हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में कोरोना वाय’रस के फैलाव की स्थिति को ‘कम्युनिटी ट्रांसमिशन’ बताया था। जिसके बाद देश भर में इसकी आलोचना होने लगी। लेकिन अब डब्लयूएचओ ने एनडीटीवी से बातचीत के दौरान अपनी गलती को स्वीकार किया। डब्लयूएचओ ने कहा कि सिचुएशन रिपोर्ट में गलती हुई थी जिसको अब सुधा’र लिए गया है। डब्लयूएचओ ने कहा कि भारत में अब भी ढेरों मामले है लेकिन यहां कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हो रहा है। दरअसल कोरोना वाय’रस के मामलों के सिलसिले में एक रिपोर्ट तैयार की गई है जिसमें चीन के कॉलम में ‘क्लस्टर ऑफ केसेज़’ लिखा गया था, वहीं भारत के कॉलम में बीमारी के फैलाव के स्तर को ‘कम्युनिटी ट्रांसमिशन’ बताया गया था।
डब्लयूएचओ की इस बात का केंद्र सरकार से सख्ती से इं’कार किया है कि यह वाय’रस भारत में तीसरी स्टेज यानी की कम्युनिटी ट्रांसमिशन के स्तर पर नहीं पहुंचा है। आपको बता दें कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन का मतलब है कि कोरोना वाय’रस के मामले तेज़ी से बढ़ते चले जाए और इस संक्रम’ण के फैलने के कार’ण पता ना लगें। भारत में शुक्रवा’र की सुबह तक कोरोना वाय’रस के 6,412 मामले सामने आ चुके है, जिनमें से 199 की जाने जा चुकी हैं। वहीं 401 लोग इसे ठीक होकर अपने अपने घर का चुके हैं।
डब्लयूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक बीमारी के फैलाव की जानकारी सदस्य देशों द्वारा खुद दी जाती है कि वाय’रस का फैलाव किस स्तर पर है। इसमें तीन कॉलम होते हैं – कोई पुष्ट मामले नहीं, छिटपुट मामले, क्लस्टर ऑफ केसेज़ और कम्युनिटी ट्रांसमिशन। चीन से फैले इस वाय’रस से पूरी दुनिया को ही अपनी चपेट में के लिया है। बता दें कि चीन में कोरोना वाय’रस का पहले मामला अज्ञात कार’ण से हुए न्यूमोनिया से शुरू हुआ था। शुक्रवा’र तक इस वाय’रस को फैले 100 दिन पूरे हो गए हैं।