नोएडा – पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा से फिरौती मांगने की आरोपी सोनिया धवन ने इस हफ्ते के शुरुआत में फिर से पेटीएम ज्वाइन कर लिया है। इकॉनमिक टाइम्स ने कंपनी के सूत्रों के हवाले से यह खबर छापी है। आपको बता दें कि सोनिया पर विजय शेखर शर्मा से 20 करोड़ रुपये की फिरौती मांगने का आरोप था। पुलिस ने इस मामले के तीन आरोपियों को हिरासत में लिया था। गिरफ्तार किए गए तीन लोगों में सोनिया धवन भी थीं। दो हफ्ते पहले ही सोनिया को इलाहाबाद हाईकोर्ट से इस मामले में जमानत मिली थी। सोनिया, विजय शेखर की निजी सहायक के रूप में पेटीएम कंपनी में काम करती थी।
सोनिया के वकील प्रशांत त्रिपाठी का कहना है कि पिछले कुछ समय से कंपनी के मालिक दबाव डाल रहे थे कि वो कंपनी के शेयर उन्हें बेच दे। सोनिया को फंसाया गया है। वकील ने मनी कंट्रोल वेबसाइट से कहा, “सोनिया और उसके पति रूपक को 22 सितंबर को एक कॉल आई। जिसमें उनसे पांच करोड़ रुपए की मांग की गई। दो दिन बाद ही विजय शेखऱ शर्मा को वैसी कॉल मिली। धवन के एक भाई कहते हैं कि उन्हें फंसाया गया है और उनकी छवि को खराब करने की कोशिश की गई है।”
सोनिया धवन कभी एक अखबार में साधारण कर्मचारी हुआ करती थी, लेकिन पेटीएम पहुंचते ही उसकी किस्मत बदल गई और वह आठ वर्ष की छोटी सी अवधि में कंपनी की उपाध्यक्ष पद पर पहुंच गई। बताया जाता है कि सोनिया धवन विजय शेखर से जुड़ने से पहले अंग्रेजी अखबार समूह में बिजनेस ऑपरेशन मैनेजर के पद पर थी। इसी दौरान वह पेटीएम वन 97 कम्यूनिकेशन लिमिटेड के मालिक विजय शेखर शर्मा के संपर्क में आई। इसके बाद वह कंपनी में सेकेंडरी मीडिया कांट्रेक्ट के पद पर पेटीएम में आई।
विजय शेखर शर्मा की हर बिजनेस डील में सोनिया धवन जाया करती थी। आए दिन वह सिंगापुर, हांगकांग व बेंगलुरु का ट्रिप करती थीं। चीन की सबसे बड़ी कंपनी अलीबाबा को पेटीएम के संपर्क में लाने में सोनिया धवन की अहम भूमिका बताई जाती थी। सोनिया को मीडिया की सुर्खियों में बने रहने का उसको बहुत शौक था। यही वजह है कि मीडिया में प्रत्येक खबर के प्रकाशन भी उसकी अनुमति के बिना नहीं होता था।