देहरादून: अंकिता मर्डर केस (#AnkitaMurderCase) में सबूत मिटाए जाने की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है। उससे बड़ी चर्चा इस बात की है कि आखिर पुलकित आर्य के रिसॉर्ट पर बुलडोजर किसने चलाया। यह सवाल इसलिए भी उठ रहा है कि पौड़ी जिले के DM डॉ. विजय कुमार जोगदंडे और डीजीपी अशोक कुमार के बयान अलग-अलग हैं। सरकार ने भी साफतौर पर बुलडोजर चलाने की बात स्वीकार नहीं की है। CM धामी ने अवैध रिसॉर्ट्स को सील करने का निर्देश जरूर दिया।
पुलकित आर्या के रिसॉर्ट में रात के अंधेरे में हुए बुलडोजर एक्शन पर DM विजय जोगदंडे के बयान से कहानी में नया मोड़ आ गया है। अब सवाल यह उठ रहा कि जब ध्वस्तीकरण का कोई लिखित आदेश नहीं था और प्रशासन रिसॉर्ट को पहले ही सील कर चुका था फिर बुल्डोजर क्यों चलाया गया और किसने चलाया।
उत्तराखंड पुलिस के आधिकारिक ट्वीट में साफतौर पर कहा गया है कि बुलडोजर मुख्यमंत्री के आदेश पर चलाया गया। लेकिन, पौड़ी जिले के डीएम का कहना है कि उन्होंने रिसॉर्ट पर बुलडोजर चलाने का कोई आदेश नहीं दिया था। डीएम का बयान इसलिए भी सही माना जा सकता है कि जब रिसॉर्ट को पहले सील कर दिया गया था, फिर बुलडोजर क्यों चलाया जाता।
बुलडोजर चलाने के मामले में लोगों की गुस्से का शिकार हो चुकी विधायक रूणु बिष्ट डीएम, पुलिस और सरकार के अलावा तीसरा किरदार हैं। जिस वकत रिसॉर्ट पर जेसीबी चलाई जा रही थी भाजपा विधायक रेणु बिष्ट रात को मौके पर ही मौजूद थी। लोग सवाल कर रहे हैं कि रेणु बिष्ट वहां इतनी रात को जेसीबी के साथ क्या रही थी? यह भी कहा जा रहा है कि विधायक ने ही बुलडोजर चलावाया होगा!
बुलडोजर चलने से कमरे के भीतर मलबे के साथ बिखरा अंकिता का सामान बिखरा हुआ था। इन्हीं बातों को लेकर लोग कह रहे हैं कि आखिर बुलडोजर क्यों चलावा गया। अंकिता के कमरे में कई सबूत नष्ट हो सकते हैं। लेकिन, पुलिस का कहना है कि कमरे से सभी तरह के सबूत पहले ही जुटा लिए गए थे। कमरे की वीडियोग्राफी भी की गई है। DIG पी. रेणुका देवी ने बताया कि रिसॉर्ट में सभी साक्ष्य सुरक्षित हैं। कोई भी साक्ष्य नष्ट नहीं हुआ है।