देश मे लगातार 40 दिनों के लॉकडाउन के बाद अब फिर से 2 हफ्ते का लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है।इतने समय से देश मे लॉकडाउन होने से देश के साथ साथ राज्य की अर्थव्यवस्था पर काफी गहरा प्रभाव पड़ रहा है।उत्तर प्रदेश में खज़ाना खाली होने के कारण योगी सरकार अतिरिक्त संसाधन जुटाने की कोशिश कर रही है, साथ ही सरकार के गैर जरूरी खर्च में भी कटौती कर रही है।वहीं वित्त विभाग अब पेट्रोल-डीजल पर वैट बढ़ाने को लेकर भी विचार कर रहा है।
इस बारे में बात करते हुए,अधिकारी का कहना है कि,वर्तमान में पेट्रोल व डीजल की कीमत कई राज्यों से कम है। सरकार आकलन कर रही है कि यदि वैट की फिक्स दरों में कुछ वृद्धि की जाती है तो क्या फर्क पड़ेगा? अधिकारी के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 में पेट्रोल की अनुमानित खपत 470 करोड़ लीटर व डीजल की 1130 करोड़ लीटर रही है।ज्ञात हो कि,प्रदेश का वित्तीय वर्ष 2020- 2021 के पहले महीने अप्रैल में ही वित्त विभाग के राजस्व में भारी गिरावट आई है।स्थिति अब यह हो गयी है कि सरकार को इस अप्रैल महीने में वार्षिक लक्ष्य का मात्र 1.2 प्रतिशत राजस्व और 1.5 करेत्तर राजस्व प्राप्त हुआ है।
इस बारे में प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना का कहना है कि,कोरोना वायरस की वजह से राज्य को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है। हालांकि उनका कहना है कि इसके बावजूद सरकार वेलफेयर के कार्यों को लगातार करती रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने मंत्रियों और विधायकों के वेतन में 30 प्रतिशत की कटौती करने का फैसला किया है।इसके अलावा विधायक निधि को 1 साल के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।