उत्तराखंड: डंक मारने लगा डेंगू, दो और मरीज मिले

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देहरादून: डेंगू को रोकने के लिए लाख दावे किए जाते हैं। मच्छर के लार्वा को खत्म करने के लिए मोटा बजट खपा दिया जाता है। लेकिन, ना तो डेंगू रुकता है और ना लार्वा खत्म होता है। हर साल डेंगू से कई लोग पॉजिटिव होते हैं। कुछ की जानें तक चली जाती हैं। नगर निगम से लेकर स्वास्थ्य विभाग तक दावे तो करते हैं, लेकिन कुछ हासिल नहीं होता है।

राजधानी देहरादून में डेंगू के दो और मामले सामने आए हैं। कुल मिलाकर ये अब तक तीसरा मामला है। माजरा में 38 वर्षीय महिला और डालनवाला में 16 वर्षीय किशोर में डेंगू की पुष्टि हो गई। किशोर हरिद्वार बाईपास और महिला पटेलनगर के अस्पताल में भर्ती हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जिला मलेरिया अधिकारी सुभाष जोशी ने बताया कि फिलहाल दोनों की हालत सामान्य है, लेकिन एहतियात भी जरूरी है। डॉक्टरों की टीम दोनों का इलाज कर रही है। स्वास्थ्य विभाग सभी मरीजों की सेहत पर नजर रख रहा है। दोनों मरीजों को कई दिन पहले अस्पताल लाया गया था।

अब उनकी एलाइजा रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। दून में डेंगू के अब तक तीन मामले सामने आ चुके हैं। इससे पहले वसंत विहार स्थित एक निजी स्कूल के शिक्षक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अविनाश खन्ना के अनुसार, नगर निगम के पास 200 फॉगिंग मशीनें हैं। सभी वार्डों को एक-एक मशीन दी गई है। जिन गलियों में बड़ी गाड़ियां नहीं जा पा रही हैं, वहां दोपहिया से फॉगिंग की जा रही है।

डेंगू का लार्वा नष्ट करने को वार्ड एवं पंचायतवार टीमें लगाई गई हैं। जिला मलेरिया नियंत्रण अधिकारी सुभाष जोशी के मुताबिक, दून में 100 क्यूआरटी हैं। सौ जगहों पर लार्वा नष्ट किया है। सीएमओ डॉ. मनोज उप्रेती ने बताया कि सभी अस्पतालों में बेड आरक्षित कर आइसोलेशन वार्ड बना दिए गए हैं। दून, कोरोनेशन, गांधी, प्रेमनगर, रायपुर अस्पताल में डेंगू वार्ड बनाया गया है। दून, ऋषिकेश, कोरोनेशन, रायपुर, विकासनगर और प्रेमनगर में एलाइजा जांच की व्यवस्था है। बाकी जगह रैपिड टेस्ट हो रहे हैं। ब्लड बैंकों को प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ने पर तैयार रहने को कहा गया है।