा।”
राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री द्वरा कहा गया कि,”किसी को भी बदले की राजनीति नहीं करनी चाहिए। साल 2013 में कांग्रेस सिर्फ 21 सीटों पर सिमट गई थी। मुझे राहुल गांधी ने पार्टी को फिर से उठाने का काम दिया। मेरे बारे में आशंकाएं जाहिर की गईं लेकिन हमने कड़ी मेहनत की और चुना’व जीता। 20 साल तक कांग्रेस में हर नेता के साथ काम किया। इसमें कुछ भी पर्सनल नहीं थी और मुझे लोगों को जवाब देना था। अगर मैं दि’क्कतों को हाईकमान के सामने नहीं रखता तो मैं लोगों और अपने साथ अन्याय कर रहा होता।”
सचिन पायलट ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयानों से जुड़े सवाल पर कहा कि, “मैंने अपने परिवार से संस्कार सीखें है। मैंने कभी ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं किया। अशोक जी उम्र में काफी बड़े हैं। काम के दौरान कुछ लगता है तो मेरा अधिकार है कि मैं उस पर सवाल उठाऊं। जैसे आ’रोप लगाए गए, आज वो सब सच दुनिया के सामने आ चुका है। दुख तो हर इंसान को होता है मैं भी इंसान हूं। राजनीति में कभी भी व्यक्तिगत द्वेष दु’र्भावना की कोई जगह नहीं है। मैंने ये कोशिश की है कि राजनैतिक संवाद में शब्दों का चयन हो बहुत सोच समझ कर आपनी बातों को रखा जाए।”